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जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में हुई कानून व्यवस्था एवं अभियोजन की बैठक

जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में हुई कानून व्यवस्था एवं अभियोजन की बैठक

हापुड़(सैयद इकराम)
शुक्रवार को जिलाधिकारी अनुज सिंह व पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने कलेक्ट्रेट सभागार में कानून व्यवस्था एवं अभियोजन को लेकर बैठक की। जिलाधिकारी ने डीजीसी व एसपीओ को निर्देशित किया कि किसी भी अपराध में संलिप्त व्यक्ति सजा के बिना ना रहे। मुकदमों में तारीखे लंबित ना रहें, जिससे केसों की सुनवाई होती रहे। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों पर 156 के केसों में विभागों में जानकारी करने के उपरांत ही कानूनी कार्रवाई कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने जिला आबकारी अधिकारी से कहा कि अवैध शराब के मामलों में भी जमानत ना होने पाए। बैठक में पुलिस अधीक्षक ने समस्त पुलिस क्षेत्राधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक थाना क्षेत्र में यह सुनिश्चित करें कि अपराधियों की कोर्ट से जमानत न होने पाए। हिस्ट्रीशीटर का विशेष ध्यान रखा जाए। कानून की उन्हें कोई सहायता ना मिले। कानून उनके विरोध में होगा। उन्होंने कहा कि गैंगस्टर पर सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें। पोक्सो, 376, 302 व अवैध शराब के मामलों में अपराधियों की जमानत बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।

जिलाधिकारी ने एसपीओ व एडीजीसी से कहा कि वह अपने 1 वर्ष के कार्यों का ब्यौरा मेरे समक्ष प्रस्तुत करें कि उन्होंने कितने केसों में क्या क्या सजा कराई। जिसका कार्य अच्छा होगा उसको अच्छी कोर्ट में भेजा जाएगा। जिलाधिकारी ने ग्राम न्यायालयों की स्थिति के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। इस पर अपर जिलाधिकारी ने बताया कि धौलाना में नई कोर्ट आरंभ होने जा रही है। जिलाधिकारी ने जिला आबकारी अधिकारी से कहा कि अवैध शराब के लंबित पड़े केसों की सूची तैयार कर मेरे समक्ष प्रस्तुत करें। उन्हें निस्तारित कराने हेतु त्वरित कार्रवाई कराई जाएगी। जिला अभिहित अधिकारी से भी लंबित प्रकरणों को प्रस्तुत कर कार्रवाई कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला अभिहित अधिकारी स्पेसिफिक मामलों को मेरे संज्ञान में लाया जाए। जिनका फॉलोअप किया जाएगा। आबकारी अधिकारी भी इसी प्रकार विशेष ध्यान देकर लंबित केसों का निस्तारण कराना सुनिश्चित करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि बालू व मिट्टी का अवैध खनन करते हुए जो भी वाहन पकड़ा जाता है, कोर्ट द्वारा उन्हें छोड़ दिया जाता है, यह स्थिति अच्छी नहीं है। यदि वाहन डीएफसीसी या एलएनटी का है और खनन में प्रयोग हो रहा है तो एफ आई आर कराते समय उन कंपनियों का नाम भी सम्मिलित किया जाएगा। उन वाहनों पर जिला प्रशासन द्वारा दिया गया अनुमति पत्र चस्पा किया जाए। बैठक में अपर जिलाधिकारी जयनाथ यादव, अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार मिश्र, समस्त उपजिलाधिकारीगण, पुलिस क्षेत्राधिकारीगण सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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