नई दिल्ली
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों के दौरान आकिल अहमद, मुशर्रफ और आमिर खान के हत्यारोपितों साहिल, संदीप, टिंकू अरोड़ा पर मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन की मंजूरी दे दी है। इन तीनों आरोपितों को दिल्ली पुलिस ने एफआईआर संख्या 36, 37 और 38/2020 के मामलों में गिरफ़्तार किया था।
घटना गत वर्ष 27 फ़रवरी की है। भागीरथी विहार नाले में एक शव पड़े होने के संबंध में पीएस गोकलपुरी में एक पीसीआर कॉल आई थी। उक्त शव से लगभग 50 मीटर की दूरी पर नहर में दो और अज्ञात व्यक्तियों के शव भी मिले। तीनों के शरीर पर चोट के कुछ निशान मिले थे। मृतकों की पहचान 40 वर्षीय आकिल अहमद पुत्र शफीक अहमद निवासी न्यू मुस्तफाबाद, 35 वर्षीय मुशर्रफ पुत्र अशरफ निवासी भागीरथी विहार, दिल्ली तथा 19 वर्षीय आमिर खान पुत्र बाबू खान निवासी मुस्तफाबाद के रूप में हुई थी। इस सम्बंध में गोकुलपुरी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।
जांच के दौरान मामले में प्रारंभिक सफलता उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों के दौरान बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप की पहचान के माध्यम से मिली थी। जांच से पता चलता कि समूह के कुछ सदस्य सक्रिय दंगों में शामिल थे और उन्होंने कुछ पोस्ट भी अपलोड किए हैं। यह सामने आया कि 25/02/2020 से 26/02/2020 के दौरान यह ग्रुप नौ निर्दोष व्यक्तियों की हत्या में शामिल था। इस संबंध में एक अलग प्राथमिकी दर्ज की गई और दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की विशेष जांच टीमों द्वारा जांच की गई।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिसंबर 2020 में इन मामलों में शामिल नौ आरोपित व्यक्तियों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी पहले ही दे दी है।
इस सम्बंध में लोकेश कुमार सोलंकी, पंकज शर्मा, सुमित चौधरी, अंकित चौधरी निवासी गंगा विहार, राजकुमार निवासी भागीरथी विहार, जतिन शर्मा, ऋषभ चौधरी, विवेक पांचाल तथा हिमांशु ठाकुर पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और यह सभी मार्च 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं।
आगे की जांच के दौरान, दिल्ली पुलिस ने पाया कि तीन और व्यक्ति साहिल, संदीप एवं टिंकू अरोड़ा अपराध के उक्त कृत्य में शामिल थे। इन तीनों आरोपितों के ख़िलाफ़ अभियोजन स्वीकृति के लिए एनसीटी ने केजरीवाल सरकार से अनुरोध किया था। अब केजरीवाल सरकार ने आरोपितों के ख़िलाफ़ अभियोजन की मंजूरी दे दी है।
आपको बता दें कि पिछले साल 23 फरवरी 2020 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अचानक दंगा भड़क गया था। उत्तर पूर्व दिल्ली के जाफराबाद सहित कई अन्य इलाकों में हिंसा एवं आगजनी की घटनायें हुयी थीं। दिल्ली के इस दंगे में 53 के लगभग लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग लापता हो गए थे।
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