नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने एमसीडी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों से कैशलेस स्वास्थ्य बीमा के नाम पर 221 करोड़ रुपए लेने के बावजूद प्राइवेट अस्पतालों को लंबित भुगतान नहीं करने पर भारतीय जनता पार्टी की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने कैशलेस स्वास्थ्य बीमा के नाम पर 34 हजार सेवानिवृत्त कर्मचारियों से करीब 221 करोड़ रुपए लिए, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों को उसने पैसे नहीं दिए। दुर्गेश पाठक ने बताया कि एमसीडी ने ग्रुप ए के सेवानिवृत्त कर्मचारियों से 1.20 लाख, बी से 78 हजार, सी से 54 हजार और ग्रुप डी से 30 हजार रुपए लिए थे, ताकि वे प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे। भाजपा के इस शर्मनाक कृत्य ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दर-दर भटकने के लिए मजबूर कर दिया है और उन्हें कोई चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने भाजपा शासित एमसीडी से अपील की कि वो बुजुर्गों से लिए गए 221 करोड़ रुपए से प्राइवेट अस्पतालों का लंबित भुगतान करे, ताकि उन्हें इलाज में दिक्कत न आए।
पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम के लगभग 34000 सेवानिवृत्त ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्होंने रिटायरमेंट के समय नगर निगम वह पॉलिसी ली थी, जिसके द्वारा वह तमाम सेवानिवृत्त कर्मचारी बीमारी के समय मुफ्त में दिल्ली के अस्पतालों में अपना इलाज करा सकें और उन्हें अस्पताल के धक्के न खाने पड़े। परंतु आज भारतीय जनता पार्टी के भ्रष्टाचार के कारण वह तमाम 34000 कर्मचारी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि जीवन भर हर व्यक्ति की यही कोशिश होती है कि वो खूब मेहनत करें और अपनी मेहनत की कमाई से अपने परिवार को पाले, बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करे, अपना खुद का एक घर बना सके और बुढ़ापे में अपने जीवन यापन की व्यवस्था कर सके। बुढ़ापे में उसे यदि किसी प्रकार की बीमारी हो तो उसको अस्पतालों में धक्के न खाने पड़े, उसके लिए प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार की व्यवस्था करता है। उन्होंने बताया कि इन तमाम कर्मचारियों ने रिटायरमेंट के समय नगर निगम की हेल्थ पॉलिसी ली थी। इसका नियम यह था कि यदि इनमें से कोई भी व्यक्ति बीमार पड़ता है, तो वह दिल्ली के किसी भी निजी अस्पताल में अपना इलाज करा सकेगा और जो भी बिल होगा, उसका भुगतान नगर निगम करेगी। यह भाजपा शासित नगर निगम की ओर से एक प्रकार का इंश्योरेंस था। दुर्गेश पाठक ने बताया कि इस पॉलिसी के लिए इन तमाम कर्मचारियों से रिटायरमेंट के समय एक राशि नगर निगम में ली थी, जो निम्न प्रकार है….
-ग्रुप ए के कर्मचारियों से रिटायरमेंट के समय 1,20,000 रुपए लिए गए।
-ग्रुप बी के कर्मचारियों से रिटायरमेंट के समय 78,000 रुपए लिए गए।
-ग्रुप सी के कर्मचारियों से रिटायरमेंट के समय 54,000 रुपए लिए गए।
-ग्रुप डी के कर्मचारियों से रिटायरमेंट के समय 30000 रुपए लिए गए।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि यदि इन सभी 34000 सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा दिए गए पैसों को जोड़कर देखा जाए तो लगभग 221 करोड रुपए इन तमाम कर्मचारियों के द्वारा भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम को दिया गया। यह बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा शासित नगर निगम ने इन 34000 कर्मचारियों से हेल्थ इंश्योरेंस के नाम पर पैसा तो ले लिया, परंतु प्राइवेट अस्पतालों को इलाज के लिए भुगतान नहीं किया और आज स्थिति यह हो गई है कि यह तमाम कर्मचारी, जिन्होंने पॉलिसी लेते समय यह सोचा था, कि अब उनका बुढ़ापा सुकून से गुजरेगा, वह सभी अपने इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी जिसने पिछले 14 साल में दिल्ली नगर निगम को हर तरह से लूट लिया है, अब इतनी बेशर्मी पर उतर आई है कि जो बुजुर्ग नगर निगम से रिटायर हुए और अपना बुढ़ापा चैन से गुजारने के लिए जो अपने खून पसीने की गाढ़ी कमाई उन्होंने भाजपा शासित नगर निगम को हेल्थ पॉलिसी के बदले में जमा कराई थी, यह भाजपा वाले उन बुजुर्गों की उस खून पसीने की गाढ़ी कमाई को भी खा गए। एक न्यूज चैनल पर दिखाए गए एक सेवानिवृत्त निगम के कर्मचारी के वीडियो का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वह बुजुर्ग उस वीडियो में अपनी व्यथा बताते हुए बुरी तरह से रोने लगे। दुर्गेश पाठक ने भाजपा के नेताओं से अपील करते हुए कहा कि आपने पिछले कई महीनों से निगम के लगभग 125000 कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया है और इन 34000 रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन भी पिछले कई महीनों से नहीं मिली है, परंतु कम से कम इन बुजुर्ग कर्मचारियों ने अपने स्वास्थ्य के संबंध में जो अपने खून पसीने की गाढ़ी कमाई आपको दी थी, वह लगभग 221 करोड रुपए आप जल्द से जल्द उस पॉलिसी के नियमों के तहत अस्पतालों को दे दें, ताकि यह तमाम बुजुर्ग अपनी बीमारियों का इलाज करा सके और इस बुढ़ापे में इनको अस्पतालों के चक्कर न काटने पड़ें, अस्पतालों में धक्के न खाने पड़े।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम से आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष विकास गोयल ने कहा कि जब कोई कर्मचारी रिटायर होता है, तो उसका सपना होता है कि सरकार उसका ख्याल रखें। भाजपा शासित एमसीडी ने कर्मचारियों से कहा था कि आप स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने के लिए कुछ पैसे एमसीडी में जमा कराइए जिन के बदले में उन्हें मुफ्त में चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। 34000 रिटायर कर्मचारियों ने 221 करोड रुपए एमसीडी में जमा करा दिए, एमसीडी ने अस्पतालों में वह पैसा जमा नहीं कराया, जिसकी वजह से अस्पतालों ने उन सेवानिवृत्त कर्मचारियों का इलाज करने से इंकार कर दिया। आज रिटायर बुजुर्ग कर्मचारी अपना इलाज कराने के लिए दर दर की ठोकर खा रहे हैं, प्राइवेट अस्पतालों ने उनका इलाज करने से मना कर दिया है, यह रिटायर बुजुर्ग और कर्मचारी एमसीडी के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि एक 80 साल के बुजुर्ग मेरे पास आए थे, उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को कैंसर हो गया, उन्होंने अपने गहने बेचकर ऑपरेशन कराया। आज उनके पास दवाई के लिए भी पैसे नहीं है। वह पिछले 3 महीने से एमसीडी के चक्कर काट रहे हैं कि उनके कुछ तो पैसे जारी कर दिए जाएं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पिछले 4 महीने से इन रिटायर कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल रही है। एक तरफ पेंशन नहीं मिल रही है, तो दूसरी तरफ जो उनका कैशलेस इलाज था, वह भी बंद हो चुका है। मैं भाजपा के नेताओं कहना चाहता हूं कि आप बहुत बड़ा पाप कर रहे हैं। जिन बुजुर्गों की हमें सेवा करनी चाहिए आज वह लोग दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। अगर आपके अंदर जरा सी भी दया की भावना है, तो फिर सेवानिवृत्त कर्मचारियों का पेंशन तुरंत जारी किया जाए और उनका कैशलेस इलाज भी शुरू किया जाए।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम से आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी के अंदर दया भावना बिल्कुल खत्म हो चुकी है। जो एमसीडी कर्मचारी दिल्ली की सफाई में बहुत बड़ा योगदान निभा रहे हैं, उन कर्मचारियों को अगर समय पर पेंशन न मिले और जो पैसा उन्होंने कैशलेस सुविधा के लिए जमा कराया था, उसका आज उन्हें फायदा नहीं मिल पा रहा है, यह रिटायर कर्मचारी कैशलैस इलाज के लिए पैसा जमा करा चुके हैं, लेकिन जब यह इलाज के लिए अस्पतालों में जाते हैं, तो इनका इलाज नहीं किया जा रहा है। प्राइवेट अस्पताल साफ मना कर देते हैं कि हम आप का इलाज नहीं कर सकते। अगर आप को इस अस्पताल में इलाज कराना है, तो पैसा जमा कराना होगा। मेरे पास एमसीडी के कुछ वरिष्ठ रिटायर कर्मचारी आए। उन्होंने बताया कि हमने चिकित्सा के लिए पैसा इसलिए जमा कराया था कि हमें अपने बच्चों पर निर्भर न रहना पड़े। लेकिन एमसीडी ने आज हमें उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां हम अपने बच्चों की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देखते हैं कि वह हमारा इलाज करा सकें। भाजपा के नेताओं को शर्म आनी चाहिए कि यह कर्मचारी अपने घर वालों का सही से इलाज नहीं करा सकते तो फिर यह दिल्ली की सेवा कैसे करेंगे। दिल्ली की जनता सिरे से भाजपा को नकार चुकी है। मैं भाजपा के नेताओं से कहना चाहता हूं कि आप अपनी नींद से जाग जाएं, नहीं तो यह सेवानिवृत्त कर्मचारी आपके खिलाफ झंडा लेकर चलेंगे और आपके भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम करेंगे।
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