रामपुर(मो. शाह नबी)
सीतापुर जेल में बन्द आज़म खान एवं उनके पुत्र अब्दुल्लाह आज़म कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उन्हें इलाज के लिए 9 मई को मेदांता अस्पताल लखनऊ भेज दिया गया था।जहां पर सेहत में कई बार उतार चढ़ाव आने के बाद उनकी रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आयी। लेकिन आज़म खान पोस्ट कोविड की समस्याओं से जूझ रहे थे और मेदांता में डॉक्टर्स की टीम इलाज कर रही थी। तभी अचानक 13 जुलाई को परिवार को बिना सूचना दिए मेदांता अस्पताल के डॉक्टर ने स्वस्थ बताते हुए आजम खां और उनके बेटे को वापस सीतापुर जेल भेज दिया। जिस पर आजम खान की पत्नी शहर विधायक डॉक्टर तज़ीन फातिमा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि बिना परिवार को सूचना दिए पूरी तरह स्वस्थ न होने पर भी सीतापुर जेल भेज दिया गया और इसे एक साजिश करार दिया था। अब 19 जुलाई सोमवार को अचानक सीतापुर जेल में ही आजम खान की तबीयत बिगड़ी। जिसमें ऑक्सीजन लेवल कम होने और सांस में दिक्कत होने पर डॉक्टर्स ने उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया जिस पर आजम खान को वापस मेदांता अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।
आजम खान की पत्नी शहर विधायक डॉक्टर तज़ीन फातिमा ने कहा है कि जब आजम खान को मेदांता से डिस्चार्ज किया गया था, उसी वक्त मैंने कहा था कि वह अभी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं है। पता नहीं कौन से ऐसे हालात थे कि मेदांता अस्पताल ने उन्हें स्वस्थ बता कर डिस्चार्ज कर दिया था। मेदांता के डायरेक्टर को बुलेटिन जारी कर कहना पड़ा कि वह पूरी तरह स्वस्थ हैं, लेकिन ऐसा नहीं था। जिस वक्त मेदांता से उन्हें डिस्चार्ज किया गया तो मैंने वीडियो में देखा था कि जिस वक्त उन्हें व्हीलचेयर से ले जाया जा रहा था, वह बेहद कमजोर थे और हाथ पैरों में कमजोरी की वजह से उनसे ठीक से एंबुलेंस में चढ़ा भी नहीं जा रहा था। उनको सहारा देकर चढ़ाया गया था।तज़ीन फ़ातिमा ने कहा कि मैं तो यह मानती हूं कि इसमें कोई षड्यंत्र है और यह एक साजिश है। तज़ीन फ़ातिमा ने कहा यह भी राजनीति का एक घिनौना रूप ही है। यकीनन यह सियासी रंजिश है।
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