शमशाद रज़ा अंसारी
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव रहे अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य लोगों को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया तथा अन्य 9 विधायकों को बरी कर दिया है।
इस फैसले के आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया देते हुये ‘सत्यमेव जयते’ ट्वीट किया है।
सत्यमेव जयते https://t.co/JJuWdsslie
देश दुनिया की अहम खबरें अब सीधे आप के स्मार्टफोन पर TheHindNews Android App— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 11, 2021
अरविंद केजरीवाल के इस ट्वीट पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्ति की है।
चौधरी अनिल ने कहा कि एक बन्द कमरे में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में उनके आपराधिक मानसिकता के विधायक एक बड़े अधिकारी के साथ मारपीट करते हैं। क्या यह सम्भव है कि मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री के इशारे के बिना यह सब हुआ हो और इन दोनों को इस बारे में पता न हो। आज इस मामले में दो लोगों को छोड़ कर बाक़ी को क्लीन चिट दी गयी है। जिन दो को आरोपित बनाया गया है, वो पहले भी जेल चुके हैं। आरोपितों में से एक प्रकाश जरवाल ने जल बोर्ड के माफिया के साथ मिलकर एक डॉ को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया था। अमानतुल्लाह ख़ान के बारे में सब जानते हैं कि वो आये दिन बवाल करते रहते हैं। इनका इस्तेमाल अरविंद केजरीवाल भली-भाँति करते हैं।
अरविंद केजरीवाल द्वारा ‘सत्यमेव जयते’ ट्वीट करने पर चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सत्यमेव जयते ट्वीट करके खुद को पाक-साफ़ साबित करना चाहते हैं। दो विधायकों को आरोपित बनाया गया है। यदि मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री सच्चे थे तो उन्होंने उस समय ही क्यों नही कहा कि इन दोनों विधायकों ने मारपीट की है। वह क्यों चुप रहे और क्यों इन दोनों को टिकट दिया। ईमानदार राजनीति की शुरुआत करने वाले केजरीवाल ने पुलिस का सहयोग क्यों नही किया। क्यों प्रकाश जरवाल को गोद में बैठाया हुआ है।
चौधरी अनिल ने कहा कि पिछले सात वर्षों में इनके क़ानून मंत्री और खाद्य मंत्री सहित अस्सी प्रतिशत मंत्री-विधायक जेल जा चुके हैं। अरविंद केजरीवाल ने इन्हें क्यों नही पार्टी से निकाला। अरविंद केजरीवाल हमेशा दिल्ली की जनता को गुमराह करने की कोशिश करते हैं।
आपको बता दें कि यह मामला 19 फ़रवरी 2018 का है। सीएम हाउस में अंशु प्रकाश के साथ कथित मारपीट के मामले ने जबर्दस्त तूल पकड़ा था। अंशु के मुताबिक, उन्हें आधी रात को मीटिंग के लिए अरविंद केजरीवाल के आवास पर बुलाया गया था। वहां बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री तथा आम आदमी पार्टी के विधायकों ने उन्हें अपशब्द कहे और पिटाई भी की। मुख्यमंत्री ने अंशु प्रकाश के आरोपों को राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताते हुये निराधार बताया था।
इस मामले में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया सहित अमानतुल्लाह खान, प्रकाश जरवाल, नीतिन त्यागी, ऋतुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, प्रवीण कुमार व दिनेश मोहनिया पर आरोप लगे थे।
कोर्ट ने इनमें से दो विधायकों अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल पर आरोप तय करते हुये बाक़ी को बरी कर दिया है।