अल्पसंख्यक बहुल इलाक़ों में पुलिस भर्ती का कैंप आयोजित करने के वादे से मुकर गए थे अखिलेश – शाहनवाज़ आलम
- 2006 से 2010 के बीच केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यकों की भागीदारी में 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई
- अल्पसंख्यक कांग्रेस ने सपा से पूछे तीन सवाल
- स्पीक अप माइनोरिटी # 4 में फेसबुक लाइव में शामिल हुए दो हज़ार कार्यकर्ता
लखनऊ
अल्पसंख्यक कांग्रेस ने स्पीक अप माइनोरिटी कैम्पेन के चौथे चैप्टर में आज सपा पर 2012 के चुनावी घोषणापत्र में अल्पसंख्यक समाज से पुलिस में भर्ती करने के वादे से धोखा करने का आरोप लगाया। आज दो हज़ार के क़रीब अल्पसंख्यक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फेसबुक लाइव के माध्यम से यह सवाल उठाया।
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि 2012 के घोषणापत्र में अल्पसंख्यक बहुल इलाक़ों में पुलिस की भर्ती के लिए विशेष कैंप आयोजित करने का वादा किया था। लेकिन अखिलेश सरकार इससे पूरी तरह पलट गयी। इसी तरह 2007 में भी मुलायम सिंह यादव की सरकार में तीन हज़ार पुलिस भर्ती निकली थी जिसमें 2400 लोग सिर्फ़ मुख्यमन्त्री की अपनी जाति से थे, मुसलमानों के लिए उस भर्ती में भी कोई जगह नहीं थी। इसी तरह 2013 में 2400 भर्ती निकली थी जिसमें 2000 लोग अखिलेश यादव के सजातीय लोग लिए गए और 20 प्रतिशत मुस्लिम आबादी को इसमें नाम मात्र ही भर्ती दी गयी।
शाहनवाज़ आलम ने बताया कि आज फेसबुक लाइव के माध्यम से बताया गया कि किस तरह सच्चर कमेटी के आने के बाद केंद्र में अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन किया गया और 2006 से 2010 के बीच केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों की भागीदारी में 3 प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह आंकडा 10.18 तक पहुँच गया।
हर रविवार को फेसबुक लाइव के ज़रिये होने वाले स्पीक अप माइनोरिटी कैंपेन के तहत आज पूर्व मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव से आज निम्न तीन सवाल पूछे गए-
- सपा ने मुसलमानों की विशेष भर्ती के लिए कहाँ-कहाँ कैम्प आयोजित किए ?
- सपा सरकार में विभिन्न विभागों में हुईं लगभग 4 लाख भर्ती में मुसलमानों की संख्या कितनी थी ?
- वर्ष 2013 में हुई पुलिस की 2400 भर्ती में 2000 यादव भर्ती हुए जबकि इनमें मुसलमानो की संख्या ना के बराबर रही, ऐसा क्यों किया गया।