नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर दिल्ली में कोरोना टेस्ट नहीं बढ़ाने का दबाव बना रहा है। केस में उछाल को देखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने आपात बैठक कर अधिकारियों को 20 हजार से बढ़ा कर प्रतिदिन 40 हजार टेस्ट करने के आदेश दिए हैं, लेकिन गृह मंत्रालय के अधिकारी दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर जांच न बढ़ाने का मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने केंद्र सरकार के गृह सचिव को पत्र लिख कर मांग की है कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार 20 हजार से बढ़ाकर प्रतिदिन 40 हजार टेस्ट बढ़ने दिया जाए। श्री चड्डा ने सवाल किया कि केंद्र सरकार दिल्ली में कोरोना टेस्ट में बढ़ोत्तरी क्यों नहीं होने देना चाहती है, लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई बहुमत की दिल्ली सरकार के जनहित के काम में क्यों हस्तक्षेप किया जा रहा है, क्या यह लोकतंत्र और संविधान के विपरित नहीं है।
पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली सरकार के अफसरों पर दबाव बनाया जा रहा है कि दिल्ली में कोरोना पीड़ितों की जांच को किसी भी कीमत पर मत बढ़ने दीजिए। जांच न बढ़ाने के आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिल्ली सरकार के आला अधिकारियों को दिए जा रहे हैं।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जी द्वारा केंद्र सरकार को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जी ने अपने पत्र में केंद्र सरकार से इस बात की शिकायत की है कि केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली के आला अधिकारियों और मानसिक दबाव डाला जा रहा है कि वे किसी भी कीमत पर दिल्ली में कोरोना संदिग्धों की जांच को न बढ़ने दें। यह बिल्कुल ही समझ के परे है कि आज कोरोना महामारी के इस काल में जो एकमात्र रामबाण माना जा रहा है, वह अधिक से अधिक जांच है और केंद्र सरकार उसी एकमात्र रामबाण ‘अधिक से अधिक जांच’ को रोकने के लिए दिल्ली सरकार के आला अधिकारियों पर दबाव बना रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर स्थिति नियंत्रण में आई है, कोरोना रूपी राक्षस को जनता के सहयोग से दिल्ली सरकार ने नियंत्रित किया। लेकिन बीते कुछ दिनों में दोबारा से दिल्ली में प्रतिदिन कोरोना के मरीजों की संख्या में उछाल देखा गया। जहां 700 से 800 मरीज प्रतिदिन बढ़ रहे थे, वहीं बीते कुछ दिनों में यह संख्या बढ़कर 1300 से 1400 तक भी पहुंची। जाहिर सी बात है कि एक जिम्मेदार सरकार को बढ़ती संख्या देखकर चिंता होगी। उसी चिंता के तहत माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने संज्ञान लेते हुए 26 अगस्त 2020 को अपने निवास स्थान पर एक आपातकाल बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में दिल्ली के गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव सहित अन्य कई आला अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में माननीय मुख्यमंत्री जी ने आदेश दिए कि पिछले कई महीनों की मेहनत के बाद दिल्ली में जो कोरोना पर काबू पाया गया, कहीं उस सारी मेहनत पर पानी न फिर जाए, इसीलिए हमें दिल्ली में अधिक से अधिक जांच करनी है और जो व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए जाएं, तुरंत प्रभाव से उनका इलाज शुरू करना है। यह बेहद ही चौंकाने वाली बात है कि मुख्यमंत्री जी के आदेश के बाद केंद्र सरकार के कुछ आला अधिकारियों ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर दबाव बनाकर जांच न बढ़ाने के आदेश दिए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने आदेश दिया था कि आज दिल्ली में प्रतिदिन 20 हजार लोगों की जांच हो रही है, हमें यह आंकड़ा बढ़ाकर 40 हजार प्रति दिन तक ले जाना है।
राघव चड्ढा ने कहा कि मैं मीडिया के माध्यम से केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूँ जो निम्न प्रकार से हैं….
1) आखिर क्यों केंद्र सरकार दिल्ली में कोरोना की जांच संख्या को नहीं बढ़ने देना चाहती?
2) क्या केंद्र सरकार को यह नहीं पता कि एक ऐसी बीमारी जिसकी कोई दवाई नहीं है, उससे लड़ने का एकमात्र तरीका है जांच और एकांत वास?
3) केंद्र सरकार दिल्ली में एक लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार के कार्य में क्यों हस्तक्षेप कर रही है?
4) केंद्र सरकार के आला अधिकारियों द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर जांच को रोकने के लिए दबाव बनाना क्या लोकतंत्र के और कानून के विरुद्ध नहीं है?
राघव चड्ढा ने कहा कि मैं हाथ जोड़कर केंद्र सरकार से विनती करता हूं कि कृपया दिल्ली में कोरोना की जांच के आंकड़े को बढ़ने दीजिए। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जी के पत्र का हवाला देते हुए फिर से राघव चड्ढा ने बताया कि पत्र के माध्यम से उन्होंने केंद्र सरकार के गृह सचिव आदरणीय अजय भल्ला जी से दिल्ली की जनता के हक में मांग की है कि कृपया करके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के आदेश अनुसार दिल्ली में हो रही कोरोना की जांच के आंकड़े को 20 हजार प्रति दिन से बढ़कर 40 हजार प्रतिदिन होने दीजिए। हमारी सरकार के काम में हस्तक्षेप करने और हमारे अधिकारियों पर दबाव बनाना छोड़ दीजिए। राघव चड्ढा ने बताया कि इस पत्र के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री जी ने एक गोपनीय सूचना भी संलग्न की है जो इस बात को बताती है कि किस प्रकार से दिल्ली सरकार के कुछ अधिकारी आज केंद्र सरकार के आला अधिकारियों के दबाव में आकर दिल्ली में जांच नहीं बढ़ने दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार से यह जानना चाहता हूं कि इस चौंका देने वाले और समझ के बिल्कुल परे, फैसले के पीछे केंद्र सरकार की क्या मंशा है? यदि दिल्ली में जांच के आंकड़े को नहीं बढ़ाया गया, प्रतिदिन का आंकड़ा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के आदेश अनुसार 20 हजार प्रति दिन से बढ़ाकर 40 हजार प्रति दिन तक नहीं पहुंचाया गया, तो दिल्ली में फिर से एक बार स्थितियां बिगड़ सकती हैं।