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केजरीवाल का ऐलान: दिल्लीवासियों को दो महीने का मुफ़्त राशन तथा ऑटो-टैक्सी चालकों को 5-5 हज़ार रूपये

केजरीवाल का ऐलान: दिल्लीवासियों को दो महीने का मुफ़्त राशन तथा ऑटो-टैक्सी चालकों को 5-5 हज़ार रूपये

नई दिल्ली
कोरोना वायरस के दिल्ली में बढ़ते कहर के कारण दिल्ली में लॉक डाउन लगा हुआ है। कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते गरीब तबके के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गरीब तबके के सामने खाने का संकट उत्प्नन हो गया है। इसके मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2 अहम निर्णय लिए हैं। इसके तहत दिल्ली में राशन लेने वाले 72 लाख लोगों को दो माह तक मुफ्त में राशन मिलेगा। इसके साथ ही ऑटो-टैक्सी चालकों को 5000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। मंगलवार को डिजिटल पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना से निपटने के लिए हम लोगों ने लाकडाउन लगाया है, मगर यह गरीब लोगों के लिए संकट पैदा कर देता है। ऐसे में हम लोगों ने दो निर्णय लिए हैं। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में आटो टैक्सी चालकों को 5-5 हजार की मदद दी जाएगी। कोरोना की यह वेब बहुत खतरनाक है। सभी लोग राजनीति छोड़ कर एक दूसरे की मदद करें। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में साढ़े 19 लाख राशन कार्ड हैं। जिन पर 72 लाख लोगों के हिसाब से राशन मिलता है। सरकार की ओर से यह मदद इन लोगों को मिलेगी।

गौरतलब है कि असंगठित श्रमिकों की विभिन्न श्रेणी के प्रवासी मजदूरों को पर्याप्त राहत पहुंचाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को योजना बनाने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति आशा मनमोहन व न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने कहा कि जिस तरह की महामारी चल रही है, ऐसे में वंचित वर्ग को पर्याप्त राहत देने के लिए प्रशासन द्वारा एक संरचित प्रतिक्रिया की जरूरत है। अधिवक्ता अभिजीत पांडे की याचिका पर पीठ ने उक्त निर्देश दिए। अधिवक्ता वरुण सिंह के माध्यम से दायर याचिका में अभिजीत ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी प्रवासी कामगारों को अंतर राज्य प्रवासी अधिनियम के तहत धनराशि का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की। पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है। पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव यह भी सुनिश्चित करेंगे कि असंगठित कामगार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम-2008 के तहत पंजीकरण प्रक्रिया सरल हो और इसे जमीनी स्तर पर लागू किया जाए।

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