यमुना के पानी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत
(आमिर सुहैल)
नई दिल्ली। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश ने पहाड़ से लेकर मैदान तक कहर बरपाया है। सड़कों पर पानी जमा है। दिल्ली में तो हालात और भी ख़राब हैं। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 208.46 मीटर पर पहुंच गया। 45 साल बाद यहां यमुना का जलस्तर इस स्तर पर पहुंचा है। ऐसे में दिल्ली के निचले इलाके पानी में डूब गए हैं। राजधानी में कई जगहें बाढ़ के पानी से घिर गई हैं। सब्जी बेचकर घर लौट रहे मनोज (40) की यमुना के पानी में डूबने से मौत हो गई। तीन दिन तक परिवार को मनोज के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। जब मनोज का कोई पता नहीं चला तो परिवार में निराशा फैल गई। 3 दिन बाद यमुना किनारे से गुजर रहे लोगों ने मनोज का शव एक गड्ढे के पानी में तैरता देखा और पुलिस को सूचना दी। मनोज का शव देख परिवार में कोहराम मच गया। जानकारी के मुताबिक, मनोज के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मनोज की पत्नी ममता ने बताया कि मनोज सब्जी बेचता था। सोमवार की रात मनोज सब्जी बेचकर घर लौट रहा था। वह यमुना किनारे से गुजर रहा था, तभी अचानक उसका पैर फिसल गया और वह गड्ढे में गिर गया। इतना पानी जमा होने के कारण वह गड्ढे से बाहर नहीं निकल सका। और चौथे दिन मनोज का शव पानी में तैरता हुआ मिला।
मनोज का परिवार अपने परिवार के साथ यमुना किनारे झुग्गियों में रहता था। मनोज के 4 बच्चे हैं। यमुना नदी में बाढ़ आने के कारण मनोज का परिवार सराय काले खां फ्लाईओवर पर अपना जीवन गुजार रहा है। मनोज की पत्नी और बच्चों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। इस बीच दो दिनों की बारिश के बाद दिल्ली में स्थिति दयनीय है। आलम यह है कि जगह-जगह सड़कों पर पानी जमा है। सड़कों पर गड्ढे हैं और लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। इससे यमुना किनारे खेती करने वाले और रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले लोगों को भी काफी नुकसान हुआ है। इसके साथ ही यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। दिल्ली और राजधानी में विधायी अधिकारों के लिए केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में है, लेकिन दो दिन बाद हालात और बिगड़ेंगे तो बारिश की जिम्मेदारी कोई सरकार नहीं लेगी। दुनिया भर में दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस और खान मार्केट जैसे इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया है। एक आंकड़े के मुताबिक, दिल्ली का बुनियादी ढांचा 50 मिमी से ज्यादा बारिश नहीं झेल सकता और दो दिनों में 155 मिमी बारिश से पूरी दिल्ली में पानी भर गया है।