नई दिल्लीः देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बनने के बाद मुग़लकालीन इमारतों को लेकर विवाद शुरु हो गया है। कई वर्ष पहले दिल्ली के लुटियंस ज़ोन स्थित औरंगज़ेब रोड का नाम बदल दिया था। यह कार्य एनडीएमसी ने किया था, जिस पर काफी विवाद भी हुआ था। इसी क्रम में अब लुटियंस दिल्ली के औरंगज़ेब लेन के दो साइनबोर्ड्स के साथ छेड़खानी की गई है। पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों को हिरासत में लिया है। दिल्ली पुलिस द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार उन्हें सुबह 5:40 मिनट पर सूचना मिली कि कुछ लोग तुगलक रोड के औरंगज़ेब लेन पर जमे हुए हैं।
मौके पर पहुंचने के बाद पुलिस ने पाया कि करीब 11 लोग औरंगज़ेब लेन की कई साइन बोर्ड के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। इन लोगों ने औरंगज़ेब की जगह गुरु तेगबहादुर के पोस्टर लगा दिए थे। पुलिस अफसरों ने बताया कि साइनबोर्ड्स के साथ छेड़छाड़ के मामले में करीब 11 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि अभी तक साइनबोर्ड के साथ छेड़छाड़ करने वाले लोगों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। हिरासत में लिए गए सभी आरोपियों को तुगलक रोड स्थित पुलिस स्टेशन ले जाया गया है और क़ानूनी कारवाई की जा रही है।
जानकारी के लिये बता दें कि इससे पहले भी औरंगज़ेब लेन का नाम बदलने की कोशिश की गयी थी और उनके साइन बोर्ड को काले रंग से पोत दिया गया था। 2019 में शिरोमणि अकाली दल के एमएलए मनजिंदर सिंह सिरसा ने औरंगज़ेब लेन के साइनबोर्ड्स पर कालिख पोत दी थी और कहा था कि औरंगज़ेब एक ‘हत्यारा’ था जिसने गुरु तेग बहादुर की हत्या की और गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों को प्रताड़ित किया। अकाली दल के विधायक सिरसा ने कहा था कि यह चौंकाने वाली बात है कि सिख गुरुओं पर अत्याचारों के बावजूद औरंगज़ेब का महिमामंडन किया गया। इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
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