नई दिल्ली : कश्मीरी पंडित समुदाय द्वारा हर साल 14 सितम्बर को पूरे विश्व में बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कश्मीरी पंडितों को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन दिल्ली भाजपा सोशल मीडिया के पूर्व संयोजक खेमचंद शर्मा ने किया। इस कार्यक्रम का आयोजन कश्मीरी समिति दिल्ली ने किया जिसमें देश एवं विदेशों से बड़ी संख्या में कश्मीरी भाई-बहनों ने हिस्सा लिया एवं अपने विचार साझा किए।
श्याम जाजू ने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने सामूहिक नरसंहार के कारण घाटी छोड़ी थी, नरसंहार में कई बेगुनाह पंडितों को मौत के घाट उतार दिया गया, जिन लोगों ने प्राण गंवाए उन सभी लोगों को आज के दिन मैं उन्हें सच्चे मन से श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में इस्लामिक जिहाद के कारण पंडितों को गोलियों का शिकार होना पड़ा। 1989-90 में जब इस्लामिक जिहाद चरण पर था, उस समय हमारी माताओं और बहनों के साथ बलात्कार व दूर्व्यवहार किया गया। करीब 1,500 कश्मीरी पंडितों और 5,000 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 5 लाख से अधिक लोगों को उनके घरों से बाहर निकाल दिया गया। गर्मी, भुखमरी और सांप के काटने के कारण लगभग 50,000 कश्मीरी पंडितों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस्लामिक जिहादियों द्वारा कश्मीर की जातीय सफाई की शुरुआत हुई। हजारों लोग मारे गए, लाखो की संपत्ति और मंदिरों को तोड़ दिया गया, हिट-लिस्ट और पंडित अल्पसंख्यक समुदाय को भगाने की धमकी अखबारों में प्रकाशित हुई।
जाजू ने कहा कि मोदी जी की सरकार आने के बाद लगातार जम्मू एवं कश्मीर को देश की मुख्य धारा से जोड़ने एवं कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलाने के लिए बड़े एवं कड़े फैसले लिए गए। कश्मीरी विस्थापित हिंदुओं की सहायता की गई, कश्मीर में पुनः हिन्दू मंदिर एवं देव स्थानों को खोलना एवं उनका पुनः निर्माण का काम शुरू हुआ। धारा 370 एवं धारा 35ए की समाप्ति करके भारत के साथ सम्पूर्ण विलय, देश-विरोधी गतिविधियों पर रोक एवं देश मे गरीबों, पिछड़ों एवं महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं को लागू किया गया। जम्मू एवं कश्मीर का पुनर्गठन करके सभी वर्गों एवं एरिया को उचित प्रतिनिधित्व देने की प्रक्रिया निरंतर जारी है।
रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई