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मुल्क की रूह है ये संविधान, इसकी हिफाजत जरूरी: आफताब अहमद

मुल्क की रूह है ये संविधान, इसकी हिफाजत जरूरी: आफताब अहमद

शनिवार को नूंह जिला कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस विधायक दल उप नेता चौधरी आफताब अहमद की मौजदूगी में संविधान दिवस मनाया गया जिसमें विस्तार से संविधान की जानकारी व रौशनी डाली गई।
इस अवसर पर कांग्रेस की ओर से संविधान के निर्माता भारत रत्न डा. भीमराव अंबेडकर को याद करने समेत देश के प्रति उनके योगदान को सराहा गया। इस संगोष्ठी के मुख्य वक्ता सीनियर एडवोकेट शौकत कैराका ने की। पीसीसी सदस्य महताब अहमद मुख्य रूप से मौजूद रहे।

इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी, संविधान सभा के सदस्य चौ. रणबीर सिंह जी की जयंती के अवसर पर उन्हें खिराजे अकीदत पेश की गई।

संविधान दिवस के अवसर पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भी खिराजे अकीदत पेश की गई

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को देश में लागू किया गया, जब 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ तो देश के सामने सबसे बड़ी समस्या थी कि देश का संचालन कैसे किया जाए और कैसे देश में कानून व्यवस्था स्थापित की जाए I इसके लिए देश में संविधान बनाने की मांग उठी और उस समय के सभी नेताओं ने इस मांग को समझते हुए संविधान सभा का गठन किया इसके बाद भारतीय संविधान का निर्माण हुआ।

सीएलपी उप नेता आफताब अहमद ने कहा कि इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य ये है कि बच्चों, युवाओं को भी मालूम चले कि भारतीय संविधान का महत्व क्या है और भारतीय संविधान किस प्रकार भारत की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है? क्योंकि युवा भारत का भविष्य हैं I भारत का भविष्य अगर सुरक्षित रखना है तो भारतीय संविधान के हर एक प्रारूप और पहलुओं के बारे में जानकारी देनी होगी तभी जाकर हमारा देश संविधान के अनुकूल काम कर पाएगा और उन्नति के पथ पर अग्रसर हो पाएगा I

वहीं सीनियर एडवोकेट शौकत कैराका ने कहा कि जब-जब देश की गणतंत्रता की बात होगी, तब-तब देश के संविधान का नाम आना स्वाभाविक है। हमारा संविधान अनूठा संविधान है। संविधान को बनाने के लिए संविधान-सभा बनाई गई थी, जिसका गठन स्वतंत्रता पूर्व ही दिसम्बर, 1946 को हो गया था। संविधान को निर्मित करने के लिए संविधान-सभा में अलग-अलग समितियां बनाई गयी थी। इसका मसौदा बनाने का जिम्मा प्रारूप-समिति को दिया गया था, जिसके अध्यक्ष डाँ. भीमराव अम्बेडकर थे।

पीसीसी सदस्य महताब अहमद ने कहा कि देश का कानून ही संविधान है। इसे पूर्णतः बनने में 2 साल, 11 महीनें और 18 दिनों का वक़्त लगा। इसके लिए 114 दिनों तक बहस चली। कुल 12 अधिवेशन किए गये। संविधान सभा के प्रमुख सदस्यों में ‘पंडित जवाहर लाल नेहरू’, ‘डा. भीमराव अम्बेडकर’, ‘डा. राजेन्द्र प्रसाद’, ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल’, ‘मौलाना अब्दुल कलाम आजाद’ आदि थे। भारत के संविधान में शुरूआत में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां थी, जो अब बढ़कर 448 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियां हो गयी हैं।

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि हमारे भारत का संविधान दुनिया का सबसे अच्छा संविधान माना जाता है। इसे दुनिया भर के संविधानों का अध्ययन करने के बाद बनाया गया है। उन सभी देशों की अच्छी-अच्छी बातों को आत्मसात किया गया है। संविधान की नज़र में सब एक समान है। सबके अधिकार और कर्तव्य एक समान है। इसकी दृष्टि में कोई छोटा नहीं, कोई बड़ा, न ही अमीर, न ही गरीब। सबके लिए एक जैसे पुरस्कार और दंड का विधान है।

चौधरी आफताब अहमद ने कहा कि आज संविधान को बचाने की सख्त जरूरत है, मौजूदा सरकार संविधान व लोकतांत्रिक ढांचे को कमज़ोर करने का काम कर रही है। संविधान को मजबूत करने की जिम्मेदारी सभी की है, आज सभी को मिलकर इस की हिफाजत करनी है। उन्होनें राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा को संविधान लोकतंत्र बचाने की शानदार पहल बताया।

इस दौरान शौकत एडवोकेट, पीसीसी सदस्य शरीफ अड़बर, नईम फिरोजपुर नमक, शहाबु कैराका, हारून टाई, आसिफ चंदेनी, पवन तावड़ू, मदन तंवर नूह, अकरम रजा एडवोकेट, ताज मौ टपकन, जमील सरपंच टाई, हाजी अब्बास जयसिंहपुर, हमीदा सरपंच सलम्बा, हाजी गुडडू फिरोजपुर नमक, फराहीम दिहना, हाजी बसीर सालाहेड़ी, मंजूर मेवली, रहमान मेवली, अब्दुल्ला मेवली, ताहिर सलम्बा, जान मौ दिहाना, जफरू पार्षद मेवली, छोटा मेवली नरेश शर्मा, मुस्ताक घासेड़ा, इमरान भपावली, फारुख गांडुरी, नसीम चंदेनी, जहीर बड़वा सगीर गोलपुरी, शमीम रहनिया, अल्ताफ डीके, व अन्य कांग्रेस जन मौजूद रहे।

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