CWA यूथ द्वारा आयोजित सेमिनार में बोले बुद्धिजीवी: अशिक्षा और बेरोजगारी हमारी असली समस्या
नई दिल्ली। बेरोजगारी दूर करने और सामाजिक सुधार की शुरुआत शिक्षा से हो सकती है, इसलिए हमें समाज में न सिर्फ शिक्षा का स्तर सुधारना है बल्कि स्कूल शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। चौधरी यूथ वेलफेयर एसोसिएशन के एक दिवसीय सेमिनार में आज यह बात विशेष रूप से उभर कर आई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर मशहूर शायर माजिद देवबंदी ने कहा कि हदीस में यह कहा गया है कि नीयत के हिसाब से हर इंसान को उसका हिस्सा मिलता है। इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम अब शिक्षा के प्रसार को अपनी नीयत बना लें। उन्होंने कहाकि विद्यार्थियों को सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में तैयारी कराने के लिए दिल्ली में चार प्रमुख सेंटर चल रहे हैं और इसमें विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के साथ सेंटर की संख्या बढ़ाने की आवश्यक है। उन्होंने कहाकि कोई भी सफलता तब मिलती है जब प्रयास बिना शोर के पूरा किया जाए।
मुख्य वक्ता के तौर पर प्रोफेसर डॉक्टर अखलाक अहमद उस्मानी ने कहा कि हमें बच्चों में यथोचित योग्यता मापने के नए वैज्ञानिक टूल अपनाने होंगे। साथ ही दो तरह की काउंसलिंग को बढ़ावा देना होगा, जिसमें कक्षा 8 से विषय काउंसलिंग और कक्षा 10 से करियर काउंसलिंग महत्वपूर्ण है। इसके लिए कई तरह के विशेषज्ञ मौजूद हैं जिनकी हमें सेवाएं लेनी चाहिए।
मशहूर समाजसेवी जाबिर चौधरी ने कहा कि वह समाज की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उन्होंने महिला शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि जब तक हम बच्चियों की तालीम पर ध्यान नहीं देंगे, हमारा कोई भी लक्ष्य सफल नहीं हो सकता। उन्होंने उच्च शिक्षा में एडमिशन और व्यवसायिक शिक्षा में दाखिले के लिए प्रभावी कोचिंग व्यवस्था की जरूरत पर बल दिया। जाबिर चौधरी ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए हमें एक शोध टीम की भी आवश्यकता है।
संगठन की तरफ से मुहम्मद मुस्लिम ने कहा कि हमारे युवाओं का राजनीति में उचित भागीदारी निभाने का यह उचित समय है। उन्होंने शैक्षिक स्थिति को बेहतर बनाने, फिजूलखर्ची रोकने पर जोर देते हुए कहा कि हमारी असली समस्याएं गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी और अव्यवस्था है। हमारे नौजवानों को अपने समय की बर्बादी को रोककर सकारात्मक दिशा में काम करना चाहिए। मुहम्मद मुस्लिम ने कहा जब तक हम अपनी सोच को तार्किक नहीं बनाएंगे, समाज विकसित नहीं हो सकता।
संगठन की तरफ से आसिम चौधरी ने कहाकि वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई गांव में शैक्षिक सेमिनार आयोजित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिसके तहत कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों की चौधरी यूथ वेलफेयर एसोसिएशन के माध्यम से विषय और करियर की काउंसलिंग करवाएंगे। इसके लिए इन विषयों से जुड़े विशेषज्ञों को गांव तक ले जाकर उनकी सही रहनुमाई करवाना चौधरी यूथ वेलफेयर एसोसिएशन का प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने ओखला, जामिया, शाहीन बाग में दिल्ली सरकार के स्कूलों में विज्ञान विषय शुरू करने की मांग पर जोर देते हुए कहा कि स्थानीय विधायक अमानतुल्लाह खान साहब के जरिए हमें दिल्ली के मुख्यमंत्री से इस बाबत संपर्क करना चाहिए।
वसीम अहमद ने कहाकि मुस्लिम समाज में उपभोक्तावाद की बहुत बुरा चलन है। हमारे पास संसाधनों की कमी नहीं है लेकिन शिक्षा में हम प्रतियोगिता नहीं करते बल्कि हमारी प्रतियोगिता भौतिक बन चुकी है। उन्होंने कहा कि मूल्य आधारित शिक्षा की जरूरत है जो इस्लाम और वैश्विक शिक्षा को साथ लेकर चले। उन्होंने कहा कि समाज के बच्चों में स्वस्थ प्रतियोगिता होनी चाहिए ताकि अगली पीढ़ी के लिए हम एक बेहतर समाज छोड़कर जाए।
सेमिनार में डॉक्टर नौशाद ने कहा कि हमें अपने इलाके में किसी भी मस्जिद के साथ मदरसे को एक प्रोटोटाइप बनाकर उसे पूरी दुनिया के सामने एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए।
डॉक्टर एम ए जौहर ने कहाकि हमारी प्राथमिकता शिक्षा होनी चाहिए और इसके लिए चौधरी यूथ वेलफेयर एसोसिएशन को एक स्थाई समिति बनाकर समाज को आगे ले जाने वाले बिंदुओं की पहचान करनी चाहिए। हमारी प्राथमिकता में बच्चे और नौजवान होने चाहिए और यही कार्यक्रम हमें विकास की तरफ ले जा सकता है।
एडवोकेट दिलशाद ने कहाकि शिक्षा के बल पर हम कोई भी व्यवसाय अपना सकते हैं और जब कोई एक व्यक्ति व्यवसायिक सफलता के साथ खुद को मजबूत करता है तो समाज की सेवा करना उसके लिए आसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि न्यायिक सेवा में काउंसलिंग के लिए वह अपनी सेवाएं प्रस्तुत करते हैं।
गयूर अहमद ने कहाकि शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए हम मदरसों के ढांचे का इस्तेमाल कर सकते हैं। सीमित संसाधनों में भी अगर हम उनका सदुपयोग करें और कौशल विकास पर ध्यान दें तो समाज की तरक्की को नहीं रोका जा सकता। असलम अली ने कहा कि हमें चाहिए कि इस्लामी और दुनियावी शिक्षा को साथ लेकर चलना होगा। तौकीर अहमद ने कहा शिक्षा का एकमात्र लक्ष्य नौकरी पाना नहीं है, हमें शिक्षा के की परिभाषा को व्यापक बनाना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मशहूर समाजसेवी कुंवर आसिम अहमद ख़ान ने की और मंच संचालन मोहम्मद मुस्लिम ने किया। बताते चलें कि इस कार्यक्रम को मशहूर समाज सेवी आसिम चौधरी ने अपने साथियों के सहयोग से आयोजित कराया। इस अवरस पर आबिद चौधरी, कामरान चौधरी, वजाहत चौधरी, ज़फर चौधरी, शौकीन चौधरी, चौधरी असलम, चौधरी आस मोहम्मद, अशरफ हुसैनी, तैमूर चौहान, चौधरी रिज़वान, रज़ा करीम, के अलावा समाज के कई प्रबुद्धजन और बच्चे मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित किया गया।