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मुस्लिम भिखारी की अजमेर में हुई पिटाई पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने मुख्य सचिव से माँगा जवाब

मुस्लिम भिखारी की अजमेर में हुई पिटाई पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने मुख्य सचिव से माँगा जवाब

नाहिदा बेग
राजस्थान। अजमेर में भिखारी के साथ हुई मारपीट के मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने मुख्य सचिव राजस्थान सरकार को नोटिस भेज कर सात दिनों में जवाब तलब किया है।
आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष आतिफ रशीद ने बताया कि एनसीएम के निर्देशानुसार, आयोग ने अजमेर में अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित भिखारी के साथ मारपीट के मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुये मुख्य सचिव राजस्थान को नोटिस भेज कर सात दिनों में जवाब माँगा है। नोटिस में लिखा गया है कि भिखारी को केवल इसलिये पीटा गया क्योंकि वह अल्पसंख्यक समुदाय से है। सांप्रदायिक आधार पर हिंसा की ऐसी घटनाएं हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं और पूरे देश में अल्पसंख्यकों में असुरक्षा पैदा करती हैं।घटना की गम्भीरग को देखते हुये आयोग मुख्य सचिव को घटना की जांच करने और इस पत्र की प्राप्ति के 7 दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करने का निर्देश देता है। जिसमें उसके खिलाफ की जाने वाली प्रस्तावित कार्रवाई का विवरण होना है। जिन पुलिस अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन नहीं किया है,उनके ख़िलाफ़ क्या कार्यवाही की गयी। आरोपितों पर किन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया और कितने आरोपितों को गिरफ़्तार किया गया। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए क्या निवारक उपाय किए गए हैं।
नोटिस में कहा गया है कि निर्धारित समय के भीतर रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने की स्थिति में आयोग एनसीएम अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार आगे की कार्रवाई शुरू करने के लिए बाध्य होगा।
बता दें कि अजमेर में भीख मांगने वाले एक शख्स के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है। शहर में स्थित रामगंज थाना क्षेत्र में कानपुर का रहने वाला एक मुस्लिम परिवार भीख मांगकर अपना गुजारा कर रहा था। इस दौरान सुभाष नगर में कुछ लोगों ने इन्हें घेर लिया और इनके साथ मारपीट की। वीडियो में ललित शर्मा नाम का व्यक्ति भिखारियों को पीटते हुये उन्हें पाकिस्तान जाने को कहता हुआ दिख रहा है। किसी ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट होने के बाद ये वायरल हो गया। जिसके बाद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है।

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