दारुल उलूम देवबंद के वरिष्ठ उस्ताद और अरेबिक विद्वान मौलाना नूर आलम खलील अमीनी का निधन

देवबंद
दारुल उलूम देवबंद के सीनियर उस्ताद और अरेबिक मैगजीन अल-दाई के एडिटर मौलाना नूर आलम खलील अमीनी का बीमारी के चलते देर रात इंतकाल हो गया। उनके इंतकाल की खबर से इस्लामिक दुनिया में गम की लहर दौड़ गई। दुनिया भर में मौलाना के हज़ारों मुरीद हैं।
मौलाना नूर आलम खलील अमीनी पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। देवबंद और मुज़फ्फरनगर के बाद उन्हें मेरठ के आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से तबीयत ठीक होने के बाद छुट्टी मिल गई थी, लेकिन देर रात एक बार फिर तबीयत बिगड़ने के कारण उनका इंतकाल हो गया।


खलील अमीनी का जन्म 18 दिसंबर 1952 को बिहार के मुजफ़्फ़रपुर जिले में हुआ था। वह एक प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान, दारुल उलूम देवबंद में अरबी साहित्य के शिक्षक तथा मशहूर अरेबिक मैगज़ीन अल-दाई के सम्पादक थे। उनकी पुस्तक, फिलिस्तीन ने सलाहुद्दीन की प्रतीक्षा की, असम विश्वविद्यालय से पीएचडी शोध प्रबंध का विषय था। मौलाना अमीनी एक अरबी भाषा के लेखक थे और उनकी किताब मुफ्ता अल-अरबिया विभिन्न मदरसों में दर्स निज़ामी के पाठ्यक्रम में शामिल है।
मौलाना नूर आलम खलील अमीनी को उनकी अरबी जबान में दी जाने वाली सेवाओं के लिए राष्ट्रपति के हाथों विशेष सम्मानित किया जा चुका है।
उनके इंतकाल पर दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी और जमीअत उलमा ई हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी समेत बड़े उलेमा ने दुख प्रकट किया है। और मौलाना के इंतकाल को दारुल उलूम देवबंद समेत इस्लामिक जगत के लिए बड़ा नुकसान बताया है।

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