देशवासियों की चिंता छोड़,अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि चमकाने के लिए मोदी सरकार का वैक्सीन निर्यात पर अधिक बल- राधव चड्ढा

  • आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने देशवासियों को कोरोना का वैक्सीन लगाने की बजाय दूसरे देशों को निर्यात करने के लिए मोदी सरकार पर निशाना साधा
  • भारत अब तक 64.5 मिलियन वैक्सीन विश्व के 84 देशों को निर्यात कर चुका है, जिसमें अमेरिका, इंग्लैड जैसे विकसित देश भी शामिल हैं- राघव चड्ढा
  • अमेरिका और इंग्लैड ने अपनी आबादी से ज्यादा वैक्सीन खरीद कर रख ली हैं, जबकि हमारा मोदी सरकार टीकाकरण करने में विश्वास नहीं कर रही है- राघव चड्ढा
  • राष्ट्रवाद की बात करने वाली भाजपा बताए कि 56 इंच वाली मोदी सरकार का टीकाकरण में राष्ट्रवाद कहां खो गया है? हिंदुस्तान के लोगों की जान की कीमत क्यों नहीं समझ रहे?- राघव चड्ढा
  • वैक्सीन निर्यात के मामले में भारत उस चीन से टक्कर लेने की बात कह रहा है, जहां कोरोना पॉजीटिव के कुल मामले 90 हजार हैं, जबकि भारत में रोजाना 90 हजार मामले आ रहे हैं- राघव चड्ढा
  • पाकिस्तान को भारत 45 मिलियन वैक्सीन के टीके निर्यात करेगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बताएं कि क्या पाकिस्तान के लोगों की जान की कीमत भारत के लोगों की जान की कीमत से ज्यादा है?- राघव चड्ढा
  • देश में कोरोना ने फिर कहर मचाना शुरू कर दिया है, इससे लड़ाई लड़ने का एकमात्र औजार टीकाकरण है, केंद्र सरकार उस पर ध्यान न देते हुए निर्यात करने पर ध्यान दे रही है- राघव चड्ढा
  • 135 करोड़ की आबादी वाले भारत देश में जिस गति से लोगों का टीकाकरण हो रहा है, उससे सभी देशवासियों को वैक्सीन लगाने में 15 साल लगेंगे- राघव चड्ढा
  • केंद्र सरकार से आम आदमी पार्टी अपील करती है कि प्रधानमंत्री की अंतरराष्ट्रीय छवि चमकाने की बजाय देशवासियों के स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए- राघव चड्ढा

नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी ने भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा अपने देशवासियों को वैक्सीन लगाने की बजाय वैक्सीन को दूसरे देशों में निर्यात करने पर अधिक बल देने की कड़ी आलोचना की है। ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि भाजपा और मोदी सरकार को अपने देशवासियों की जान चिंता नहीं है। इसलिए अपने देशवासियों को वैक्सीन लगाने की बजाय मोदी सरकार अपनी छवि चमकाने के लिए दूसरे देशों को वैक्सीन का निर्यात कर रही है। भारतीयों को जितनी वैक्सीन नहीं लगाई है, उससे कहीं ज्यादा वैक्सीन दूसरे देशों को निर्यात की जा चुकी है। अब तक भारत 64.5 मिलियन वैक्सीन विश्व के 84 देशों को निर्यात कर चुका है, जिसमें अमेरिका, इंग्लैड जैसे विकसित देश भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और पीएम मोदी के लिए अपने देश के लोगों की जिंदगी बचाने के लिए टीकाकरण करना जरूरी नहीं लग रहा है। 135 करोड़ की आबादी वाले हमारे देश में जिस गति से टीकाकरण हो रहा है, उससे सभी देशवासियों को वैक्सीन लगाने में 15 साल लगेंगे। आम आदमी पार्टी, केंद्र सरकार से अपील करती है कि प्रधानमंत्री की अंतरराष्ट्रीय छवि चमकाने की बजाय देशवासियों के स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।

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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक राघव चड्ढा ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने मीडिया के सामने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि इन आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र में बीजेपी की 56 इंच वाली मोदी सरकार अपने देशवासियों का टीकाकरण करने की बजाय वैक्सीन दूसरे देशों में एक्सपोर्ट करने पर ज्यादा बल दे रही है। यह आंकड़े चैंकाने वाले हैं। भारत ने अपने देशवासियों को जितनी वैक्सीन लगाई है, उससे कहीं ज्यादा वैक्सीन एक्सपोर्ट कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि चमकाने के लिए ऐसा फैसला लिए हैं। भारत अब तक 64.5 मिलियन वैक्सीन एक्सपोर्ट कर चुका है। भारत ने 84 देशों को वैक्सीन भेजी है। इससे यह नजर आता है कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी को अपनी छवि की चिंता इतनी ज्यादा है कि उन्होंने नाइजीरिया, केन्या, अफगानिस्तान, बारबेडोस, श्रीलंका, मॉरीशस सहित तमाम देशों को वैक्सीन निर्यात की है। प्रधानमंत्री की छवि और भाजपा के बारे में इन देशों के लोग क्या सोचते हैं? इसकी चिंता है। उन लोगों के जान माल की रक्षा करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपने देश के लोगों की जिंदगी बचाना और टीकाकरण करना जरूरी नहीं है।

राघव चड्ढा ने कहा कि भारत द्वारा बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, बहरीन, मोरक्को, ओमान, अर्जेंटिना, मंगोलिया, युक्रेन, सेंट लूसिया, घाना, अंगोला, माली, सूड़ान, युगांड़ा, जमैका, कजाकिस्तान, बहामा, उज्बेकिस्तान, पराग्वे, बुलाविया, जिम्बाब्वे, नाइजीरिया, यमन को वैक्सीन भेजी जा रही हैं। इनमें से कुछ ऐसे देश हैं, जिनके नाम भी नहीं सुने हैं। इन देशों में रहने वाले लोगों को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है। भाजपा और प्रधानमंत्री की नजर में भारत के लोगों की जान की कीमत आज जीरो हो गई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा-मोदी की छवि चमकाने और जय-जयकार करवाने के लिए वैक्सीन के निर्यात को तबज्जो दी जा रही है। इसके कारण ही भारत में जितना टीकाकरण नहीं हुआ, उससे ज्यादा एक्सपोर्ट कर दिया गया है।

राघव चड्ढा ने कहा कि भारत 135 करोड़ की बड़ी आबादी वाला देश है। जिस गति से हम लोगों का टीकाकरण कर रहे हैं, इसी गति से पूरे देश की आबादी को वैक्सीन लगाने में लगभग 15 साल लगेंगे। कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर आप 100 की बजाए 70 फीसदी आबादी को वैक्सीन लगा दें, तो भी कोरोना की बीमारी थम जाती है। भारत सरकार को टीकाकरण की इसी गति से 70 फीसदी आबादी को भी वैक्सीन लगाने में लगभग 10 साल लगेंगे। राष्ट्रवाद की बात करने वाली सरकार से पूछना चाहता हूं कि 56 इंच की मोदी सरकार का टीकाकरण का राष्ट्रवाद कहां खो गया है? हिंदुस्तान के लोगों की जान की कीमत आज आप कुछ नहीं समझते। युगांडा, नाइजीरिया, केन्या में बैठे लोगों की जान की कीमत आपके लिए हिंदुस्तान के लोगों की जान की कीमत से ज्यादा हो गई है।

राघव चड्ढा ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने एक बड़ी अजीब बात सबके सामने रखी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन निर्यात के मामले में भारत, चीन से टक्कर ले रहा है। भारत सरकार की पूरी मशीनरी इस बात को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है कि हम वैक्सीन एक्सपोर्ट करने के मामले में चीन से दो कदम आगे चल रहे हैं। उस चीन से हम अपने देश की तुलना कर रहे रहे हैं, जिसमें कोरोना पॉजीटिव मामले कुल 90 हजार के करीब है। जबकि हमारे देश में रोजाना 90 हजार कोरोना के मामले आ रहे हैं। वैक्सीन निर्यात में चीन को पछाड़ कर हम अपनी पीठ थपथपाने में लगे हैं। हम इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे कि अपने देश के लोगों को वैक्सीन देकर उनको सुरक्षा कवच पहनाएं और उनकी जान की रक्षा करें।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से उन विकसित देशों को भी वैक्सीन का निर्यात किया जा रहा है जिनके पास बेहतरीन स्वास्थ्य ढांचा, बेस्ट मेडिकल केयर, अच्छी दवाएं और वैक्सीन है। जिसमें सबसे बड़ा उदाहरण इंग्लैंड है। भारत सरकार का यूके से वादा है कि 10 मिलियन वैक्सीन की डोज भेजी जाएंगी। इंग्लैड के पास अपनी पूरी आबादी के लिए वैक्सीन है। इसके बावजूद इंग्लैंड और वैक्सीन मंगवा कर रख रहा है, ताकि उनके देशवासियों को समस्या न आए। वहीं, हमारा देश वैक्सीन निर्यात करने में लगा है। भारत कह रहा है कि हमारे देश की जनता को हम आराम से 10 साल में वैक्सीन लगवाएंगे। पहले हम अंतरराष्ट्रीय मंच पर तालियां बजवाएं। हम इंग्लैंड और अमेरिका जैसे विकसित देशों को भी वैक्सीन भेजने में लगे हुए हैं, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

राघव चड्ढा ने कहा कि कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने एग्रीमेंट साइन किया है, जिसके चलते भारत को 45 मिलियन वैक्सीन डोज पाकिस्तान को भी एक्सपोर्ट करनी होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि पाकिस्तान के लोगों की जान की कीमत क्या भारत के लोगों की जान की कीमत से ज्यादा है। हमारा देश आज पाकिस्तान को 45 मिलियन डोज एक्सपोर्ट करने जा रहा है, लेकिन अपने लोगों को वैक्सीन नहीं लगा रहा है। वहीं, कई ऐसे देश हैं, जिसमें सबसे अव्वल उदाहरण अमेरिका का आता है। अमेरिका ने अपनी आबादी से 2 गुना ज्यादा वैक्सीन पूरी दुनिया से खरीद कर स्टॉक करके रख ली है। उन पर अपने देशवासियों की चिंता करने के आरोप लग रहे हैं। उन्होंने दुनिया भर से वैक्सीन खरीद-खरीद कर पर्याप्त मात्रा में स्टॉक कर लिया है। जबकि एक तरफ हमारा देश टीकाकरण करने में विश्वास नहीं रखता।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने रिकॉर्ड बनाया है कि जितनी अपने देश में लोगों को वैक्सीन नहीं लगाई उससे ज्यादा एक्सपोर्ट कर दी है। विश्व में ऐसा करने वाला भारत शायद इकलौता देश है। यह दिखाता है कि भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार की प्राथमिकता क्या है? मैं चाहूंगा कि मोदी सरकार इस पर जवाब दे। हम वैक्सीन सुपर पावर बनें, यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है, लेकिन सुपर पावर बनने के बाद पहली प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि देश की 135 करोड़ आबादी का टीकाकरण कराएं।

राघव चड्ढा ने कहा कि महाराष्ट्र लॉकडाउन की कगार पर खड़ा है। पंजाब में हजारों की तादाद में लोग संक्रमित हो रहे हैं और मर रहे हैं। देश भर में फिर से कोरोना ने अपना तांडव करना शुरू कर दिया है। कोरोना से लड़ाई लड़ने में एकमात्र औजार वैक्सीनेशन है। उस पर ध्यान न देते हुए एक्सपोर्ट पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने अपील की कि प्रधानमंत्री अपने देशवासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को प्राथमिकता दें, न कि अपनी अंतर्राष्ट्रीय छवि को प्राथमिकता दें।

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