नई दिल्ली : आज पूर्वी दिल्ली के सांसद माननीय गौतम गंभीर जी ने पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट का दौरा किया है। अभी कुछ दिन पहले उन्होंने ट्वीट किया था और कहा था कि हमने इसकी उंचाई को 40 फिट कम कर दिया। मैं वहां खुद सभी स्थानीय लोगों के साथ पहुंचा था और वहां एमसीडी के वहीं अधिकारी आज उनके साथ गए हैं, जो उस दिन भी पहुंचे थे और जहां उनके झूठ का पर्दाफांश किया गया था। जहां जाकर यह पता लगा कि उन्होंने न उस साइट पर काम किया है और न उंचाई कम करने का कार्य किया है, बल्कि उसके साइड में जो रोड था, उसको चैड़ा करके उसके कूड़े को उठा कर पीछे बी- ब्लॉक के रेजिडेंस के पास फेंक दिया गया है।
तो इस प्रकार झूठ बोल कर दिल्ली के लोगों को चुने हुए सांसद धोखा दे रहे हैं, केवल एमसीडी के बचाव करने के लिए, अपनी वाहवाही लूटने के लिए और जो वहां के लोग हैं, उनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। मुझे जानकारी मिली है कि आज भी गौतम गंभीर जी ने वहां दौरा किया है।
शायद अगर वो मुझे भी इसकी जानकारी देते तो मैं निश्चित तौर पर वहां पहुंचता और पहुंचकर उन्हें वहां का प्रतिनिधि होने के नाते उनको बताता कि वहां के लोगों का दर्द क्या है? वहां के लोगों की पीड़ा क्या है? लेकिन वो वहां बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ बिना बताए चुपचाप पहुंच गए। मेरा उनसे 6 सवाल है?
जिनका जवाब मै और उस इलाके की जनता, जिन्होंने मुझे और गम्भीर जी दोनों को चुन कर भेजा है, वह जनता भी सवालों का जवाब जानना चाहती हैं।
सवाल इस प्रकार हैं-
1. पिछलें 15 सालों से बीजेपी की एमसीडी में सरकार है, उन 15 सालों में भाजपा ने इस कूड़े के पहाड़ को कम करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए?
2. अभी जिस कूड़े के पहाड़ को 40 फिट कम करने की बात कही जा रही है, वो 40 फीट ऊंचाई की बात है, 40 फीट चैड़ाई की बात है या कुल मिलाकर 40 फिट एरिया की बात है, इस बात को गौतम गंभीर जी साफ करें ?
3- अभी तक इस साइट पर कितनी मशीनें लगाई गई है, उन मशीनों में कितना कूड़ा रिसाइकिल किया जा रहा है…?
4- कूड़े से जो राख बन रही है, आपने किस एजेंसी के साथ यह एमओयू साइन किया है, यह कूड़ा एजेंसी को कब से दिया जा रहा है ?
5 -इस लैंडफिल साइड पर जो 2600 टन कूड़ा हर रोज आता हैं, वो अब कहां जा रहा है ?
6 – इस कूड़े के पहाड़ को हटने में कितना समय लगेगा ?
लेकिन लोगो की परेशानी कम करने के बजाए, भाजपा सांसद ओछी राजनीति कर रहे हैं।
रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई
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