जामिया ने मनाया नशा मुक्त भारत पखवाड़ा

नई दिल्ली। प्रौढ़ एवं सतत शिक्षा विस्तार विभाग (डीएसीईई), जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने गृह मंत्रालय, भारत सरकार की नशामुक्ति पहल के समर्थन में “से यस टू लाइफ, नो टू ड्रग्स” पर ‘नशा मुक्त भारत पखवाड़ा’ मनाया। विभागाध्यक्ष, डीएसीईई, प्रो शिखा कपूर और इंटरवेंशन स्पेशियलिश्ट और रिसोर्स पर्सन सुश्री साक्षी गाबा के मार्गदर्शन में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जो विभाग की पूर्व छात्रा भी हैं। एमए डेवलपमेंट एक्सटेंशन के छात्रों कुदसिया मेहविश और ज़ीमा इकबाल के सहयोग से एक व्यापक अभियान चलाया गया।
अभियान के तहत 30 जून से 3 जुलाई 2022 के बीच, जेएमआई और विश्वविद्यालय के पास के समुदायों में, जैसे ग्राम पिलंजी और तैमूर नगर पहाड़ी नंबर 1 पर स्थित वाल्मीकि बस्ती में गतिविधियों को आयोजित किया गया था। सामुदायिक इंटरवेंशन अभियान सामुदायिक मोबिलाइज़ेशन के साथ शुरू हुआ। जहां दो समूहों के समुदाय के लोगों को अभियान में भाग लेने के लिए मोबिलाइज़ किया गया।
तत्पश्चात 3 जुलाई 2022 को रिसोर्स पर्सन द्वारा दोनों समुदायों में “नशा: एक अभिशाप” पर सामुदायिक विस्तार व्याख्यान दिया गया। विस्तार व्याख्यान ने समुदाय के लोगों को नशीली दवाओं की लत और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में जागरूक किया। बड़ी संख्या में किशोर, युवा, महिलाएं और पुरुष दो समूहों में इकट्ठे हुए और सक्रिय रूप से भाग लिया क्योंकि यह मुद्दा वहां ज्वलंत है और सीधे उनके सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक, आर्थिक जीवन और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
विज़ुअल एड्स अर्थात “एक कदम नशा मुक्ति की ओर” नामक फ्लैश कार्ड का उपयोग, अधिक विस्तार से जानकारी देने और मादक द्रव्यों के सेवन के पहलुओं जैसे – इसके विभिन्न प्रकार, दुरुपयोग के तरीके, स्वास्थ्य और समाज पर इसके प्रतिकूल प्रभाव- के बारे में जागरूकता लाने के लिए किया गया था। लोगों ने सक्रिय रूप से चर्चा की कि कैसे ड्रग्स के आदी लोग अपने मस्तिष्क और शरीर पर नियंत्रण खो देते हैं, चोरी, लड़ाई जैसी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं और यहां तक कि अपने इलाके में हत्याएं भी कर लेते हैं। प्रस्तुति का समापन इस बातचीत के साथ हुआ कि हम एक व्यसन मुक्त समाज कैसे बना सकते हैं और लोगों को नशीली चीज़ों के दुरुपयोग को छोड़ने के लिए तैयार कर सकते हैं।
“नशा छोडने के तरीके और सहायता केंद्र” लीफलेट के वितरण के साथ समुदाय में अभियान का समापन हुआ। सत्र के अंत में नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों, दिल्ली में कार्यरत गैर-सरकारी संगठनों की जानकारी साझा की गयी जो नशे से पीड़ित परिवारों की सहायता करते हैं।
डीएसीईई द्वारा आयोजित सामुदायिक डेवलपमेंट इंटरवेंशन सफल रहा, जिसने न केवल जागरूकता बढ़ाई बल्कि लोगों को किसी भी प्रकार की लत से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। कई लोगों ने सत्र के बाद टीम की ओर रुख किया और अपनी लत छोड़ने के लिए मदद और समर्थन का अनुरोध किया।
इस बीच जामिया में एचओडी, फैकल्टी, रिसर्च स्कॉलर्स और डीएसीईई के छात्रों ने संकल्प लिया और नशे की लत के खतरे को रोकने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया।

देश दुनिया की अहम खबरें अब सीधे आप के स्मार्टफोन पर TheHindNews Android App

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here