नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों को यूरोपियन शहरों की तर्ज पर खूबसूरत बनाने को लेकर चल रही कवायद पर आज पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पायलट पा्रेजेक्ट के तहत दिल्ली की चिंहित सात सड़कों पर आ रही सभी बाधाओं को यथा शीघ्र दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों के री-डिजाइन को लेकर कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, इस प्रक्रिया को पीडब्ल्यूडी शीघ्र पूरी करें। इन सड़कों का विकास बिल्ट-आँपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) की तर्ज पर किया जाएगा और निर्माण एजेंसी 15 साल तक मेंटिनेंस की जिम्मेदारी संभालेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिन 7 सड़कों का काम दिसंबर 2020 तक पूरा होना था, कोविड-19 की वजह से उनकी समय सीमा बढ़ा कर मार्च 2021 कर दी गई है।
दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी की 100 फीट चैड़ी और 500 किलोमीटर लंबी सड़क को यूरोपीयन शहरों की तर्ज पर खूबसूरत बनाने पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सड़कों को री-डिजाइन करने की परिकल्पना की है, ताकि राजधानी की सड़कें भी दुनिया के विकसित देशों की राजधानी की सड़कों की तरह खुबसूरत दिखें। सीएम अरविंद केजरीवाल के नवंबर 2019 में पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाली कुछ सड़कों को री-डिजाइन करने की मंजूरी दी थी। इसके तहत दिल्ली सरकार ने 100 फीट चैड़ी और 500 किलोमीटर लंबी सड़क को यूरोपीयन शहरों की तर्ज पर खूबसूरत बनाने का फैसला किया है। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली की 7 सड़कों को री-डिजाइन करने को मंजूरी दी गई है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में चांदनी चैक सड़क को पायलट प्रोजेक्ट के तहत दोबारा विकसित करते हुए दिल्ली की 100 फीट चौड़ी और करीब 500 किलोमीटर लंबी सड़क तक इस योजना का विस्तार किया था। इन सड़कों का विकास बिल्ट-आँपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) की तर्ज पर होगा और निर्माण करने वाली कंपनी 15 साल तक मेंटिनेंस की जिम्मेदारी संभालेगी।
सड़कों के री-डीजाइन करने से बाटलनेक खत्म होंगे। अभी कोई सड़क चार लेन से तीन लेन की हो जाती है या छह लेन से चार लेन की हो जाती है। इससे अचानक सड़क पर एक जगह वाहनों का दबाव बढ़ जाता है और जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। सड़कों के री-डिजाइन के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी और सड़क एक समान चैड़ी दिखेगी, इससे जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। सड़क किनारे या आस-पास की सड़कों का स्पेस खत्म करके उस जगह का अच्छे से इस्तेमाल किया जाएगा। फुटपाथ, नाँन मोटर व्हीकल के लिए जगह बनाई जाएगी। कम से कम 5 फुट के फूटपाथ को बढ़ाकर अधिकतम 10 फुट का किया जाएगा। दिव्यांगों की सुविधा के मुताबिक फूटपाथ को डिजाइन किया जाएगा, ताकि सड़क एक जैसी दिखें और दिव्यांगों को परेशानी न हो।
दिल्ली में अभी सड़कों के किनारे हरियाली का दायरा कम है। सड़कों के री-डिजाइन के बाद फुटपाथ पर पेड़ लगाने के लिए जगह होगी और ग्रीन बेल्ट के लिए भी जगह होगी। आटो व ई-रिक्शा के लिए अलग से जगह और स्टैंड दिया जाएगा। सड़क के स्लोप व नालों को री-डिजाइन व री-कंस्ट्रक्ट किया जाएगा। नालों के अंदर री-हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे होंगे। सड़क के स्लोप को ठीक किया जाएगा, ताकि बारिश के पानी को जमीन में री-चार्ज किया जा सके। स्ट्रीट फर्नीचर लगेंगे, जंक्शन को ठीक किया जाएगा और सड़क पर कोई खुला स्पेस नहीं होगा। सड़क किनारे घास या पेड़ लगाया जाएगा और सड़कों को री-सर्फेस किया जाएगा।
सड़कों के री-डिजाइन के बाद सड़क के आस-पास एक इंच जमीन भी खाली नहीं होगी, जहां पर घास न लगी हो, ताकि सड़क पर धूल से प्रदूषण बिल्कुल न हो। अभी सड़कों पर धूल उड़ने की समस्या है, जिससे लोगों को प्रदूषण की समस्या होती है। सड़क के किनारे खाली जमीन पर ग्रीन बेल्ट या घास लगाई जाएगी, ताकि हरियाली की वजह से सड़कें खूबसूरत दिखें और धूल से होने वाला प्रदूषण कम किया जा सके।
री-डिजाइन सड़कों पर यह प्रमुख सुविधाएं होंगी-
– रिक्शा के लिए पार्किंग
– पार्किंग के लिए स्थान चिंहित
– ग्रीन बेल्ट
– पब्लिक ओपन स्पेश
– साइकिल लेन
– पैदल पाथ लेन
– सड़क की दीवारों पर विभिन्न तरह की डिजाइन का डिस्प्ले होगा।
– सड़क के बगल में पार्क होगा तो उसे दीवार से ढका नहीं जाएगा, ताकि सड़क से पार्क की खूबसूरती दिखे।