जामिया में नैनोटेक्नोलॉजी अपोर्च्युनीटीज़ एंड चैलेंजेज़ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएनओसी 2022) का आयोजन
नई दिल्ली। एप्लाइड साइंसेज और मानविकी विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने 28 से 30 नवंबर 2022 तक नैनोटेक्नोलॉजी अपोर्च्युनीटीज़ एंड चैलेंजेज़ (आईसीएनओसी-2022) पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
तीन दिवसीय सम्मेलन में विश्व के विभिन्न हिस्सों से विद्वानों, विषय विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की। सम्मेलन में 3 दिनों में 48 आमंत्रित वार्ताओं के साथ-साथ प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों द्वारा 8 प्लेनरी टॉक्स भी हुईं। सम्मेलन के लिए लगभग 700 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया था।
जामिया की वाइस चांसलर प्रो. नजमा अख्तर ने कार्यक्रम अध्यक्षीय वक्तव्य दिया। उन्होंने देश की ‘विश्व गुरु’ बनने की आकांक्षा के अनुरूप नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए सम्मेलन की कल्पना के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना की।
आईसीएनओसी 2022 के आयोजन सचिव डॉ. मुकेश प्रताप सिंह ने सम्मेलन के मुख्य संरक्षक, प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष प्रो. ज़िशान हुसैन खान ने अपने उद्घाटन भाषण में सम्मेलन के विषय की शुरुआत की, सम्मेलन के उद्देश्यों को रेखांकित किया और एक सार्थक विचार-विमर्श की आशा व्यक्त की।
फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग की डीन प्रो मिनी एस थॉमस ने समकालीन वैज्ञानिक परिवेश में इस फील्ड की प्रासंगिकता पर अपने विचार साझा किए और प्रौद्योगिकीविदों द्वारा नवीनतम चुनौतियों पर विवेकपूर्ण अभ्यास शुरू करने में साथ आने के लिए इस तरह की और पहल की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना था कि इस फील्ड में अवसरों की और नैनो टेक्नोलॉजी में दुनिया में क्रांति लाने की क्षमता है।
मुख्य वक्ता, इकोले पॉलीटेक्निक फेडेराले डी लॉज़ेन (एनईएफएल), स्विट्जरलैंड के प्रोफेसर मोहम्मद खाजा नज़ीरुद्दीन ने इंटरफेशियल और कंपोजिशनल इंजीनियरिंग द्वारा एफिसियेंट और स्टेबल पेरोसाइट सोलर सेल और मॉड्यूल पर अपनी बात रखी।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रोफेसर शिबू थॉमस ने उन प्रमुख क्षेत्रों पर भी प्रकाश डाला जहां नैनो टेक्नोलॉजी खुद को गेम चेंजर के रूप में साबित कर रही है और उन्होंने युवा शोधकर्ताओं को इस फील्ड में नवाचार करने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि इस फील्ड की क्षमता बहुत अधिक है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो नाज़िम हुसैन अल जाफरी ने विश्वविद्यालय को नैनो टेक्नोलॉजी की उन्नति के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए विभाग को सभी प्रशासनिक सहायता और समर्थन देने का आश्वासन दिया।
कुछ उल्लेखनीय वक्ताओं में ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के प्रो. हैंग टी. टा ने “स्पाइकी सिल्वर-आयरन ऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स: थ्रोम्बोसिस और कैंसर जैसे रोगों के अत्यधिक कुशल उपचारात्मक के लिए मैटेरियल्स की एक नई श्रेणी” पर अपना वक्तव्य दिया; Istituto Nazionale di Fisica न्यूक्लियर, इटली के प्रो स्टेफानो बेलुची ने टू डाईमेंशनल मेटेरियल और आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस के आधार पर सीबीआरएन सेंसर पर अपना शोध प्रस्तुत किया; इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएसए के प्रोफेसर एम. इशाक खान ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए फंक्शनल मेटेरियल्स पर अपने शोध को साझा किया।
प्रोफेसर वेणुगोपाल अचंता, निदेशक सीएसआईआर एनपीएल, नई दिल्ली, भारत ने अपनी बातचीत में स्पिंट्रोनिक्स डिवाइसेस के लिए मेटामटेरियल्स की भूमिका पर चर्चा की।
आईसीओएनओसी 2022 के आयोजन सचिव प्रो. नफीस अहमद ने सम्मेलन पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की और विशिष्ट अतिथियों और प्रतिभागियों, विश्वविद्यालय के प्रशासन और आईसीएनओसी 2022 के सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति के सदस्यों को धन्यवाद दिया।
सम्मेलन के प्रमुख एरिया विशेष रूप से मेडिकल साइंसेज, ऊर्जा और पर्यावरण अध्ययन में नैनो प्रौद्योगिकी के समकालीन अनुप्रयोगों से संबंधित थे। विश्वविद्यालय आने वाले दिनों में विशेष क्षेत्रों में ज्ञान प्रसार की दिशा में ऐसे सम्मेलनों, कार्यशालाओं और सेमिनारों की मेजबानी करने के लिए प्रतिबद्ध है।