कनाडा में इस्लामोफोबिया से ग्रस्त एक युवक द्वारा मुस्लिम परिवार को ट्रक से कुचलने के बाद कनाडा में इस्लामोफोबिया को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कनाडा के मुस्लिमों में दहशत का माहौल है। ख़ास तौर पर हिजाब लगाने वाली महिलाएं बेहद डरी हुई हैं। एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुये कनाडा की महिलाओं ने अपना डर बयान किया है।
बॉलिंगटन ओंटारियो में रहने वाली खदीजा ज़फ़र कहती हैं कि मेरे ज़हन में ये बात आई थी कि ये लोग इतनी नफ़रत करते हैं कि हमारे ऊपर गाड़ी चढ़ा दें। फिर मैंने सोचा नही ऐसा नही हो सकता है,ऐसा कौन कर सकता है। लेकिन जब लंदन में हुई घटना के बारे में सुना तो यक़ीन ही नही हुआ।
इस्लामोफोबिया के अनुभव के बारे में खदीजा ने बताया कि एक बार मुझे देख कर किसी ने ज़मीन पर कुछ फेंका। इस तरह की घटनायें तो शुरू से होती रहती हैं। सरकार कह रही है कि इस्लाम्फोबिया कनाडा में कैसे हो सकता है,जबकि मैं कहती हूँ कि ये कनाडा में हो रहा है और न जाने कब से हो रहा है।
हिजाब पहनने वाली महिला हैमिल्टन ओंटारियो निवासी आयशा नसीर कहती हैं कि कभी-कभी मैं सोचती थी कि ऐसा खौफ़ नही होना चाहिए, ऐसा क्यों होगा। लेकिन अब मुझे लगता है कि ये हमारे खानदान के साथ भी हो सकता है। जब मैं हिजाब पहन कर निकलती हूँ तो मुझे इस बात का डर रहता है कि कोई मेरे हिजाब को लेकर ऐसी बात न कह दे जो मेरा दिन ख़राब कर दे। मैं ये सोचती रहूँ कि मुझे इन्होंने ऐसा क्यों कहा। या फिर कोई उससे आगे बढ़े और मेरे ऊपर हमला करे,मेरी फ़ैमली पर हमला करे। क्योंकि हमें देख कर लोग समझ सकते हैं कि हम मुसलमान हैं।
इस्लामोफोबिया को लेकर अपने साथ हुये मामले के बारे में आयशा ने बताया कि एक बार मैं बस में बैठ कर ऑफिस से घर वापस आ रही थी। तभी मेरे पीछे बैठी महिला किसी से फोन पर मेरे और बस में सवार एक अन्य मुस्लिम महिला को लेकर बात करते हुये कहने लगी कि हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलायें महिलाओं की तरक्की में रुकावट बन रही हैं। मुझे उसकी बातों से डर लग रहा था कि कहीं वो हाथ बढ़ा कर मेरा हिजाब न खींच ले। मैं सोच रही थी कि जाकर ड्राइवर के करीब बैठ जाऊँ,जिससे वो मेरे साथ होने वाली वारदात को देख ले।
आयशा ने कहा ये कहना दोगली बात है कि कनाडा मल्टी कल्चरल सोसायटी है। एक सूबा है जिसमें धर्म की निशानियों के साथ आप वहाँ नही जा सकते। जैसे मैं हिजाब पहनती हूँ तो मैं जब तक अपना हिजाब नही उतारूँ तब तक वहाँ के स्कूल में नही पढ़ा सकती, वहाँ की हुकूमत में काम नही कर सकती।
लंदन ओंटारियो निवासी सीमा सलीम कहती हैं कि मैं रोज़ाना वॉक करने बाहर जाती हूँ,मैं कल भी बाहर गयी, हम कल उस जगह भी गये जहाँ घटना हुई,लेकिन इस घटना के बाद से दिल के किसी कोने में अजीब सा डर बैठ गया है। मैं फिर भी निश्चिन्त हूँ कि एक-दो घटनायें तो हुई हैं,लेकिन सरकार ने जो कदम उठाये हैं वो क़ाबिले तारीफ़ हैं। इसके अलावा अन्य संस्थायें भी अपना काम कर रही हैं।
आपको बता दें कि कनाडा के दक्षिणी प्रांत ओंटारियो में इस्लामोफोबिया से ग्रस्त एक ट्रक चालक ने घर से टहलने निकलने मुस्लिम परिवार के सदस्यों मदीहा सलमान (44), उनके पति सलमान अफ़ज़ाल (46), उनकी 15 वर्षीय बेटी यमना अफ़ज़ाल और अफ़ज़ाल की 74 वर्षीय माँ पर ट्रक चढ़ा दिया था। इस घटना में परिवार का 9 वर्षीय लड़का जीवित बचा है और घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती है।
20 वर्षीय कनाडाई शख़्स पर चार लोगों की हत्या और एक शख़्स की हत्या का प्रयास का मुक़दमा दर्ज किया गया है।
कनाडा के प्रधानमन्त्री ट्रूडो ने इसकी निंदा करते हुए कहा था कि यह आतंकी हरकत है।
साभार बीबीसी
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