कभी संतरे बेचने वाले ट्रांसपोर्टर प्यारे ख़ान ने दान की एक करोड़ की ऑक्सीजन

नागपुर
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भारत को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है। अस्पतालों में कई मरीजों को ऑक्सीजन की कमी की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है। ऐसे दुख भरे माहौल में नारंगियों के शहर नागपुर से इंसानियत की ज़िंदा रखने वाली खबरें भी सामने आ रही हैं। हाल ही में एक बुज़ुर्ग द्वारा युवक के लिए अस्पताल में अपना बेड छोड़ने के बाद अब नागपुर के एक ट्रान्सपोर्ट कारोबारी प्यारे ख़ान ने अपने नाम को सार्थक करते हुये एक करोड़ की ऑक्सीजन दान की है।


नागपुर के हीरो बनकर उभरे प्यारे खान के पिता ताजबाग इलाके की झोपड़ियों में रहते थे। प्यारे ने 1995 में नागपुर रेलवे स्टेशन के सामने संतरे बेचने से अपने धंधे की शुरुआत की थी। वह ऑटो रिक्शा चलाने के साथ ही आर्केस्ट्रा कंपनी में भी काम कर चुके हैं। मेहनत के बल पर आज 400 करोड़ रुपये कीमत की ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक प्यारे खान की सक्सेस स्टोरी IIM अहमदाबाद में केस स्टडी है।

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प्यारे खान आज एक बड़े ट्रांसपोर्टर हैं। 400 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। इनके पास 300 ट्रकें हैं और करीब 2000 ट्रकों का नेटवर्क संभालते हैं। इनका बिजनस नेपाल, भूटान और बांग्लादेश तक फैला है।
प्यारे खान ने पीटीआई -भाषा को बताया कि उन्होंने ऑक्सीजन और सिलेंडरों की खरीद पर एक करोड़ रूपये खर्च कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि अखबारों के जरिए से उन्हें अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी के बारे में पता चला।
खान ने कहा, ‘रमजान का पाक महीना शुरू हो गया था। हम इस दौरान जकात देते हैं, मैंने सोचा कि इस बार मस्जिद या मदरसे को देने के बजाय हमें ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए कुछ करना चाहिए,’
उन्होंने बताया कि पहले हमने बेंगलुरु में ऑक्सीजन फराहम करने वालों से राब्ता किया और आम भाव से दोगुणा-तीगुणा की अदायगी करके दो ऑक्सीजन टैंकरों का इंतज़ाम किया। उन्होंने बताया कि नागपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें विशाखापत्तनम से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का इंतजाम कराने में मदद की।

खान ने बताया कि उन्होंने अपनी कंपनी के ड्राइवरों को इस मश्रिकी साहिली शहर से पांच टैंकर लाने भेजा। उन्होंने कहा, ‘हम अब तक करीब 20-22 तरल ऑक्सीजन टैंकरों का इंतजाम कर चुके हैं और करीब एक करोड़ रूपये खर्च किये हैं।’
उन्होंने बताया कि सरकारी कोविड-19 अस्पतालों में 116 ऑक्सीजन की खरीद के लिए 50 लाख रूपये दिये।

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