नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोगों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से एलएनजेपी अस्पताल में 1500 बेड के मल्टी स्पेशियलिटी ब्लाॅक की आज आधारशिला रखी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दो-ढाई साल के अंदर 1500 बेड जुड़ने के बाद एलएनजेपी 3800 बेड का हो जाएगा, जो अत्याधुनिक डिजाइन और आधुनिक चिकित्सा बुनियादी ढांचे के साथ देश का सबसे बड़ा अस्पताल होगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी सुविधाओं से युक्त 1500 बेड बनाने में करीब 450 करोड़ रुपए खर्च आने की उम्मीद है। हम अपने सभी प्रोजेक्ट समय से पूरा करने के साथ ही पैसे भी बचा रहे हैं, जबकि अन्य राज्य सरकारों के प्रोजेक्ट पूरे होने में 10-10 साल लग जाते हैं और 200 करोड़ का बजट है, तो बढ़ कर हजार करोड़ का हो जाता है। उन्होंने आगे कहा कि ‘रेड लाइट आॅन, गाड़ी आॅफ’ अभियान वाहन प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने दिल्ली के सभी लोगों से इस अभियान का हिस्सा बनने और दूसरों को भी जागरूक करने की अपील की। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि सीएम का सपना दिल्ली को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं देने का है और एलएनजेपी अस्पताल का इस दिशा में बहुत बड़ा योगदान रहेगा। पूरी तरह से वातानुकूलित मेडिकल ब्लाॅक में एक ही छत के नीचे सभी आधुनिक मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध होंगी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग प्वाइंट की सुविधा भी दी जाएगी।
एलएनजेपी अस्पताल में 1500 बेड के मेडिकल ब्लाॅक की आधारशिला रखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज बहुत ही खुशी का दिन है कि अत्याधुनिक विश्व स्तरीय तकनीकी से एलएनजेपी अस्पताल में नया मेडिकल ब्लॉक बनने जा रहा है। इस ब्लाॅक में 1500 बेड जोड़े जा रहे हैं। अभी एलएनजेपी अस्पताल में 2000 पहले से ही बेड हैं। यह 1500 जोड़े जाने के बाद एलएनजेपी अस्पताल में 3500 बेड हो जाएगी। बताया गया है कि अस्पताल के एक अन्य ब्लाॅक में भी 300 बेड और बनाए जा रहे हैं। इस तरह, अगले दो से ढाई साल के अंदर एलएनजेपी अस्पताल 3800 बेड का अस्पताल हो जाएगा, जो पूरे देश के अंदर सबसे बड़े अस्पतालों में से एक होगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल काफी क्षेत्रफल में फैला हुआ है। उस पूरे एरिया के अंदर कुल 2000 बेड हैं, जबकि अस्पताल के अंदर खाली एक छोटी सी जगह के अंदर 25 मंजिला बिल्डिंग बन रही है, जिसमें 1500 बेड होंगे। एक तरह से इसमें आर्किटेक्ट ने भी काफी अच्छा काम किया है और इसकी आधुनिक डिजाइन है, जिससे कि बाद में भी कोई बदलाव किया जा सकता है और नई सुविधाएं जोड़ी जा सकती हैं। इस अस्पताल में मेडिकल सुविधाएं भी सबसे आधुनिक होंगी। मुझे खुशी है कि दिल्ली के रहने वाले लोग देश की राजधानी में रहते हैं, तो देश की राजधानी में रहते हुए उन्हें विश्वस्तरीय मेडिकल सुविधाएं मिलनी चाहिए। दिल्ली दुनिया के किसी भी देश से कम नहीं होना चाहिए।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 5 साल में हम एक-एक करके बहुत सारी नई-नई सुविधाएं दिल्ली के अंदर जोड़ते जा रहे हैं और उसी क्रम के अंदर अब एलएनजेपी अस्पताल के अंदर एक तरह से बहुत ही अत्याधुनिक ब्लाॅक जोड़ा जा रहा है। अस्पताल में आपको दुनिया की सबसे अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। पूरा अस्पताल वातानुकूलित होगा और इसका खर्चा करीब 30 लाख रुपए प्रति बेड है, अर्थात एक बेड बनाने का खर्च करीब 30 लाख रुपए आ रहा है और 1500 बेड बनाने में करीब 450 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है। देश के अंदर इस वक्त चाहे केंद्र सरकार या कोई राज्य सरकार हों, कहीं पर भी जो अस्पताल बन रहे हैं, उसमें खर्चा सवा करोड़ रुपए से डेढ़ करोड़ रुपए प्रति बेड आता है और दिल्ली सरकार के अंदर जब हम सबसे अधिक अत्याधुनिक बेड बनाते हैं, तो 30 लाख रुपए का खर्च प्रति बेड आता है। हमारे हॉस्पिटल केंद्रितकृत वातानुकूलित बनते हैं और दूसरे राज्यों में जो सवा करोड़ से डेढ करोड़ रुपए प्रति बेड के हॉस्पिटल बनते हैं, उनमें शायद एयरकंडीशन और ऐसी सुविधाएं भी नहीं होती होंगी।ं यह सिर्फ ईमानदारी का कमाल है, अगर इमानदार सरकार हो, तो पैसे की बचत होती है, एक-एक पैसा बचाया जाता है और वह पैसा जनता के काम आता है।
सीएम अरविंद केजरीवारल ने कहा कि इस कोरोना काल के अंदरएलएनजेपी अस्पताल ने बहुत ही सराहनीय कार्य किया है। अस्पताल के सभी डाॅक्टर और नर्सों को मैं दिल्ली और देश की की जनता की तरफ से सलाम करता हूं। आप लोगों ने बहुत ज्यादा मेहनत की है, आपने लोगों की दिन-रात सेवा की है। इस दौरान हमारे कुछ डाॅक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ शहीद भी हो गए, हम उनकी शहादत को भी सलाम करते हैं। दिल्ली सरकार शायद पूरे देश के अंदर अकेली सरकार है, जिसने उनकी शहादत के सम्मान में हर परिवार को एक करोड रुपए की मरणोपरांत राशि भी दी है। वैसे तो किसी भी व्यक्ति की जान की कीमत नहीं लगाई जा सकती है, लेकिन यह एक तरह से उनके परिवार को दिखाता है कि सारा देश आपका सम्मान करता है और आपकी शहादत को नमन करता है। मैं आप सब लोगों को सलाम करता हूं। कोरोना काल के अंदर एलएनजेपी अस्पताल ने बहुत अच्छा काम किया, उसको भी मैं सलाम करता हूं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता को बहुत-बहुत बधाई देता हूं कि इतना शानदार अत्याधुनिक अस्पताल बनने जा रहा है। मैने देखा कि कागजों में लिखा हुआ है कि इसके बनने में 30 महीने लगेंगे, लेकिन हमारे स्वास्थ्य मंत्री बता रहे हैं कि 2 साल यानि 24 महीने में ही बना देंगे। फिर भी हम इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में 30 महीने मान कर चलें। दिल्ली में अभी जितने भी प्रोजेक्ट हो रहे हैं, वो सारे प्रोजेक्ट समय से पहले खत्म हो रहे हैं और हर प्रोजेक्ट में पैसे बच रहे हैं। इससे पहले हम देखते थे कि जितने भी सरकारी प्रोजेक्ट होते थे, उसका काम 2 साल में पूरा होना होता था, तो उसे पूरा होने में 10-10 साल लग जाते थे और वह प्रोजेक्ट पहले 200 करोड़ रुपए का होता था, लेकिन पूरा होने तक हजार करोड़ रुपए का हो जाता था। पिछले 5 साल से दिल्ली में जितने भी सरकारी प्रोजेक्ट हैं, वो सभी समय से पहले पूरे हो रहे हैं और हम हर प्रोजेक्ट में पैसे बचा रहे हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कुछ दिनों से प्रदूषण बढ़ गया है। पिछले तीन-चार साल से पूरे समय दिल्ली का प्रदूषण लगभग ठीक रहता है। जनवरी-फरवरी से सितंबर तक प्रदूषण ठीक रहता है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर और दिसंबर में प्रदूषण बढ़ जाता है। पड़ोसी राज्यों से पराली का धुंआ आता है, उस वजह से प्रदूषण बढ़ जाता है। हम सभी राज्य सरकारों और केंद्र साथ मिल कर उसका भी इंतजार करेंगे। लेकिन हमें इस समय कोशिश करनी है कि हम अपनी दिल्ली का धुंआ कम से कम रखें। बाहर वाले धुंआ पर हमारा अपना नियंत्रण नहीं है, लेकिन दिल्ली का धुंआ हम सब मिलकर कम कर सकते हैं, इसके लिए दिल्ली सरकार की तरफ से कई सारे कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली में सबसे ज्यादा धुंआ वाहनों का होता है। दिल्ली सरकार द्वारा पूरे दिल्ली में अभी यह अभियान चल रहा है कि अगर रेड लाइट है और आप रूकते हो, तो अपनी गाड़ी को आप बंद कर लो। एक औसत देखा गया कि जब एक व्यक्ति अपने घर से निकलता है और शाम तक घर पहुंचता है, तो वह करीब 20 से 25 मिनट तक वह रेड लाइट पर गुजारता है और इस दौरान अगर उसकी गाड़ी चालू हालत में रहती है, तो उससे काफी प्रदूषण होता है। अगर हम उस समय अपनी गाड़ी बंद कर लें, तो प्रदूषण से भी निजात मिलेगी और तेल की भी बचत होगी, आपके घर के पैसे भी बचत होगी। इसलिए यहां उपस्थित सभी लोगों को आज यह शपथ लेनी है कि ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी आँफ’ अभियान का हिस्सा बनेंगे। साथ ही अगर आप रेड लाइट पर खड़े हैं और बगल वाले की गाड़ी चालू हालत में हो, तो उसको भी अपनी गाड़ी बंद करने की अपील करेंगे। हम सभी को मिल कर दिल्ली का प्रदूषण कम करना है।
इससे पहले, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि आज बहुत ही खुशी का दिन है। आज हम एलएनजेपी हॉस्पिटल के अंदर 1500 बेड का मेडिकल ब्लॉक बनाने के लिए आधारशिला रख रहे हैं। इस ब्लाॅक को बनाने के लिए अस्पताल के अंदर बहुत थोड़ी सी जगह है, जहां 50 बेड बनाना भी मुश्किल काम लगता है और हम उतनी ही जगह में 1500 बेड बनाए जा रहे हैं। यह देश की सबसे ऊंची हॉस्पिटल बिल्डिंग होगी। यह अस्पताल 25 मंजिला होगी, जिसमें तीन मंजिल जमीन के नीचे होगी और 22 मंजिल जमीन के ऊपर बनाई जाएगी। मैं यह कह सकता हूं कि इस अस्पताल की बिल्डिंग अपने आप में सबसे अत्याधुनिक होगी और आप किसी को दिखाने के लिए ला सकते हैं और उससे कह सकते हैं कि दिल्ली में सरकारी अस्पताल की बिल्डिंग भी ही ऐसी होती हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह अस्पताल पूरी तरह से वातानुकूलित होता होगा। अस्पताल में कई आॅपरेशन थियेटर होंगे, आपको जगह-जगह भटकना नहीं पड़ेगा। अभी तक अस्पतालों में टेस्ट कहीं और होते हैं और एमआरआई कहीं और होता है, इससे लोगों को परेशान होना पड़ता है। जबकि इस बिल्डिंग में ओटी, एमआरआई, टेस्ट समेत सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री का विजन है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं देनी है। मुझे लगता है कि उस तरफ बढ़ने में एलएनजेपी अस्पताल का बहुत बड़ा योगदान रहेगा। हम उम्मीद करते हैं कि अगले 2 साल के अंदर बिल्डिंग बना कर जनता को सौंप दिया जाएगा। कोरोना काल के अंदर हमारे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाॅफ ने बहुत ही काबिले तारीफ काम किया है, उसके लिए मैं उन्हें सलाम करता हूं।
एलएनजेपी अस्पताल में बनाया जा रहा मल्टी स्पेशलिटी ब्लॉक 1,08,590 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 486.66 करोड़ रुपए है। यह ब्लाॅक 25 मंजिला होगी, जिसमें से दो बेसमेंट, एक ग्राउंड फ्लोर और 22 ऊपर के मंजिला होंगे। इस ब्लाॅक में इसमें 36 ऑपरेशन थिएटर होंगे। इसके अलावा इसमें लेबर व डिलीवरी, प्रसूति वार्ड, एनआइसीयू और पीआईसीयू के अलग-अलग मंजिल होंगे। साथ ही इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट की सुविधा भी होगी। नए ब्लाॅक की आधारशिला कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय विधायक शोएब इकबाल, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अनिल अग्रवाल, स्वास्थ्य सचिव संदीप कुमार, चीफ इंजीनियर संजीव रस्तोगी, सेंट्रल दिल्ली के जिलाधिकारी आर. गोपी कृष्णन, मेडिकल डाॅयरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।