Header advertisement

एमसीडी के इतिहास में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन, पहली बार तीनों एमसीडी के सवा लाख कर्मचारी वेतन को लेकर हड़ताल पर हैं : दुर्गेश पाठक

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने आज तीनों एमसीडी में कार्यरत करीब सवा लाख कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिलने पर एक साथ हड़ताल पर चले जाने की घटना को बहुत ही दुभाग्यपूर्ण बताया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब तीनों एमसीडी के सभी कर्मचारी एक साथ हड़ताल पर चले गए हैं। भाजपा शासित एमसीडी के पास पैसे हैं, लेकिन ‘आप’ सरकार को बदनाम करने के लिए कर्मचारियों को सैलरी न देकर राजनीति कर रही है। एमसीडी ने दिल्ली में हजारों होर्डिंग्स लगाए हैं, जबकि इसे बनवाने में आए खर्च के पैसे से ही हजारों कर्मचारियों को सैलरी दी जा सकती थी। भाजपा शासित एमसीडी अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे सकती है, तो भाजपा को एमसीडी की सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, उसे इस्तीफा दे देना चाहिए। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि भाजपा अपने एमसीडी कर्मचारियों की सैलरी पर राजनीति करना छोड़ दे और उनकी सैलरी शीघ्र जारी करे, ताकि सभी कर्मचारी अच्छी तरह से दीपावली का त्योहार मना सकें।

पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि जब से दिल्ली नगर निगम का गठन हुआ है, आज दिल्ली नगर निगम के इतिहास का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन है। आज भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम के अधीन काम करने वाले लगभग सवा लाख कर्मचारी पिछले कई महीनों से वेतन न मिलने के कारण हड़ताल पर चले गए हैं।

उन्होंने बताया कि सिविक सेंटर जो पूरी दिल्ली नगर निगम का मुख्यालय माना जाता है, उस मुख्यालय में बैठने वाले मेयर के पीए से लेकर सुरक्षाकर्मी तक वेतन न मिलने के कारण आज हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके कारण नगर निगम से जुड़ी तमाम वह सुविधाएं जो दिल्ली की जनता को मिलती है, ठप हो गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 14 सालों में जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी ने नगर निगम को लूटा है, यह स्थिति उसी के कारण पैदा हुई है। आज परिस्थिति यह हो गई है कि दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के घर में पिछले कई महीनों से चूल्हा नहीं जला है, लोग रिश्तेदारों से दोस्तों से उधार ले लेकर घर का खर्च चला रहे हैं, अपने बच्चों की स्कूल की फीस तक नहीं दे पा रहे हैं, एक प्रकार से चारों तरफ एक हाहाकार सा मचा हुआ है। उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव न केवल नगर निगम के कर्मचारियों पर पड़ा है, बल्कि दिल्ली की तमाम जनता पर पड़ रहा है।

दुर्गेश पाठक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कि इस हरकत से ऐसा प्रतीत होता है कि जानबूझ कर भारतीय जनता पार्टी निगम के कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रही है और इन कर्मचारियों के जरिए दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए राजनीति कर रही है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बीते दिनों उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधीन आने वाले अस्पताल के डॉक्टर और अन्य कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। लगभग एक से डेढ़ महीने तमाम डॉक्टर और नर्स विरोध प्रदर्शन करते रहे, अंत में भाजपा के मेयर जाकर उनसे मिले और उनका वेतन उनको दे दिया गया। यह घटना इस बात को सत्यापित करती है कि भारतीय जनता पार्टी के पास पैसा तो था, परंतु केवल और केवल दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए राजनीति करने की मंशा से भारतीय जनता पार्टी इन कर्मचारियों का वेतन नहीं दे रही थी।

एक अन्य उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले नगर निगम के अधीन आने वाली स्कूलों के अध्यापक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता जी के निवास स्थान पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने पैसा नहीं दिया है, दिल्ली सरकार के पैसा देने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी ने निगम के अध्यापकों का वेतन नहीं दिया। वो केवल और केवल राजनीति करने के लिए झूठ बोल रहे थे। दुर्गेश पाठक ने कहा कि कर्मचारियों का वेतन न देकर भारतीय जनता पार्टी दिल्ली सरकार को नहीं, बल्कि पूरे देश और दुनिया के सामने दिल्ली की जनता को बदनाम करने का काम कर रही है। मैं भारतीय जनता पार्टी से केवल और केवल एक बात कहना चाहता हूं ‘या तो कर्मचारियों का वेतन दो, नहीं तो नगर निगम से इस्तीफा दो’। 14 साल नगर निगम की सत्ता में काबिज रहने के बावजूद यदि आप अपने कर्मचारियों का वेतन देने तक में असमर्थ हैं, तो आपको निगम की सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

प्रेस वार्ता में मौजूद पूर्वी दिल्ली नगर निगम से आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष मनोज त्यागी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज स्थिति यह हो गई है कि जिन निगम के कर्मचारियों को, डॉक्टरों को, अध्यापकों को भारतीय जनता पार्टी ने कोरोना वारियर्स कहकर ताली और थाली बजाकर उनका स्वागत किया था। आज उन्हीं कोरोना वॉरियर्स को अपने ही मेहनत की कमाई, अपना वेतन लेने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। भारतीय जनता पार्टी हर मसले में केवल और केवल राजनीति करने का काम करती है। उन्होंने कहा कि जल्द ही दिवाली आने वाली है, तमाम लोग घर की साज-सज्जा, मिठाइयां तथा अन्य प्रकार के सामान खरीदने में लगे हुए हैं, परंतु हमारे निगम के कर्मचारी घर में राशन तक भरवाने के लिए मोहताज हैं। मीडिया के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को अपील करते हुए मनोज त्यागी ने कहा, कि जल्द से जल्द तमाम कर्मचारियों का जो वेतन रुका हुआ है, वह कर्मचारियों को दिया जाए, ताकि यह कर्मचारी भी अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी दिवाली मना सकें।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम से आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष विकास गोयल ने कहा कि 4 दिन बाद पूरा देश दीवाली का पावन पर्व मनाने वाला है। यह त्योहार बहुत अहम माना जाता है, लेकिन आज बेहद दुखद बात देखने को मिली कि एमसीडी के सवा लाख कर्मचारी वेतन न मिलने के कारण हड़ताल पर चले गए हैं। आज दिल्ली की हालत यह है कि कहीं पर सफाई नहीं हो रही है, पार्कों की घास नहीं कट रही है और अगर कहीं स्ट्रीट लाइट खराब हो जाती है तो वह सही नहीं हो पा रही है। एमसीडी के यह सवा लाख कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। आज बेहद दुखद घटना घटी जिसने मुझे झकझोर कर के रख दिया। जब मैं ऑफिस पहुंचा तो वहां पर सफाई करने वाले एक कर्मचारी ने कहा कि सर आप हमें दो हजार रुपये उधार दे दीजिए, हमें अभी तक वेतन नहीं मिला है। हम दीवाली कैसे मनाएंगे, उनकी बात सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ, क्योंकि मैं भी एक पार्षद हूं। भाजपा को एमसीडी में रहने का कोई हक नहीं है। एमसीडी का एक कर्मचारी जिसकी तनख्वाह 14000 रुपये है अगर उसे पिछले 5 महीने से वेतन नहीं मिलेगा तो उसके घर का चूल्हा कैसे जलेगा। मेरी एमसीडी से मांग है कि इन कर्मचारियों का वेतन तुरंत जारी किया जाए, जिससे यह लोग अच्छे तरीके से दिवाली मना सकें।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष प्रेम सिंह चौहान ने कहा कि मैं भाजपा के नेताओं से कहना चाहता हूं कि कर्मचारियों का वेतन रोक कर जो राजनीति आप कर रहे हैं वह बहुत ही घटिया है और घिनौनी है। एक तरफ एमसीडी सफाई करने वाले कर्मचारियों को आप मूलभूत सुविधाएं नहीं दे पाते हैं, दूसरी तरफ आप उनको वेतन नहीं दे पा रहे हैं। भाजपा पार्टी खुद को हिंदूवादी बताती है और राष्ट्रवाद की बात करती है लेकिन दिवाली के त्योहार पर लाखों कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। अगर इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलेगा तो उनके घर में दीवाली के दिये कैसे जलेंगे और उनके घर में रोशनी कैसे होगी।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *