Header advertisement

दिल्ली दंगाः पीट-पीटकर राष्ट्रगान गवाने वाले तीन पुलिसकर्मियों की हुई पहचान

दिल्ली दंगाः पीट-पीटकर राष्ट्रगान गवाने वाले तीन पुलिसकर्मियों की हुई पहचान

नई दिल्ली
पिछले साल नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों में 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे। उस दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पाँच लोग सड़क किनारे घायल पड़े हुए थे। वीडियो में दिख रहा था कि पुलिस उनसे राष्ट्रगान गाने के लिए बोल रही थी। घायलों में से एक की मौत हो गयी थी। वीडियो के वायरल होने के बाद उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग उठी थी।
ख़बर है कि दिल्ली पुलिस ने वीडियो में दिखाई दे रहे पुलिसकर्मियों की पहचान कर ली है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली सशस्त्र पुलिस में तैनात तीनों कर्मियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाएगा। क्राइम ब्रांच की विशेष जांच इकाई ने 100 से अधिक पुलिस कर्मियों से पूछताछ की और दंगों के दौरान बाहर से तैनात पुलिसकर्मियों के ड्यूटी चार्ट सहित कई दस्तावेजों को स्कैन किया।
एक सीनियर अधिकारी ने बताया लगभग 17 महीनों के बाद, पुलिस ने तीन पुलिसकर्मियों को चुना है, और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया है। उनकी सहमति लेने के बाद उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाएगा। यह काम पुलिस के लिए इसलिए कठिन था। क्योंकि जिस जगह पर यह घटना हुई थी। वह स्थान, 66 फुटा रोड, तीन से चार पुलिस थानों से घिरा हुआ है और सभी के कर्मी वहां दंगे रोकने के लिए तैनात थे।


वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने दंगों से प्रभावित रहे उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दौरे के दौरान कहा कि शांति एवं सौहर्द को बिगाड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान करने के साथ ही उन्हें कानून के अनुसार सजा दिलाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कोई समुदाय या धर्म बुरा नहीं है। धर्म का अनुसरण करने वाले लोग बुरे नहीं हैं लेकिन हर समुदाय में कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्हें मैं असामाजिक तत्व कहता हूँ और जिनकी वजह से माहौल खराब होता है। पुलिस आयुक्त ने कहा हमें समाज के भीतर मौजूद ऐसे लोगों की पहचान करने का प्रयास करना चाहिए और उन्हें कानून के अनुसार सजा दिलानी चाहिए। इस क्षेत्र में जो भी शांति स्थापित हुई है वो ऐसे ही कार्यक्रमों के चलते हुई है। शांति स्थापित हुई है क्योंकि लोगों का विश्वास है कि समाज में हिंसा को कोई स्थान नहीं है।
अस्थाना ने कहा जब दंगे हुए, उस दौरान मैं दिल्ली पुलिस में नहीं था। हालांकि, एक पुलिस अधिकारी होने के नाते इस बारे में सुनना मेरे लिए बेहद दुखद था। मुझे अफसोस था कि इस तरह की समस्या दिल्ली जैसे शहर में उत्पन्न हुई, जहां लोग दंगे जैसी बात पूरी तरह भूल चुके थे। अस्थाना ने सांप्रदायिक सौहार्द के विषय पर आधारित कार्यक्रम ‘उम्मीद- एक कदम एक साथ, बेहतर कल की ओर’ के दौरान यह बात कही। पुलिस प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के बाद यह उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्षेत्र का उनका पहला दौरा था।


कार्यक्रम का आयोजन उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस द्वारा श्यामलाल कॉलेज में किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछले साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के सांप्रदायिक दंगों के दौरान 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 से अधिक घायल हुए।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *