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दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड का चुनाव : अमानतुल्लाह ख़ान ने किया नामांकन, विधानसभा के पांचों मुस्लिम विधायकों को है नामांकन का अधिकार

नई दिल्ली : विधायक शेरणी से दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य के लिये 25 अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए आज बोर्ड के पूर्व चेयरमैन ओर ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक श्री अमानतुल्लाह खान ने निर्वाचन अधिकारी व डिप्टी कमिश्नर (उत्तर) शिंडे दीपक अर्जुन के पास नामांकन करदिया। अमानतुल्लाह खान ने वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य एडोकेट हिमाल अख़्तर, सदस्य रज़िया सुल्ताना व अन्य सहयोगियों के साथ डिप्टी कमिश्नर (उत्तर) कार्यालय डी एम कॉम्प्लेक्स अलीपुर जाकर नामांकन किया.

तफ़सील के अनुसार दो दिन पूर्व ही दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग अल्पसंख्यक सेल से इस संबन्ध मैं जनसूचना जारी की गई थी और चुनाव के लिए नियुक्त किये गए निर्वाचन अधिकारी शिंडे दीपक अर्जुन दुवारा अखबारों में विग्ज्ञापन के माध्यम से पब्लिक नोटिस जारी किया गया था।नोटिस के अनुसार 10 अगस्त से 17 अगस्त के बीच दिल्ली विधानसभा के पांचों मुस्लिम विधायक होने वाले चुनाव के लिए नामांकन कर सकते हैं जिसके बाद 18 को स्क्रूटनी होगी जबकी 19 को नाम वापस लिया जासकेगा अगर एक से ज़्यादा नामांकन होते हैं तो 25 अगस्त को चुनाव होगा वरना 19 को ही निर्विरोध दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड सदस्य के नाम की घोषणा करदी जायेगी.

सूत्रों के अनुसार इस बात की संभावना ज़्यादा है कि अमानतुल्लाह ख़ान को निर्विरोध चुन लिया जाए कियूं के पांचों मुस्लिम विधायक एक ही पार्टी से हैं और पार्टी जिसे चाहेगी उसका विरोध करने की नासमझी कोई विधायक शायद ही करे।सूत्रों की मानें तो अमानतुल्लाह ख़ान का विरोध इसलिए भी नहीं होगा कियूंकी बल्लीमारान से विधायक इमरान हुसेन सरकार में मंत्री हैं,मटिया महल से विधायक हाजी शोएब इक़बाल वक़्फ बोर्ड का कार्यभार संभालने के इच्छुक नहीं हैं,सीलमपुर से विधायक अब्दुर्रहमान शुरू से अमानतुल्लाह के पक्ष में हैं, बचे मुस्तफ़ाबद से विधायक हाजी यूनुस तो उनके पास पर्याप्त वोट नहीं हैं.

ज्ञात हो कि इस समय दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में 6 सदस्य हैं जिनमें से तीन निर्वाचित ओर तीन सरकार दुवारा मनोनीत हैं वक़्फ़ एक्ट 1995 के अनुसार कुल 7 सदसस्य होते हैं जो विधायक शेरणी से चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूरे होजायँगे जिसके बाद बोर्ड सदस्य अपने बीच से वक़्फ़ बोर्ड का चेयरमैन चुनेंगे।उम्मीद है कि सितम्बर के पहले सप्ताह में बोर्ड को नया चेयरमैन मिल जाए।वक़्फ़ बोर्ड के मामलात के जानकारों का मानना है कि इस बार दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड चेयरमैन का चुनाव आसान नहीं होगा और पूर्व चेयरमैन अमानतुल्लाह खान  को इस बार पूर्व सांसद शेरणी से बोर्ड सदस्य बनाए गए परवेज़ हाशमी से कड़ी टक्कर मिलेगी कियूंकी परवेज़ हाशमी भी वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष चुनाव में उतरने का मन बना चुके हैं.

जानकारों का मानना है कि अगर ऐसा हुआ तो इस बार वक़्फ़ बोर्ड का चुनाव बड़ा दिलचस्प होने वाला है कियूंकी पूर्व अधिकारी कोटे से बोर्ड सदस्य मनोनीत किये गए अज़ीमुलहक़ को वोट का अधिकार नहीं होगा बाक़ी बचे 6 सदस्यों में से अमानतुल्लाह ख़ान के पक्ष में अभी तक 3 सदस्य ही बताय जाते हैं बाक़ी बचे 3 सदस्यों ने अगर अमानतुल्लाह के विरूद्ध वोट किया तो किया होगा?ये प्रश्न चिन्ह सबके मन में है।ये भी देखना दिलचस्प होगा कि पूर्व में अमानतुल्लाह खान का विरोध करने वाले किसके पक्ष में वोट करेंगे। ऐसे में चौधरी शरीफ़ का वोट बहुत अहम होजाता है और सबकी निगाहें चौधरी शरीफ़ के वोट पर हैं ।जानकारों का ये भी अनुमान है कि चौधरी शरीफ़ इस बार अमानतुल्लाह ख़ान के पक्ष में वोट करेंगे.

रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई

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