नई दिल्ली : सेक्टर-18 स्थित कारगिल सोसायटी में भाजपा नेताओं और एमसीएडी द्वारा शराब और ड्रग्स बेचे जाने पर वहां के निवासियों ने कड़ी नाराजगी जताई है। कर्नल सुनील पोखरियाल ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी कारगिल शहीदों की पत्नी और परिवार को शराब और ड्रग्स बेचने वाला बता रही है, यह कारगिल शहीद को घोर अपमान है। यह पूरी तरह से झूठ है और इस दावे की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए। आम आदमी पार्टी नेता कैप्टन शालिनी सिंह ने कहा भाजपा हमेशा आत्मनिर्भर बनने की बात कहती है, इसी तरह भाजपा शासित एमसीडी दुकानें तोड़ेगी, तो कोई कैसे आत्मनिर्भर बनेगा। भाजपा शासित एमसीडी को 15 साल तक याद नहीं आया कि ग्रीन बेल्ट में अतिक्रमण है, अब कोरोना महामारी में उसे इसकी याद आई है और दुकानें तोड़ दी। कर्नल लक्ष्मी नारायण ने कहा कि यह दुकाने बूढ़े मा-बाप का बड़ा सहारा थीं, यह शर्म की बात है कि शौर्य चक्र और कीर्ति चक्र प्राप्त शहीदों के परिजनों पर नशा बेचने का आरोप लगाया जा रहा है। राजेश हुड्डा ने कहा कि हमें डरा कर और झूठे केस में फंसाकर सोसायटी से निकालने की साजिश की जा रही है। वहीं स्थानीय विधायक गुलाव सिंह ने कहा कि सोसायटी में जिन दुकानों को तोड़ा गया, उसे तोड़ने की मांग को लेकर एमसीडी के पास एक भी शिकायत नहीं आई है। 

आम आदमी पार्टी की नेता कैप्टन शालिनी सिंह ने कारगिल सोसायटी में रह रहे शहीद सैनिकों के परिजनों के साथ मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की। कैप्टन शालिनी सिंह ने कहा कि कारगिल सोसायटी में मौजूद दुकानों को तोड़ने पर भाजपा पार्षद ने कहा है कि उन्होंने इन दुकानों को ग्रीन बेल्ट के लिए तोड़ा है। बहुत खुशी हुई कि उनको ग्रीन बेल्ट की याद आई लेकिन हमारी सोसायटी में बहुत ग्रीन बेल्ट हैं। जिन दुकानों को तोड़ा गया वो महज 50 गज में बनी हुई थीं। सोसायटी में दूसरी जगहों पर काफी गंदगी है, लेकिन कई बार कहने के बाद भी हमारी नहीं सुनी गई। वहीं, सिर्फ 50 गज में बनी हुई इन दुकानों को तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि हमने राजनाथ सिंह को जून में एक पत्र लिखा था और कहा था कि हमको भाजपा का नगर निगम परेशान कर रहा है। हमने बताया कि नगर निगम हमें धमकाता है और पैसे वसूलने की कोशिश करता है। भाजपा शासित नगर निगम हमारे ऊपर तलवार लटकाकर रखता है। भाजपा की पार्षद ने कुछ दिनों पहले कहा था कि कोरोना काल में बहुत सारे लोगों की नौकरियों चली गई हैं। लोगों के पास खाना नहीं है, हम उन लोगों के साथ हैं। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा की एमसीडी लोगों का काम छीन रही है और दुकानें तोड़ रही है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को अब 15 साल बाद ग्रीन बेल्ट की याद आई है। कारगिल सोसायटी में रह रहे शहीदों के परिजन इन दुकानों को तोड़े जाने के बाद से काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं। उन्हे दैनिक जरूरतों के सामान नहीं मिल पा रहे हैं। भाजपा शासित एमसीडी को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने इस तरह की घटिया और शर्मनाक हरकत क्यों की। 

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कांफ्रेंस में मौजूद कर्नल सुनील पोखरियाल ने कहा कि मैं लगभग चार सालों से इस सोसायटी में रह रहा हूं। मैं कारगिल युद्ध लड़ चुका हूं और मैं यहां शहीदों के घर किराए पर रहता हूं। जिस दिन यह दुकानें तोड़ी गईं मैं उस समय वहां मौजूद नहीं था। सोसायटी में रहने वाली शहीदों की पत्नियों और परिजनों पर अब नए आरोप लगाए जा रहे हैं। भाजपा शासित एमसीडी ने अपने ऊपर गिरने वाली गाज से बचने के लिए आरोप लगाया है कि इन दुकानों में शराब और ड्रग्स बेचा जा रहा था। मैं बता दूं कि यह झूठे आरोप हैं जो इन पर लगाए जा रहे हैं। शराब और सिगरेट तो दूर की बात है, यह दुकान वाले पॉलिथीन में भी किसी को सामान नहीं देते हैं। 

वहीं, प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद कर्नल लक्ष्मी नारायण (सेवानिवृत) ने कहा कि यह दुकानें शहीदों के बूढ़े मां-बाप का बड़ा सहारा थे। एमसीडी के लोग सोसायटी में कोई काम नहीं करते हैं। बड़ी शर्म की बात है कि शौर्य चक्र और कीर्ति चक्र प्राप्त शहीदों के परिजनों पर नशे का आरोप लगाया जा रहा है। मैं कहना चाहता हूं कि अपनी इस गलती को मानकर एमसीडी को यह दुकानें फिर से बनानी चाहिएं और शहीदों के परिजनों से माफी मांगनी चाहिए। शहीदों के परिजनों को डराने के लिए उनके बच्चों को झूठे केसों में फंसाया जा रहा है। कारगिल लड़ाई में जख्मी हुए सिपाही राजेश हुड्डा ने कहा कि हमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने यह मकान दिए थे। 2010 तक इन मकानों को बेचने पर रोक थी लेकिन अब इनकी रजिस्ट्री खुलने के बाद से यहां परेशानी शुरू हो गई है। हमें डरा कर और झूठे केसों में फंसाकर यहां से निकालने की साजिश रची जा रही है। 

वहीं, प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद आप के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि देश की सुरक्षा और शान के लिए शहीद होने वाले सैनिकों के परिजनों के साथ भाजपा की पार्टी और गुंडे किस तरह की घिनौनी हरकत कर रहे हैं। आज मेयर साहिबा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि यह दुकानें ग्रीन बेल्ट पर बनी हुई थीं। यह दुकानें 2005 में बनी थीं और अभी 2020 चल रहा है। भाजपा को यह पता करने में 15 साल लग गए कि यह ग्रीन लैंड है या नहीं। भाजपा का एक नेता नवीन चावला कह रहा है कि इन दुकानों पर शराब बेची जाती है। चावला जी कुछ तो शर्म कर लो, राजनीति में इतना तो मत गिरो। इतनी घटिया बात करते हुए आप को शर्म क्यों नहीं आई। आप क्या कहना चाहते हैं कि कारगिल में शहीद होने वाले लोगों के परिजन शराब बेच रहे हैं, कुछ तो शर्म करो। मैं मेयर साहिबा से कहना चाहता हूं कि यह बहुत भावुक मुद्दा है। अभी भी आपके पास समय है कि आप माफी मांगें और उन दुकानों को दोबारा बनाकर दें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आम आदमी पार्टी उन दुकानों को दोबारा बनाकर देगी और आपको रोकना हो तो रोक लेना।

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