नई दिल्ली : कोरोना से निटपने में नाकाम साबित हो रही केजरीवाल सरकार पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने फिर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार एक बार फिर से आंकड़ों की बाजीगरी दिखाकर यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि दिल्ली में स्थिति सुधर रही है और सही आंकड़ों को छिपाने में लगी है। जिस सरकार का काम जमीन पर नहीं दिखता वह इसी तरह के हथकण्डे अपनाती है, जो कि केजरीवाल सरकार शुरुआत से करती आ रही है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने कभी भी दिल्ली वालों के बारे में सोचा ही नहीं, बल्कि उसे सिर्फ सत्ता से मोह है, इसीलिए कोरोना काल में भी अन्य राज्यों के चुनावों पर ज्यादा ध्यान है और दिल्ली वालों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। न तो कोविड मरीजों को सही से इलाज मिल पा रहा है न ही सामान्य मरीजों को। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार क्षमता के अनुसार आरटीपीसीआर टेस्ट भी नहीं करवा पा रही है।
गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार यह दिखाने के लिए कि ज्यादातर लोग स्वस्थ हो रहे हैं, पहले तो सीरो सर्वे के 33 प्रतिशत नतीजे वाली झूठी रिपोर्ट मीडिया में लीक की। फिर पता चला कि सीरो सर्वे का नतीजा 25 प्रतिशत ही रहा तो केजरीवाल सरकार ने कोर्ट में मीडिया को ही झूठा बता दिया। इसके लिए हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। उन्होंने कहा कि अगर झूठे आंकड़े पेश करने की जगह सच में केजरीवाल सरकार ने काम किया होता तो बार-बार अपनी फजीहत नहीं करवानी पड़ती।
गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बड़ी-बड़ी बातें करते हुए कहते हैं कि उनका फोकस डेथ रेट को कम करने पर है, लेकिन इसमें भी केजरीवाल सरकार पूरी तरह नाकाम रही। पिछले कई हफ्तों से कोरोना से मरने वालों की संख्या 35 से 40 के बीच है। बुधवार को भी 41 मरीजों की मौत हुईं। सितम्बर में कोरोना से लगभग 869 मौतें हुईं जो कि अगस्त की तुलना में दोगुना है। अगस्त में मौत का आंकड़ा 481 था। वहीं स्वास्थ्य मंत्री श्री सत्येंद्र जैन सितम्बर की तुलना जून से कर रहे हैं और सितम्बर में हुई मौतों को कम बता रहे हैं। इससे पता चलता है कि केजरीवाल सरकार को दिल्ली वालों की मौत का कोई अफसोस नहीं है।
गुप्ता ने कहा कि टेस्टिंग बढ़ाने की बात करने वाली केजरीवाल सरकार को हाई कोर्ट ने टेस्टिंग को लेकर फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार आरटीपीसीआर टेस्ट क्षमता के अनुसार नहीं कर रही है। जहां प्रतिदिन लगभग 3500-4000 लोगों के संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे हैं, वहीं केजरीवाल सरकार टेस्टिंग में लापरवाही बरत रही है। दिल्ली सरकार की आरटीपीसीआर से टेस्ट करने की क्षमता 15,000 सैंपल प्रतिदिन की है, लेकिन लगभग 11000 टेस्ट ही किए जा रहे हैं। ऐसा करके केजरीवाल सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर कर रही है।