नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार द्वारा पास किए कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने पहुंचे पंजाब के किसानों को संबोधित किया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा सरकार कृषि कानूनों को पास कर किसानों से उनकी खेती-किसानी छीन कर कंपनियों को देना चाहती है। पंजाब के किसानों ने 24 घंटे धूप में कड़ी मेहनत करके हरित क्रांति को जन्म दिया और देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बनाया था, इन कंपनियों ने नहीं बनाया था। श्री केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश में केवल 6 फीसदी फसल एमएसपी पर खरीदी जाती है, जबकि 100 फीसदी फसल की खरीद एमएसपी पर होनी चाहिए। भाजपा ने 2014 लोकसभा चुनाव में स्वमीनाथन रिपोर्ट लागू करने का वादा किया था, जिसमें एमएसपी फसल की लागत का डेढ़ गुना होने की बात कही गई है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने एमएसपी खत्म कर दिया। कृषि कानून पास करने से पहले किसानों से नहीं पूछा, किसानों को मरने के लिए छोड़ दिया, उनकी पीठ में छुरा घोंपा है, यह बिल्कुल गलत बात है। केंद्र की भाजपा सरकार की बिल बनाने वाली कमेटी में एक राष्ट्रीय पार्टी का नेता भी मौजूद था, जिसने बिल पास होने पर भाजपा को पहले बधाई दी और बाद में इस्तीफा दे दिया, जनता सब समझ रही है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जंतर पर प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के नेताओं और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज पंजाब के किसान दिल्ली आए हुए हैं। दिल्ली की जनता की तरफ से मैं अपने पंजाब से आए हुए सभी किसान भाइयों का स्वागत करता हूं। लेकिन अगर यह खुशी के मौके पर आते तो स्वागत करने में और ज्यादा खुशी होती। आप सब लोग दुख के मौके पर यहां प्रदर्शन करने के लिए आए हैं। मैं सोच रहा था, यह समय खेतों के अंदर धान की कटाई और अगली फसल बोने का समय है, तो किसान अपने खेतों के अंदर होना चाहिए। अगर किसान को खेत छोड़कर दिल्ली आकर जंतर मंतर के ऊपर प्रदर्शन करना पड़ रहा है, तो देश और समाज के ऊपर लानत है। भाजपा सरकार इन कानूनों को पास कर खेती-किसानी को, किसानों से छीन कर कंपनियों को देना चाहते हैं। मैं उनको कहना चाहता हूं कि कम से कम 20 से 25 साल पहले तक देश के अंदर अनाज की भारी कमी होती थी। हमें अनाज बाहर से आयात करना पड़ता था। उस समय यह कंपनियां काम नहीं आई थीं। उस समय पर पंजाब के किसानों ने 24 घंटे धूप में कड़ी मेहनत करके हरित क्रांति को जन्म दिया। इस देश को पंजाब के किसानों ने अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बनाया था। इन कंपनियों ने आत्मनिर्भर नहीं बनाया था। आज किसान को मजदूर बनाने की कोशिश की जा रही है। किसान से किसानी छीन कर बड़ी-बड़ी कंपनियों को सौंपने की साजिश की जा रही है, जो बिल्कुल गलत है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2014 में लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया था कि स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करेंगे। स्वामीनाथन रिपोर्ट कहती है कि एमएसपी फसल की लागत का डेढ़ गुना होना चाहिए। बीजेपी वाले जब वोट मांगने आए थे, तो बोले थे कि स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे। फसल की लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देंगे और चुनाव जीतने के बाद इन लोगों ने एमएसपी खत्म कर दिया। अखबारों में रिपोर्ट आती है कि पूरे देश में केवल 6 फीसदी फसल किसानों की एमएसपी पर खरीदी जाती है, यह तो शर्म की बात है। 6 फीसदी की बजाए 100 फीसदी फसल की एमएसपी पर खरीद होनी चाहिए। दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी तो सरकारी स्कूल-अस्पतालों का बुरा हाल था। हमने स्कूल-अस्पताल ठीक कराए, न उन्हें बंद कर दिए। पूरे देश में सिर्फ 6 फीसदी फसल एमएसपी पर खरीदी जाती है, तो तुम्हारी सरकारों के ऊपर लानत है। किसान सिर्फ 100 फीसदी फसल एमएसपी पर खरीदने की मांग कर रहा है। पूरी फसल की एमएसपी पर खरीद होनी चाहिए और फसल का डेढ़ गुना दाम मिलना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसान जो मांग रहा था, उन्हें वो करना चाहिए था, लेकिन उल्टा कर दिया गया। किसान से पूछा ही नहीं गया। किसान को मरने के लिए छोड़ दिया। किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है, यह बिल्कुल गलत बात है। मुझे ज्यादा दुख यह होता है कि कुछ पार्टियां राजनीति कर रही हैं। संसद के अंदर बंद कमरों में कुछ करती हैं और फिर जनता के बीच में आकर प्रदर्शन करने का नाटक करती हैं। जब भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की सरकार ने बिल बनाने के लिए एक कमेटी बनाई तो उस कमेटी में राष्ट्रीय पार्टी का एक नेता मौजूद था। उसने बैठकर कानून बनाया और एक-एक नियम लिखा। उसने कैबिनेट में बैठकर कानून पास कराया और भारतीय जनता पार्टी को बधाई दी कि, बड़ा अच्छा कानून ला रहे हो। उसने लोकसभा में बैठकर कानून पास करा दिया और जब कानून पास हो गया तो इस्तीफा दे दिया। तुम्हें क्या लगता है, सारी जनता बेवकूफ है और कुछ समझती नहीं है?
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के अंदर राष्ट्रीय पार्टी के नेता अब ट्रैक्टर रैली, धरने, प्रदर्शन कर रहे हैं। आखिर किसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, उस कानून के खिलाफ कर रहे, जिसको तुमने बनाया है और पास कराया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इन तीनों किसान विरोधी कानूनों का सख्त विरोध करती है। हमारी पहली मांग है कि इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता। दूसरी मांग है कि एमएसपी के ऊपर कानून लाया जाए। यह कानूनी तौर पर अनिवार्य कर दिया जाए कि 100 फीसदी फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी और लागत का डेढ़ गुना दाम मिलेंगे। दिल्ली में हम लोगों ने किया है। अगर किसानों के लिए यह कर दोगे, तो पूरे देश के अंदर किसानों की खेती कितनी बढ़ जाएगी। किसान 24 घंटे धूप में काम करता है। यदि हम लोग 10 मिनट धूप में बैठ जाएं, तो पसीना आ जाता है और किसान तो 24 घंटे मेहनत करता है। हम पूरी तरह से किसानों के साथ हैं। दिल्ली के लोगों की तरफ से दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मैं आपकी इन मांगों का समर्थन करता हूं।
वहीं, इस मौके सांसद भगवंत मान ने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी इन काले कानूनों का पहले दिन से ही विरोधी करती आ रही है। इन घातक कानूनों को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि लोक विरोधी, पंजाब विरोधी और देश विरोधी कानून हैं, जिनको तानाशाही तरीके से थोपा जा रहा है। इसलिए पार्टी किसानों के संघर्ष के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। ‘हम बादलों या कांग्रेसियों की ओर से बराबर प्रोग्राम करके किसानों के संघर्ष को बर्बाद करने की कोशिशों के सख्त विरुद्ध हैं। प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सभी ‘आप’ विधायकों, नेताओं और वलंटियरों को निर्देश है कि ‘आप’ की ओर से नहीं, बल्कि किसानों, मजदूरों, आढ़तियों, ट्रांसपोर्टरों के बेटा-बेटी या भाई-भतीजे बन कर किसानों के संघर्ष को और मजबूत करो।’’
ब्यूरो रिपोर्ट, पीटीआई