Header advertisement

बिहार : सरकार की उदासीनता, लापरवाही और अकर्मण्यता के कारण राज्य में कोरोना महामारी लेती जा रही है विकराल रूप : तेजस्वी यादव

नई दिल्ली : विगत 5 महीनों से बिहार सरकार की उदासीनता, लापरवाही और अकर्मण्यता के कारण बिहार में कोरोना महामारी विकराल रूप लेती जा रही है और स्थिति विस्फोटक होने की ओर अग्रसर है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे है कि बिहार में आगामी 2-3 महीनों में लाखों लोगों को संक्रमित होने का ख़तरा है। अगर प्रतीक में कहें तो बिहार आने वाले ज्वालमुखी के अंदेशे से परेशानी में है.

कोरोना महामारी  ने 15 वर्षों के छद्म सुशासनी विकास की परतें और वास्तविक तथ्यों को उजागर कर रख दिया है. पिछले पंद्रह वर्षों में चरमरायी स्वास्थ्य व्यवस्था ने खुद अपना सच बताना शुरू कर दिया है। नीति आयोग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), यूनिसेफ़(UNICEF) इत्यादि संस्थानों के मूल्यांकन में बिहार लगातार फिसड्डी और अंतिम पायदान पर रहा है। यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट ने बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर बिहार सरकार को कई बार फटकार लगायी है। केंद्र से आई तीन सदस्यीय टीम ने बिहार सरकार की सारी पोल खोल दी।  कोरोना से लड़ने के लिए बिहार सरकार ने कोई प्रबंधन नहीं किया चाहे प्रवासी मजदूरों का मसला हो या बदहाल स्वास्थ्य अधिसंरचना के मुद्दे सरकार ने पहलकदमी लेने और त्वरित कारवाई और उपाय करने की बजाय सबकुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया.

आम लोगों में इस महामारी की चिंताओं के बावजूद कोई नए अस्पताल नहीं बने. उपलब्ध अस्पतालों का क्षमता वर्धन नहीं किया गया. आबादी और संक्रमण की बढती संख्या के आलोक में अगर वेंटीलेटर आदि की बात करें तो चिंता और भयावह हो जाती है. पूरा देश इस बात को समझ पाने में असर्थ है कि 5 महीनों बाद भी बिहार में जाँच के नाम पर खानापूर्ति क्यों हो रही है? हमने मार्च के महीने से ही सरकार से विनती की और सकारात्मक सुझावों से आगाह करते रहे की जन स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें,राजनीति किसी और दिन कर लेंगे लेकिन इस सरकार के कानों तक जूं भी नहीं रेंगी. उलटे हमारे सुझावों और सलाह पर नकारात्मक टिपण्णी की गयी.

हम सब जानते हैं की चाहे रोज़गार का सवाल हो या अपराध, शिक्षा और स्वास्थ्य का या फिर प्रवासी मजदूर भाइयों के अपमान के सवाल हो साफ़ दिख रहा है कि ड़बल इंजन सरकार के खिलाफ असंतोष और बदलाव बिहार के हर हिस्से में है.

रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *