नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित एमसीडी द्वारा अपने कर्मचारियों का पिछले कई महीने से रुका वेतन कल रात अचानक से जारी करने पर हमला बोला है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे थे, भाजपा सिर्फ सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार को बदनाम करने के लिए राजनीति कर रही थी। अगर बीजेपी शासित एमसीडी के पास पैसे नहीं थे, तो उसने कर्मचारियों को सैलरी कहां से दी? भाजपा को ‘आप’ सरकार को बदनाम करने और इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए दिल्ली के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के विरोध-प्रदर्शन से दबाव में आकर भाजपा शासित साउथ एमसीडी को सफाई कर्मियों को निजी हाथों में देने वाले दलित विरोधी प्रस्ताव को आज वापस लेना पड़ा। वहीं, विधायक राखी बिड़लान ने कहा कि हमें पार्टी कार्यकर्ताओं पर पुलिस के लाठी चार्ज का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि हमारा संघर्ष सफाई कर्मचारियों के काम आया। विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि भाजपा दलित विरोधी पार्टी है और सफाई कर्मचारियों के भविष्य को बर्बाद करने की साजिश कर रही थी। ‘आप’ के दबाव में आज भाजपा को अपने कदम वापस लेने पड़े।
दिल्ली नगर निगम ने पिछले कई महीनों से डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों और अन्य एमसीडी कर्मचारियों का रुका हुआ वेतन जारी कर दिया है। इसके अलावा आज सफाई कर्मियों के निजीकरण वाला बिल साउथ एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी ने वापस ले लिया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक, दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़लान और विधायक कुलदीप कुमार ने इन दोनों मुद्दों को लेकर पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की। दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी के डॉक्टर, नर्स, शिक्षक, सफाई कर्मी और अन्य कर्मचारी कई महीनों से वेतन ने मिलने के कारण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पिछले कई दिनों से डॉक्टर भूख हड़ताल पर थे।
दुर्गेश पाठक ने कहा, जब भी डॉक्टर और एमसीडी कर्मचारी वेतन न मिलने का कारण पूछते थे तो भाजपा के नेता कहते थे कि उनके पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। लेकिन कल शाम भाजपा शासित एमसीडी ने सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों को वेतन दे दिया। अब यह प्रश्न उठना लाजिमी है कि जब एमसीडी के पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं थे, तो अब अचानक यह पैसा कहां से आ गया? इसका सीधा सा मतलब है कि भाजपा झूठे आरोप लगाकर दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी को बदनाम करना चाहती थी। दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए यह पूरा षणयंत्र रचा गया। भाजपा शासित एमसीडी ने अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए पैसा होने के बाद भी कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया।
दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि एमसीडी के बहुत सारे डॉक्टर ऐसे थे, जिनपर ईएमआई का बोझ था। बहुत सारे डॉक्टर मकान का किराया नहीं दे पाए, अपने बच्चों की स्कूल फीस नहीं दे पाए, उनके घरों के चूल्हे तक नहीं जल पाए। डॉक्टरों को वेतन न मिलने के उनके माता-पिता और अन्य परिजनों ने दोबारा नौकरी करनी शुरू कर दी। भाजपा के पास पैसे तो थे लेकिन उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, शिक्षकों और सफाई कर्मियों को वेतन नहीं दिया। उनका एक मात्र लक्ष्य सिर्फ आम आदमी पार्टी को बदनाम करना था। देश में इससे ज्यादा घटिया राजनीति आज तक किसी पार्टी ने नहीं की है। अपनी इस घिनौनी राजनीति पर भाजपा शासित एमसीडी को डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, शिक्षकों और सफाई कर्मियों से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा, दिल्ली की जनता के सामने अब भाजपा की पोल खुल गई है, उनका असली चेहरा लोगों के सामने आ गया है। हम लगातार यही कहते आ रहे थे कि दिल्ली सरकार पर एमसीडी का कोई पैसा बकाया नहीं है। उल्टा एमसीडी पर ही दिल्ली सरकार का लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की उधारी बाकी है। पिछले कई महीनों से दिल्ली सरकार पर लगातार झूठे आरोप लगाने के बाद जिस तरह से एमसीडी ने कल अचानक कर्मचारियों का वेतन जारी किया, उससे भाजपा का असली चेहरा जनता के सामने आ गया है। भाजपा की असलियत अब दिल्ली की जनता ने देख ली है। उनका झूठ सबके सामने आ गया है। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि भाजपा के नेता अपने इस झूठ और गंदी राजनीति के लिए दिल्ली की जनता से माफी मांगें।
दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि साउथ एमसीडी में भाजपा, दलित और बाल्मीकि समाज के लोगों के खिलाफ एक काला कानून लाना चाहती थी। भाजपा सफाई कर्मियों के निजीकरण का प्रस्ताव साउथ एमसीडी में आज पेश करने वाली थी। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता तो दिल्ली के दलित और बाल्मीकि सामज के सफाई कर्मियों का निजीकरण हो जाता और वो पूंजीपतियों के गुलाम हो जाते। आम आदमी पार्टी ने भाजपा के इस काले कानून का विरोध सदन के अंदर और बाहर किया। हमने सफाईकर्मियों के साथ मिलकर सिविक सेंटर के बाहर जमकर विरोध किया। हमारे विरोध का यह नतीजा निकला कि भाजपा को पीछे हटना पड़ा, उसे इस काले कानून को वापस लेना पड़ा।
उन्होंने कहा, दलित और बाल्मीकि विरोधी इस काले कानून को वापस लेने पर मैं दिल्ली के सभी सफाई कर्मियों को बधाई देना चाहता हूं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का हर एक सिपाही उनके साथ है। आम आदमी पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता के अंदर जब तक सांस बाकी तब तक हम आपके अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। जब तक सांस बाकी है, हम भाजपा को दलित और बाल्मीकि समाज के अधिकारों का हनन नहीं करने देंगे।
प्रेस वार्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी की विधायिका राखी बिड़लान ने कहा कि आज जो आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं ने और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के बाल्मीकि समाज के लिए और दिल्ली के सफाई कर्मचारियों के लिए सिविक सेंटर के बाहर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर विरोध प्रदर्शन किया, उनके हक में अपनी आवाज बुलंद की, उसी विरोध प्रदर्शन का नतीजा है कि भारतीय जनता पार्टी को अपने घुटने टेकने पड़े और जो काला कानून वह सफाई कर्मचारियों के विरोध में लेकर आ रहे थे, उसे वापस लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से भाजपा की पुलिस ने सिविक सेंटर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हमारे समस्त नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया, उन पर लाठियां बरसाई, हमें उस बात का कतई भी अफसोस नहीं है। क्योंकि हमारा यह संघर्ष हमारे बाल्मीकि समाज के, हमारे सफाई कर्मचारी भाइयों के काम आया और अंततः भाजपा को यह काला कानून वापस लेना पड़ा। मीडिया के माध्यम से राखी बिड़लान ने दिल्ली के समस्त बाल्मीकि समाज और सफाई कर्मचारी भाइयों को यह आश्वासन दिया, कि जब जब भारतीय जनता पार्टी बाल्मीकि समाज के लोगों के, सफाई कर्मचारियों के अधिकारों का हनन करने का प्रयास करेगी, आम आदमी पार्टी सदैव उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी।
वहीं प्रेस वार्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी के कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि यह संघर्ष सदन के भीतर और सदन के बाहर दोनों ही जगह किया गया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी के तमाम नेता और सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता सदन के बाहर बैठकर इस काले कानून का विरोध कर रहे थे, वहीं आम आदमी पार्टी के समस्त निगम पार्षद सदन के भीतर इस काले कानून का विरोध कर रहे थे और दिल्ली के समस्त वाल्मीकि समाज और सफाई कर्मचारी भाइयों के हक की आवाज को बुलंद कर रहे थे। कुलदीप कुमार ने कहा कि यह एकजुट होकर संघर्ष करने का ही नतीजा है, कि आखिरकार भारतीय जनता पार्टी को झुकना पड़ा और यह काला कानून जिसकी वजह से पूरे बाल्मीकि समाज पर और दिल्ली के पूरे सफाई कर्मचारी वर्ग पर एक विपदा आने वाली थी, जिस कानून की वजह से दिल्ली का बाल्मीकि समाज जो पहले ही बहुत पिछड़ा हुआ है वह और भी दशकों पीछे चला जाता, इस संघर्ष के कारण इस विपदा से बच पाया है। इस संघर्ष से आज एक बात और साबित हो गई कि संघर्ष से बड़ी से बड़ी मुसीबत को भी टाला जा सकता है।
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