हिसार: भारतीय किसान संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष बबलु सहरावत व प्रदेशाध्यक्ष विकास सीसर ने कहा है कि केंद्र सरकार बातचीत का बहाना कर केवल किसानों को बरगला रही है। यदि सरकार की नीयत साफ होती तो अब तक किसानों की जायज मांगों का समाधान हो जाना चाहिए था।

उन्होंने आज यहां कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली बॉर्डर पर दोगुनी संख्या में किसानों को देखना चाहती है, इसलिए किसान वर्ग भी अपने आप को एकजुट कर सरकार की यह इच्छा भी पूरी करेगा। किसान नेताओं ने टिकरी बॉर्डर पर क्रमिक अनशन पर बैठे किसानों को दूध पिलाकर अनशन खुलवाया और प्रदेश के हर गांव तक आंदोलन को पहुंचाने का संकल्प दोहराया।

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उन्होंने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के लिए ट्राली के साथ ही बड़े तिरपाल लगाकर रात्रि शयनकक्ष बनाए जा रहे हैं ताकि यहां पर आने वाले किसानों को कोई दिक्कत न हों। यह आंदोलन भारत को जगा देगा। किसान देश का वो शख्स है जो क्षमता से दस गुणा मेहनत करना जानता है और देश को अनाज वार्षिक मांग से तीन गुणा तक ज्यादा देता है। आपातकाल की स्थिति में देश के आगे भूखमरी की जो चुनौती थी, उसे किसानों ने स्वीकार किया और देश के खाद्यान्न भंडार को भर दिया था।

उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में टिकरी बॉर्डर पहुंचकर आंदोलनरत किसानों का साथ दें ताकि इस अहंकारी सरकार को झुकाया जा सके। बता दें कि सरकार के साथ किसानों ने अब तक नो बार वार्ता की है लेकिन इस वार्ता से कोई नतीजा नहीं निकला। अब किसानों के साथ सरकार की अगली वार्ता 15 जनवरी को होनी है। किसान तीनों कानूनों को वापस लिये जाने की मांग पर अड़े हैं जबकि सरकार इन क़ानूनों में संशोधन करने की इच्छा जाहिर कर चुकी है।

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