मुंबई
पत्रकार विकास फाउंडेशन की मासिक बैठक 10 जुलाई को दैनिक हिन्दुस्तान के कार्यालय में हुई। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार अनीस सिद्दीकी ने की। शुरुआत में वरिष्ठ पत्रकार मुशीर अंसारी ने कहा कि इस फाउंडेशन की सदस्यता में अधिक से अधिक पत्रकार शामिल हों, ताकि आने वाले दिनों में उर्दू, हिंदी, मराठी और अन्य भाषाओं के पत्रकारों को भी समान लाभ और सुविधाएं मिल सकें।
पत्रकार सुनील महाकाल ने कहा कि मुंबई में सभी भाषाओं के पत्रकारों को संगठन में शामिल करने का यह पहला प्रयास हैं। अक्सर देखा जाता है कि सरकार, पुलिस प्रशासन और अधिकारियों का रवैया सहयोग करने जैसा नहीं होता, लेकिन कुछ लोगों का व्यवहार बहुत अन्यायपूर्ण है, इसलिए हमें पत्रकारों के अधिकार प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
रोक टोक के संपादक फैसल शेख ने भी पत्रकार विकास फाउंडेशन के सदस्यों से अपील की कि माहिम दरगाह समिति जल्द ही मुस्लिम ओबीसी आरक्षण के लिए मुंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करेगी। मराठा आरक्षण सरकार ने दिया था, पिछड़े मुस्लिम दलों को कम से कम पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाए, इसलिए मैं फाउंडेशन के सदस्यों से इस काम में शामिल होने की अपील करता हूँ।
पत्रकार फतेह अहमद खान ने कहा कि यह संगठन पत्रकारों के लाभ के लिए स्थापित किया गया है, इसलिए पूरे राज्य के लोगों को जोड़ा जाना चाहिए। हम सभी एक बड़े मंच पर मिलकर काम करेंगे। पत्रकारों की यथासंभव मदद की जानी चाहिए।
मोहम्मद यूसुफ राणा ने उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमने इस संगठन में सभी भाषाओं के पत्रकारों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया से जुड़े कामकाजी पत्रकारों को भी शामिल किया है और आज की बैठक में भी सभी भाषाओं के लोगों के साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार भी यहां मौजूद हैं। इसके अलावा, संगठन का एकमात्र लक्ष्य किसी भी भाषा का पत्रकार को जोड़ना और उसके कल्याण के लिए हर संभव तरीके से सहयोग करना है। पत्रकार की समस्या के समाधान के लिए हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे।
हिन्दुस्तान के संपादक सरफराज आरजू ने राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ हुई बैठक में चर्चा पर विस्तार से बताया और कहा कि हम इस फाउंडेशन के मंच से पत्रकारों की यथासंभव मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे। हमारा पहला प्रयास है कि पत्रकारों को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दी जाए, साथ ही कोरोना से प्रभावित पत्रकारों और कोरोना में मरने वाले पत्रकार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उनके परिवारों को अधिकतम मुआवजा दिया जाए। पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व प्रशासन के सहयोग से शीघ्र प्रयास किए जाएंगे।
बैठक के अध्यक्ष अनीस सिद्दीकी ने पत्रकारों के सभी सुझावों को सुनने के बाद पत्रकारों के मुद्दों पर एक-एक कर अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि पत्रकार विकास फाउंडेशन में अधिक से अधिक सदस्यों को शामिल करने का प्रयास किया जाना चाहिए। इस संगठन में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के प्रतिनिधि शामिल हैं, ताकि कामकाजी पत्रकार इसके सदस्य बन सकें। यह संगठन मुंबई तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हम पूरे महाराष्ट्र के साथ-साथ अन्य प्रांतों में पत्रकारों को अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि अगर पत्रकारों की सेवा के लिए सड़कों पर विरोध करना पड़ा तो वे ऐसा ही करेंगे, लेकिन उनका हक लेने में पीछे नहीं रहेंगे।
इस अवसर पर नईम शेख, अनवर हुसैन, शिराज, अब्दुल सत्तार, अनवर खान, प्रिंस रहमान, सुलेमान खान, फतेह अहमद खान और अन्य लोग उपस्थित रहे।
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