नई दिल्ली। समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने डिविजनल कमिश्नर मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया, क्योंकि उन्हें अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के लिए जाति प्रमाण पत्र सत्यापन नहीं होने की कई शिकायतें मिल रही थीं। जरूरी प्रमाण पत्र बनाने के लिए निर्धारित समय सीमा के बाद भी लंबित प्रक्रिया एक प्रमुख चिंता का विषय है, क्योंकि विभाग के द्वारा एसओपी का पालन नहीं करने के कारण आवेदकों के आवेदन खारिज हो रहे हैं।
राजेंद्र पाल गौतम ने अपने औचक दौरे के दौरान सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए गए कि वे अधिक कुशलता से और समयबद्ध तरीके से काम करें, ताकि जनता और लाभार्थियों को कोई असुविधा न हो। राजेंद्र पाल गौतम ने लंबित मामलों को पूरा करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। तकनीकी समस्याओं के कारण आवेदनों में देरी या मंजूरी नहीं होने की स्थिति में मैन्युअल रूप से काम करने के लिए कहा है। साथ ही भविष्य में, यदि इस प्रकार के मुद्दे सामने आते हैं, तो उन्हें तत्काल आधार पर हल करने का आदेश दिया।
हर 15 दिनों के अंदर जितने भी आवेदन आए और जितनों पर कार्रवाई हुई, उसकी जानकारी मंत्रालय को प्रस्तुत करने के आदेश दिए। इसके अलावा जो रिकॉर्ड नहीं मिल रहे हैं, उनका फील्ड सत्यापन निर्देशित किया जाए, ताकि जनता को कोई असुविधा ना हो।
दिल्ली में एससी सर्टिफिकेट आवेदनों के सत्यापन में देरी क्यों हो रही है जिसके परिणामस्वरूप कई मामले खारिज हो जाते हैं और जनता को परेशानी होती है। उन्होंने एसडीएम व अन्य अधिकारियों को आवेदन प्राप्त होने के 3 दिन के भीतर सत्यापन करने के निर्देश दिए, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीधे तौर पर एसडीएम व अनुभाग अधिकारी जिम्मेदार होंगे। राजेंद्र पाल गौतम ने एसडीएम को भी व्यवस्थित तरीके से जल्द से जल्द डाटा के डिजिटाइजेशन के लिए सख्त निर्देश दिए।
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