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जामिया एलुमना ‘ईशा’ यूरोपीय स्पेस एजेंसी द्वारा सम्मानित,एजेंसी द्वारा स्पेस सस्टेनेबिलिटीअवार्ड प्राप्त करने वाली प्रथम यंग इंडिया साइंटिस्ट

जामिया एलुमना ‘ईशा’ यूरोपीय स्पेस एजेंसी द्वारा सम्मानित,एजेंसी द्वारा स्पेस सस्टेनेबिलिटीअवार्ड प्राप्त करने वाली प्रथम यंग इंडिया साइंटिस्ट

नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) मैकेनिकल इंजीनियरिंग 2013 की पूर्व छात्रा ईशा को यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) द्वारा युरोपियन इंटरपार्लिमेंटरी स्पेस कॉन्फ्रेंस (EISC) में प्रतिष्ठित स्पेस सस्टेनेबिलिटी अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया। ‘स्पेशल मेन्शन ऑफ़ ज्यूरी’ श्रेणी में पुरस्कार समारोह 16 सितंबर को फ्रांसीसी सीनेट, पेरिस, फ्रांस में आयोजित किया गया था।
ईशा ने नेक्स्ट जनरेशन के उपग्रहों के लिए एक अभिनव सेलिंग डिवाइस की अवधारणा विकसित की है। इस सेलिंग डिवाइस में न्यूनतम सेल एरिया और मास के साथ लगातार ऑर्बिटल डीके रेट को बढ़ाने की क्षमता है। यह आइडिया पेटेंट के लिए भी दायर किया गया है।
यह पुरस्कार युवा वैज्ञानिकों को उनके आइडिया की सराहना के लिए दिया जाता है, जो अंतरिक्ष के सतत उपयोग को बढ़ावा देता है। यह इन वैज्ञानिकों को ईआईएससी में अपने आइडिया रखने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है।

पुरस्कार का लिंक https://www.space-sustainability-award.com/previous-editions-rewardees है।

जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने इस महान उपलब्धि के लिए ईशा को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि यह विश्वविद्यालय की अन्य छात्राओं को बड़े सपने देखने और कड़ी मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा।
ईशा वर्तमान में कंपोनेंट डेवलपमेंट विभाग, लाइबनिज-इंस्टीट्यूट ऑफ कम्पोजिट मैटेरियल जीएमबीएच, जर्मनी में रिसर्च एसोसिएट के रूप में काम कर रही हैं। जामिया से बीटेक पूरा करने के बाद उन्होंने डेढ़ साल तक कंसल्टेंसी सर्विस में काम किया और फिर नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और म्यूनिख के टेक्निकल यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स करने के लिए सिंगापुर के लिए उड़ान भरी। उनके पिता डॉ. अनिल कुमार जामिया के हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।

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