देश में सर्वाधिक कोरोना टेस्ट करने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश, प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 2.5 लाख किये जा रहे है कोरोना टेस्ट: योगी आदित्यनाथ

ग़ाज़ियाबाद
बढ़ते हुये कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने एवं कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का कोविड प्रोटोकाॅल के अनुरूप इलाज संभव कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद गाजियाबाद का सघन भ्रमण किया। अपने भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने कोरोना के संक्रमण को रोकने एवं संक्रमित व्यक्तियों को इलाज संभव कराने के लिए जहाॅ एक ओर महात्मा गांधी कलेक्ट्रेट के सभागार में अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की वहीं दूसरी मेडिकल किट वितरण तथा मरीजों को मिल रहे इलाज के सम्बंध में ग्राम भोवापुर के पंचायत भवन पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण करते हुये रियल्टी चेक किया गया, जिसमें जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस एवं अन्य विभागीय अधिकारियों के द्वारा कोरोना संक्रमण नियंत्रण को लेकर की जा रही कार्यवाही की सराहना की गयी।

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मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी सभागार में अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करते हुये स्पष्ट किया कि महामारी के इस दौर में सभी आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुये कोरोना के संक्रमण को रोकने एवं मरीजों का इलाज प्रोटोकाल के अनुरूप संभव कराने के लिए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ऐसा संज्ञान में आ रहा है कि कुछेक प्राइवेट अस्पताल एवं प्राइवेट कोरोना टेस्टिंग लैब महामारी के इस दौर में लूट के केन्द्र बन चुके है। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कडे़ निर्देश दिये कि ऐसे प्राइवेट अस्पताल एवं लैब को चिन्हित करते हुये सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेे। उन्होेने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि महिला एवं बच्चों के लिए जनपद में अलग से चिकित्सालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये, वहीं दूसरी ओर नाॅन कोविड अस्पताल की शुरूआत करते हुये चिकित्सकों के द्वारा टैली सुविधा के माध्यम से अन्य बीमारियों के बारे मंे नागरिकों को लाभ पहुँचाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। बैठक में उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में व्यापक शक्ति एवं कोरोना कफ्र्यू को शक्ति के साथ जनपद में लागू कराया जायें ताकि नागरिकों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सकें। उन्होंने यह भी स्पष्ट निर्देश दिये कि सभी कोविड अस्पतालांे के डाक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाॅफ के द्वारा निरन्तर स्तर पर मरीजों को इलाज संभव कराया जायें। उन्होंने निगरानी समितियों को और अधिक सक्रिय करते हुये लक्षण युक्त व्यक्तियों को चिन्हित करते हुये उन्हें कोविड प्रोटोकाॅल के अनुरूप इलाज संभव कराने की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाये। बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा राजापुर ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत भोवापुर में पहुंचकर पंचायत भवन में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों मेडिकल स्टाफ एवं ग्राम वासियों से कोविड-19 को लेकर गहन विचार विमर्श करते हुए सरकार के द्वारा कोरोना से संक्रमित नागरिकों को मिल रही दवाइयों के बारे में जानकारी प्राप्त की, इस अवसर पर ग्राम वासियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोरोना के मरीजों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। गांव के भ्रमण के उपरांत मुख्यमंत्री जिला मुख्यालय पर पहुंचे जहां पर विकास भवन में संचालित इंटीग्रेटेड कोविड-19 सेंटर का स्थल निरीक्षण किया गया, यहां पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कोरोना के मरीजों को सिंगल विंडो के माध्यम से सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के कड़े निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने अपने भ्रमण कार्यक्रम के दौरान कलेक्ट्रेट प्रांगण में प्रेस के साथ वार्ता करते हुये अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के नियत्रंण तथा उपचार की प्रभावी व्यवस्था की गई है। हमारे प्रयासों के बेहतर नतीजे मिल रहे है, रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है। संक्रमण की पाॅजिटिविटी दर में निरंतर गिरावट दर्ज हो रही है। अप्रैल में पाॅजीटिविटी दर 16.33 प्रतिशत थी, जो तेजी से घटकर अब 4.8 प्रतिशत हो गयी है। हमारे कोविड प्रबंधन कार्यो की सराहना विश्व संगठन, नीति आयोग तथा मा0 बम्बई उच्च न्यायालय ने की है। राज्य सरकार कोरोना टेस्टिंग तथा उपचार की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करा रही है। प्रदेश में निःशुल्क कोविड वैक्सीनेशन अभियान पूरी सक्रियता से संचालित है।
उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक कोरोना टेस्ट करने वाला राज्य है। प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 2.5 लाख टेस्ट किये जा रहे है। राज्य ने एक दिन में रिकाॅर्ड 2.97 लाख टेस्ट किये है। टेस्टिंग संख्या में निरंतर वृद्वि के लिये प्रयोगशालाओं की क्षमता बढ़ायी जा रही हैं। सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में एल-1, एल-2 तथा एल-3 बेड़ उपलब्ध हैं। विगत 01 मार्च को 17325 बेड़ की उपलब्धता की तुलना में आज प्रदेश में 80 हजार आॅक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं। कहीं भी बेड की कोई समस्या नहीं है।


राज्य सरकार सभी जिलों में आॅक्सीजन की अनवरत उपलब्धता सुनिश्चित करा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 1080 मीट्रिक टन मेडिकल आॅक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। सभी जिलों में 72 घंटे से अधिक की रिजर्व आॅक्सीजन उपलब्ध है। आॅक्सीजन के सुचारू परिवहन के लिए क्रायोजेनिक टैंकर की व्यवस्था के लिए ग्लोबल टेंडर किया गया है। प्रदेश में आॅक्सीजन टैंकर की आॅनलाइन टैकिंग व्यवस्था लागू है, जिसकी सराहना नीति आयोग ने की है।
प्रदेश में निःशुल्क कोविड टीकाकरण अभियान संचालित है। इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा 45 वर्ष से अधिक आयु तथा राज्य सरकार द्वारा 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के लोगों का निःशुल्क टीकाकरण कराया जा रहा है। इस आयुवर्ग का टीकाकरण वर्तमान में 18 जनपदों में संचालित हैं, जिसे कल 17 मई से 05 अन्य जनपदों में संचालित किया जाएगा। इस प्रकार 23 जिलों में युवाओं का वैक्सीनेशन होने लगेगा। उत्तर प्रदेश कोविड वैक्सीनेशन करने वाला अग्रणी राज्य है। वैक्सीन की सुचारू उपलब्धता बनाये रखने के लिए, उत्तर प्रदेश ग्लोबल टंेडर करने वाला पहला राज्य है।
गाँवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश सरकार विशेष स्क्रीनिंग और टेस्टिंग अभियान संचालित कर रही है। हमारे इन प्रयासों की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग ने की है। विशेषज्ञयों के द्वारा किये गये आंकलन के क्रम में प्रत्येक जिला चिकित्सालय और मेडिकल काॅलेज में प्रथम चरण में पेडियेट्रिक आई0सी0यू0 अर्थात पीकू की स्थापना के निर्देश दिये गये है। दूसरे चरण में सभी जनपदों के 2-2 सी0एच0सी0 पर पीकू स्थापित किये जायेंगे।
कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितयों में गरीब और जरूरतमंदो को राहत पॅहुचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी श्रेणी के राशन कार्ड धारकों को 03 माह के लिए प्रति यूनिट 03 किलो गेहूं तथा 02 किलो चावल निशुुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। इस प्रकार प्रति यूनिट 05 किलो निशुल्क खाद्यान्न जरूरतमंदो को मिलेगा। इससे प्रदेश की लगभग 15 करोड़ जनसंख्या लाभान्वित होगी। प्रदेश सरकार समाज के गरीब और कमजोर वर्गो को हर संभंव राहत और मदद उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्पित है। शहरी क्षेत्रों में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार सहित नाविकों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि जैसे परम्रागत कामगारों को एक माह के लिए 1000 रूपये का भरण पोषण भत्ता प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग 1 करोड़ गरीबों को राहत मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे, नगर आयुक्त नगर निगम महेंद्र सिंह तँवर, जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करुणेश, मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, माननीय जनप्रतिनिधियों में जनरल वीके सिंह, समस्त विधायक गण, सांसद एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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