नई दिल्ली : साजिद खान ने कहा कि उनकी जोड़ी कभी ना तो टूटी थी और ना ही टूटेगी, क्योंकि वाजिद भले ही फिजिकली इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वह अपनी कला के जरिए हमेशा उनके और फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगे.
साजिद खान ने कहा मैं नहीं चाहता कि लोग मुझे साजिद खान कहें, इसीलिए मैंने अपने नाम के आगे वाजिद अपने सरनेम की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, मेरा नाम साजिद-वाजिद और अंत तक यही रहेगा.
मुझे हमेशा वाजिद के होने का अहसास होता है, मैंने म्यूजिक कंपोज करना शुरू कर दिया, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी ऐसा करूंगा, यह सब उसी की वजह से है.
साजिद ने कहा कि मुझे लगता है कि उस समय में वाजिद मेरे साथ रहता है, हम तीन भाई थे, वाजिद, जावेद और मैं, जब हमारे पिता ठीक नहीं थे, तो उन्होंने हमसे कहा था कि कभी किसी चीज को अपने बीच मत आने देना.
हम भाइयों की एक मिसाल पेश करना चाहते थे, आज पैसों, पावर और करियर को बहुत महत्व दिया जाता है, भाई-बहन एक दूसरे से मिलते तक नहीं हैं, बच्चे अपने बूढ़े माता-पिता की देख-भाल नहीं करते, लेकिन, हम वैसे बिलकुल भी नहीं हैं, हम एक-दूसरे से बहुत जुड़े हुए हैं.
मैं वाजिद से बहुत क्लोज था, मैं उससे आईसीयू में पीपीई किट पहनकर मिला, तब एक समय ऐसा आया, जब मुझे लगा कि मुझे चले जाना चाहिए.
मुझे उसके साथ चले जाना चाहिए, उसके जाने के बाद यह खालीपन भर पाना बहुत मुश्किल है, मैंने जब उसे खोया तो मैंने सलमान भाई को कहा कि मुझे नहीं लगता कि मुझमें कोई आग बची है, उन मुश्किल दिनों में वह मेरा सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम थे.