केंद्र सरकार ने दिल्ली को छोड़कर अन्य सभी राज्यों को उनकी मांग के अनुसार ऑक्सीजन का आवंटन किया: राघव चड्डा
नई दिल्ली, 29 अप्रैल
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार से दिल्ली की जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन का कोटा आवंटित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने दिल्ली को छोड़कर अन्य सभी राज्यों को उनकी मांग के अनुसार ऑक्सीजन का आवंटन किया है। जिस राज्य ने जितना मांगा, उसे उतना दिया गया और कुछ राज्यों को मांग से अधिक ऑक्सीजन आवंटित की गई। सिर्फ दिल्ली ही एक ऐसा राज्य है, जिसे जरूरत के सापेक्ष 50 फीसद भी ऑक्सीजन का आवंटन नहीं हुआ। हम विनम्रता पूर्वक अनुरोध करते हैं कि केंद्र सरकार अपने फार्मूले के अनुसार ही दिल्ली को भी उतना ऑक्सीजन आवंटित करे, जितनी हमारे अस्पतालों को जरूरत है। राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली में अस्पतालों को अब लगभग 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन इसके सापेक्ष दिल्ली को केवल 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित की गई है और 400 मीट्रिक टन से भी कम ऑक्सीजन दिल्ली पहुंच रही है। दिल्ली सरकार के सभी मंत्री और अधिकारी कोरोना के संक्रमण को काबू करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। हम केंद्र से अनुरोध करते हैं कि वह जरूरत के समय दिल्ली की जनता की मदद करें। मैं दिल्ली के लोगों की तरफ से केंद्र से अनुरोध करता हूं कि आपने जितनी दरियादिली अन्य राज्यों के आवंटन में दिखाया, उतनी ही दरियादिली दिल्ली की ऑक्सीजन की जरूरत में भी दिखाइए।
आम आम अदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मुख्य प्रवक्ता राघव चड्ढा ने आज डिजिटल प्रेस काॅन्फ्रेंस कर दिल्ली में आॅक्सीजन पर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि यह महामारी का समय है। पूरा देश और खासकर हमारे देश की राजधानी दिल्ली एक बहुत ही मुश्किल समय से गुजर रही है। हम सबके लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय है। हम सबकी कोशिश यही है कि संक्रमण दर को कम किया जाए और जो लोग कोरोना से संक्रमित हैं, वे जल्द से जल्द ठीक होकर फिर से अपने घर वालों के साथ बैठ सकें, उनसे मिल सकें और एकदम स्वस्थ हो जाएं।
राघव चड्ढा ने कहा कि आप देख रहे होंगे हैं कि बीते कुछ दिनों से ऑक्सीजन को लेकर एक वाद-विवाद भी चल रहा है और हम सबको ऑक्सीजन को लेकर कहीं ना कहीं कमी का आभाव अस्पतालों में महसूस होता नजर आ रहा है। जहां एक तरफ केजरीवाल सरकार के सभी मंत्री, हमारे विधायक, हमारे पार्टी के कार्यकर्ता, हमारी सरकार के अधिकारी लगातार दिन रात काम कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हमारी मांग केंद्र सरकार से यह भी रही है कि दिल्ली को जो ऑक्सीजन मिल रही है, उस कोटे में थोड़ी बढ़ोतरी की जाए। मैं आपको बता दूं कि केंद्र सरकार की एक कमेटी है। केंद्र सरकार के बहुत बड़े सचिव स्तर के अफसर उस कमेटी के अध्यक्ष हैं। कई बड़े मंत्री उस कमिटी में समय-समय पर अपनी राय रखते हैं। केंद्र सरकार की यह जो कमिटी है, वह हिंदुस्तान में ऑक्सीजन के उत्पादन, उसके नियंत्रण, उसके वितरण समेत सारी चीजों को देखती है। जब इस बार देश भर में कोविड-19 की इतनी बड़ी लहर आई, तो जाहिर सी बात है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ गई। जिसके चलते कई राज्यों ने अपनी बढ़ी हुई मांग इस समिति के सामने रखी और कहा कि हमारे राज्य में ऑक्सीजन की जरूरत बहुत बढ़ गई है। इसलिए आप हमें ज्यादा ऑक्सीजन मुहैया कराइए। राज्यों ने अपने राज्य के लिए ऑक्सीजन का आवंटन अधिक करने की गुहार लगाई। समिति ने सारे राज्यों से पूछा कि आपको कितनी ऑक्सीजन चाहिए। आपकी जरूरत के हिसाब से आपके राज्य के अस्पतालों में जो मांग है, उसका अगर आप आंकलन करें, तो कुल मिलाकर कितने मिट्रिक टन ऑक्सीजन आपके राज्य के अस्पतालों को चाहिए। इसके बाद एक-एक कर हर राज्य में अपने जरूरत के हिसाब से उस समिति के सामने अपना आंकड़ा रख दिया। जिसके बाद केंद्र सरकार की उस समिति ने फैसला लिया और जितना आवंटन वे दे सकते थे, उन्होंने उस राज्य को उतना दे दिया।
राघव चड्ढा ने आगे कहा कि मैंने यह सारी बातें इसलिए बताई, क्योंकि जिन भी राज्य ने इस समिति के सामने ऑक्सीजन की मांग रखी, उन सारे राज्यों को, जितनी ऑक्सीजन उन्होंने मांगी, उतनी ऑक्सीजन केंद्र सरकार की उस समिति ने दे दी। कुछ राज्यों को तो जितनी उनकी मांग थी, उससे भी अधिक ऑक्सीजन का आवंटन केंद्र सरकार की समिति ने कर दिया। केवल एक राज्य को छोड़कर और उस राज्य का नाम है दिल्ली। राघव चड्ढा ने एक-एक राज्य द्वारा की गई ऑक्सीजन की मांग की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली इकलौता राज्य है, जहां हमने जितनी ऑक्सीजन की मांग की, हमें उसका आधा भी नहीं मिला। हमने सबसे पहले 700 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग रखी थी। हमने कहा कि 700 मिट्रिक टन ऑक्सीजन दिल्ली के अस्पतालों के लिए चाहिए, कृपया करके हमें मुहैया कराइए। हमें 700 मिट्रिक टन की जरूरत थी और हमें 380 से 390 मिट्रिक टन दिया गया। हमने केंद्र सरकार के सामने फिर झोली फैलाई और कहा कि इससे काम नहीं चल रहा है। फिर केंद्र सरकार ने हमारी बात सुनी और हम उसके लिए केंद्र सरकार के शुक्र गुजार भी हैं। उन्होंने दिल्ली के आवंटन को बढ़ा कर 390 से बढ़ाकर 480 मिट्रिक टन कर दिया, लेकिन यह 480 मिट्रिक टन ऑक्सीजन भी केवल कागजों पर आवंटित हुआ। अभी भी लगभग 400 मिट्रिक टन ऑक्सीजन के आस-पास ही ऑक्सीजन दिल्ली पहुंच पा रही है। इस वजह से दिल्ली के अंदर मांग और आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतर बनता नजर आ रहा है। अब तो यह 480 मिट्रिक टन की मांग भी बढ़ गई है। अगर केंद्र सरकार के फार्मूले से देखे, तो उसके हिसाब से दिल्ली को लगभग 976 मिट्रिक टन ऑक्सीजन चाहिए, लेकिन दिल्ली को 400 मिट्रिक टन ही मिल रहा है। यानि कि आधे से भी कम मिल रहा है।
राघव चड्ढा ने कहा कि हम केंद्र सरकार से मांग करना चाहेंगे कि आपने जिस प्रकार अन्य राज्यों को ऑक्सीजन दिया है, उसी तरह से हमें भी दीजिए।
चड्ढा ने सभी राज्यों द्वारा केंद्र सरकार की समिति के सामने रखी गई ऑक्सीजन की मांग का ब्यौरा रखा। उन्होंने कहा कि केंद्र की समिति के सामने एक-एक राज्य को बुलाया गया और एक-एक राज्य ने अपनी मांग रखी। उत्तर प्रदेश ने कहा कि हमें 800 मिट्रिक टन चाहिए और उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार ने 753 मिट्रिक टन आवंटित कर दिया। इसी तरह, पंजाब ने 126 मिट्रिक टन मांगा और उसे 136 मिट्रिक टन दे दिया गया। तमिलनाडु ने 200 मिट्रिक टन मांगा और उसे 220 मिट्रिक टन दिया गया। केरल ने 89 मिट्रिक टन मांगा और उनको 99 मिट्रिक टन दे दिया गया। छत्तीसगढ़ ने 215 मिट्रिक टन मांगा, उसे 227 मिट्रिक टन दे दिया गया। राजस्थान ने 205 मिट्रिक टन ऑक्सीजन मांगा और केंद्र सरकार ने 205 मिट्रिक टन का आवंटन कर दिया। तेलंगाना ने 360 मांगा, उसे 360 मिट्रिक टन मिल गया। आंध्र प्रदेश ंने 440 मांगा और उसे 440 मिल गया। उत्तराखंड में 103 मांगा, उत्तराखंड को 103 मिल गया है। जम्मू कश्मीर में 12 मिट्रिक टन मांगा, उसको 12 मिट्रिक टन मिल गया। गोवा ने 11 मिट्रिक टन मांगा, उसे भी 11 मिट्रिक टन मिल गया। हिमाचल प्रदेश ने 15 मिट्रिक टन मांगा और उसे भी 15 मिल गया। गुजरात ने 1 हजार मिट्रिक टन मांगा और उसे 975 मिट्रिक टन दिया गया। कर्नाटक ने 300 मिट्रिक टन मांगा, उसे भी 300 मिट्रिक टन मिल गया। मध्यप्रदेश ने 445 मिट्रिक टन मांगा और उनको 540 मिट्रिक टन मिल गया। हरियाणा ने 180 मिट्रिक टन मांगा और उसे 162 मिट्रिक टन मिला। महाराष्ट्र ने 1500 मिट्रिक टन मांगा और उसको मांग से कहीं अधिक 1661 मिट्रिक ऑक्सीजन केंद्र सरकार की समिति ने दे दिया।
राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली इकलौता ऐसा राज्य है, जिसने जितना मांगा, उसका आधा भी उसे नहीं मिला। कागजों पर भी दिल्ली को आधा आवंटित नहीं हुआ और दिल्ली में जितना आवंटन हुआ है, उससे भी कम आ रहा है। इन सभी राज्यों ने केंद्र की समिति के सामने जितनी मांग रखी, केंद्र सरकार ने दरियादिली दिखाते हुए उनको लगभग उतनी ही और कुछ को उससे अधिक मिट्रिक टन ऑक्सीजन दे दी। इसीलिए हम दिल्ली वालों की ओर से आज केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर यह विनती करते हैं कि आप अपनी दरियादिली थोड़ी सी दिल्ली के लिए भी दिखाएं। हम कोई राजनीति नहीं कर रहे, कोई राजनैतिक बयान नहीं दे रहे, किसी पार्टी का नाम नहीं ले रहे। आपने तो और पार्टियों के राज्यों को भी दिया है। हम हाथ जोड़कर यही विनती करते हैं कि आप दिल्ली के प्रति भी थोड़ी दरियादिली दिखाइए। जितना दिल्ली ने मांगा है, उतना दिल्ली को ऑक्सीजन मिलना चाहिए। हमें अपनी मांग से भी आधा ऑक्सीजन दिया जा रहा है, जो कतई सही नहीं है। आज दिल्ली सांस ले, कहीं न कहीं इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की भी है। हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि दिल्ली को जितनी ऑक्सीजन सांस लेने के लिए चाहिए, उतनी ऑक्सीजन कृपया करके दिल्ली को भी मुहैया कराइए। जितनी दरियादिली आपने अन्य राज्यों के आवंटन में दिखाया, उतनी ही दरियादिली दिल्ली की ऑक्सीजन की जरूरत में भी दिखाइए।