नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दुनिया के विभिन्न देशों की राजधानियों की तरह ही राजधानी दिल्ली में भी टोंटी से 24 घंटे साफ-सुथरा पानी मिलेगा और दिल्ली निवासियों को टंकी लगा कर पानी स्टोर करने और ऊपरी मंजीत तक पानी पहुंचाने के लिए पंप लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिस तरह, पिछले पांच साल में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किया है, उसी तरह हम 24 घंटे साफ-सुथरा जल आपूर्ति भी सुनिश्चित करेंगे। दिल्ली सरकार ने इसके लिए एक कंसल्टेंट नियुक्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है, जो हमें पानी की एक-एक बूंद को बर्बाद होने से बचाने के प्रबंधन और आधुनिक तकनीक के बारे में बताएगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 176 लीटर पानी का उत्पादन होता है, लेकिन काफी पानी बर्बाद हो जाता है। अब हमें पानी का प्रबंधन और सिस्टम की जवाबदेही तय करने की जरूरत है, ताकि पानी की एक बूंद भी बर्बाद न हो सके। हम दिल्ली में पानी की उपलब्धता को और बढ़ाने के लिए यूपी, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड समेत अन्य राज्य सरकारों से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के कुछ साथियों को गलतफहमी है कि हम पानी का निजीकरण कर रहे हैं। मैं साफ कर दूं कि पानी का निजीकरण नहीं होना चाहिए और यह हो भी नहीं सकता है, इसे लेकर सभी आश्वस्त रहें।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले हम लोगों ने वादा किया था कि जैसे दिल्ली में 24 घंटे बिजली आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले 5 साल में सुनिश्चित की है, ऐसे ही अब आने वाले 5 साल के अंदर दिल्ली में आपके घर में साफ सुथरा 24 घंटे पानी सुनिश्चित करेंगे। आज मुझे कहते हुए खुशी है कि हमने उस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। परसों दिल्ली जल बोर्ड की बैठक हुई थी। दिल्ली जल बोर्ड की बैठक हमने कंसल्टेंट की नियुक्त करने का निर्णय लिया है, जो हमने जो हमें सुझाव देगा कि दिल्ली में 24 घंटे पानी पहुंचाने के लिए क्या-क्या करने की जरूरत है? यह सुझाव देने के लिए हमने कंसल्टेंट की नियुक्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना हो गया था और इसकी वजह से इसमें देरी हो गई, नहीं तो कंसल्टेंट की नियुक्ति की कार्रवाई हम लोग मार्च- अप्रैल में ही कर देते।

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि दिल्ली में आज पानी की किल्लत क्यों है? दिल्ली में आपके घर में 24 घंटे पानी क्यों नहीं आता है? दिल्ली देश की राजधानी है। आप दुनिया के किसी भी राजधानी में जाइए, टोक्यो में जाइए, लंदन में जाइए, पेरिस में जाइए, वाशिंगटन में जाइए, वहां पर आपको 24 घंटे पानी अपनी टोंटी से मिलता है और साफ-सुथरा पानी मिलता है। दिल्ली में क्यों नहीं मिलता है? हमारे दिल्ली में पानी का प्रेशर इतना कम आता है कि लोगों को पंप लगाना पड़ता है। लोगों को पंप से पानी को ऊपरी मंजिल तक चढ़ाना पड़ता है। एक आदमी पंप लगा ले, तो बगल वाले व्यक्ति के घर में पानी नहीं आता है। सबको अपने-अपने घर में टंकिया लगानी पड़ती है। पानी को स्टोर करना पड़ता है। हमें यह सब खत्म करना है। जैसे दूसरे देशों की राजधानियों में 24 घंटे पानी मिलता है, पूरे प्रेशर पर मिलता है, किसी टंकी की जरूरत नहीं होती है, कोई पंप नहीं लगाना पड़ता है। ऐसे ही अब दिल्ली में भी हम करने जा रहे हैं। जैसे विकसित देशों, बड़े-बडे देशों और आधुनिक देशों में होती है, वैसे ही हम दिल्ली में भी करेंगे।

सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में रोज 930 मिलीयन गैलन पानी प्रतिदिन उत्पादन होता है। दिल्ली में दो करोड़ की जनसंख्या है। इसका मतलब हुआ कि दिल्ली में हर व्यक्ति के लिए चाहे वह गरीब हो या अमीर हो, चाहे आदमी हो या औरत हो, चाहे इस धर्म का हो या उस धर्म का हो, चाहे बुड्ढा हो या बच्चा हो, हर व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 176 लीटर पानी का उत्पादन होता है। इसमें सारा पानी शामिल है। इसमें इंडस्ट्री का पानी शामिल है, स्वीमिंग पूल में पानी जाता है, वह शामिल हो गया, खेती का पानी सहित सभी तरह का पानी शामिल है। यह बहुत ज्यादा पानी नहीं है, लेकिन यह इतना कम भी नहीं है। एक तरफ अपने को दिल्ली में पानी की उपलब्धता बढ़ानी है, ताकि दिल्ली में ज्यादा पानी मिले। इसके लिए हम यूपी सरकार से बात कर रहे हैं, हम हिमाचल प्रदेश की सरकार से बात कर रहे हैं, हम उत्तराखंड की सरकार से बात कर रहे हैं और अन्य सरकारों से बात कर रहे हैं, जिनके पास ज्यादा पानी है, ताकि दिल्ली को और ज्यादा पानी मिल सके। वहीं, दिल्ली में जितनी पानी है, यह जो 930 एमजीडी पानी है, यह जो 176 लीटर पानी हर व्यक्ति के लिए है, यह पानी कहां जाता है? इसमें से काफी पानी चोरी हो जाता है, यह पानी लिक हो जाता है, इसकी कोई जवाबदेही नहीं है, 176 लीटर पानी भी कम नहीं होता है।

सीएम केजरीवाल ने कहा कि एक तरफ अपने को इस पानी का प्रबंधन ठीक करना है और इसकी जवाबदेही तय करनी है। जैसे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से मान लें कि 100 एमजीडी पानी बना। यह 100 एमजीडी पानी जब बाहर निकला, तो इसके एक-एक बूंद पानी की जवाबदेही होनी चाहिए, एक बूंद पानी भी बर्बाद नहीं होना चाहिए। अभी दिल्ली में काफी पानी बर्बाद होता है। अभी दिल्ली में पानी का प्रबंधन सही नहीं है। अभी दिल्ली में पानी की जवाबदेही बिल्कुल नहीं है। सिस्टम की जवाबदेही बिल्कुल नहीं है। यह जो कंसल्टेंट हम हम हायर कर रहे हैं, वह हमें बताएगा कि पानी का प्रबंधन कैसे ठीक किया जाए और पानी की एक बूंद को कैसे सुनिश्चित किया जाए कि उसका इस्तेमाल होना चाहिए और वह बर्बाद नहीं होना चाहिए। दूसरा, हमें लेटेस्ट टेक्नोलॉजी लेकर आनी है। आज हम पुराने जमाने की तकनीक में जी रहे रहे हैं। आज अगर हमें एक इलाके से पानी कम करके दूसरे इलाके में पानी भेजना है, तो हमारा वाॅल्ब वाला व्यक्ति जाता है और वह वाल्ब की तीन चूड़ियां घुमाकर आता है। आज दुनिया के देशों में ऐसी तकनीक है, दुनिया के अंदर ही नहीं, बल्कि हमारे दिल्ली जल बोर्ड के अंदर भी ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिन्होंने कुछ इलाकों में किया है कि सेंट्रल कंट्रोल रूम में बैठकर आप बटन दबा कर के किसी भी वाॅल्व रिमोट कंट्रोल से घुमा सकते हो, किसी भी वाॅल्ब कम ज्यादा कर सकते हो। सेंट्रल कंट्रोल रूम में पता होता है कि किस पाइप लाइन में कितना पानी जा रहा है, किस इलाके में कितना पानी जा रहा है। रियल टाइम के अंदर उन्हें पता होता है कि कितना पानी जा रहा है, कहां लिक हो रहा है, कहां क्या हो रहा है, यह सारी चीजें कंट्रोल रूम से सुनिश्चित कर सकते हैं। इसे स्काॅडर सिस्टम कहते हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह जो कंसलटेंट है, वह हमें उस टेक्नोलॉजी के बारे में बताएगा। अब हमें 24 घंटे पानी दिल्ली को देने की प्रक्रिया की दिशा में हम चलना शुरू कर दिया हैं। कल मैं अखबारों में पढ़ रहा था कि हमारे विपक्ष के कुछ साथियों को गलतफहमी हुई है कि हम पानी का निजीकरण कर रहे हैं। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हम कोई निजीकरण नहीं कर रहे हैं। पानी का निजीकरण तो होना ही नहीं चाहिए और यह हो भी नहीं सकता है, किसी भी हालत में नहीं हो सकता है। इस बारे में आप बिल्कुल सुनिश्चित रहें।

रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई

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