सहारनपुर (रिज़वान सलमानी)
एक तरफ़ प्रदेश सरकार जहाँ राशन वितरण में पारदर्शिता लाने एवं ग़रीबों तक अन्न पहुँचाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है,वहीं दूसरी तरफ़ जनपद सहारनपुर में एक दिव्यांग प्रशासन की हठधर्मिता के कारण दाने-दाने को मोहताज हो गया है। बताया जाता है कि वकिल अहमद पुत्र महमूद हसन अंसारी मोहल्ला किला निवासी का सन 2007 से बीपीएल राशनकार्ड बना चला आ रहा था।
जिसको 18 जनवरी 2016 को बिना किसी जानकारी के पीपीएच राशनकार्ड में बदल दिया गया।
वकील अहमद ने 2019 में देवबंद अपूर्ति विभाग के निरीक्षक की जानकारी में लाकर अपने बीपीएल राशन कार्ड को बहाल करने की मांग की।
जिस पर देवबंद अपूर्ति विभाग निरीक्षक ने चिढ़ कर पीपीएच राशनकार्ड पर अपात्र की रिपोर्ट लगाकर निरस्त करा दिया।
30 सितम्बर 2020 को दिव्यांग वकील अहमद ने सहरानपुर कमिश्नर से निरस्त हुए बीपीएल कार्ड की जांच कर बहाल करने की मांग की।
वकील अहमद के अनुसार कमिशनर ने प्रार्थी को बीपीएल राशनकार्ड का पात्र पाया। दुर्भाग्य से इसी बीच कमिशनर का ट्रांसफर कहीं और हो गया। जिस कारण वकील अहमद का मामला अधर में लटक गया।
17 जून 2021 को वकील अहमद ने अपने निरस्त हुए बीपीएल राशनकार्ड की फरियाद देवबंद पूर्व सपा विधायक शशिबाला पुंडीर के सामने रखी।
सपा नेत्री ने वकील अहमद की फरियाद सुनकर देवबंद अपूर्ति विभाग के निरीक्षक को फोन लगाकर वकील अहमद के राशन कार्ड की जांच कर तुरंत बीपीएल राशनकार्ड बहाल करने के लिए कहा।
जिस पर अपूर्ति विभाग के निरीक्षक ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही वकील अहमद का राशनकार्ड बना कर दे दिया जाएगा। लेकिन अभी तक अपूर्ति विभाग के निरीक्षक राशनकार्ड बनाकर देने में कामयाब नही हुए हैं। जिस कारण दिव्यांग दाने-दाने को मोहताज हो गया है।
No Comments: