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पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों पर हो सख़्त कार्यवाई: हाजी यूनुस

पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों पर हो सख़्त कार्यवाई: हाजी यूनुस

शमशाद रज़ा अंसारी
नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में राशन डीलर द्वारा पत्रकार के साथ किये गये दुर्व्यवहार की दिल्ली मुस्तफाबाद से आम आदमी पार्टी विधायक हाजी यूनुस ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने दोषियों के विरुद्ध कार्यवाई की माँग की है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल करने वालों पर कार्यवाई करने को अनुचित बताया है।
हाजी यूनुस ने कहा कि महामारी के कारण चारों तरफ़ हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे हालात में जहाँ एक तरफ़ दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार जनता को फ्री राशन दे रही है,वहीं दूसरी तरफ़ सहारनपुर में एक राशन की दुकान पर गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर पहुँचे पत्रकार के साथ दुकानदार ने बदसलूकी की। उन्होंने कहा कि मैं पत्रकार के साथ हुई बदसलूकी की घटना की निंदा करते हुये मुख्यमंत्री और डीजीपी से मामले की जाँच तथा दोषियों पर सख़्त कार्यवाई की मांग करता हूँ। इसके अलावा राशन में जो धांधली हो रही थी उसकी जाँच करके उस पर भी कार्यवाई की जाये।


उन्होंने कहा कि पत्रकारों के साथ बदसलूकी की यह सिर्फ सहारनपुर की ही घटना नही है। सहारनपुर के अलावा प्रदेश के अन्य जनपदों में पत्रकारों के साथ मारपीट के साथ-साथ हत्या तक हो चुकी है। प्रदेश में केवल गोदी मीडिया को ही ये अधिकार है कि वो अपनी मनगढ़ंत रिपोर्टिंग करते हुये सरकार की झूठी तारीफें करे। इसके अलावा इंसाफ की आवाज़ उठाने वाले पत्रकार की आवाज़ को दबाने की कोशिश की जाती है।
विधायक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के हालात इतने ख़राब हैं कि अगर कोई मुख्यमंत्री से सवाल करता है तो सवाल करने वाले को गिरफ़्तार कर लिया जाता है। जैसे कुछ दिन पहले झाँसी में सीएम से सवाल पूछने की कोशिश करने पर डॉक्टर्स को बन्द कर दिया गया तथा सीएम के जाने के बाद उन्हें छोड़ा गया।
आपको बता दें कि 23 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झांसी के मेडिकल कॉलेज में कोविड कमांड सेंटर का निरीक्षण करने आए थे। इस दौरान झांसी मेडिकल कॉलेज के कुछ जूनियर डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर उनसे मिलना चाहते थे। जूनियर डॉक्टर्स प्रशासनिक अधिकारियों के दुर्व्यवहार और मेडिकल कॉलेज की खामियों की शिकायत मुख्यमंत्री से करना चाहते थे। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने से पहले ही पुलिस ने सभी जूनियर डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया और थाने में बिठा दिया। हालांकि बाद में सभी डॉक्टरों को छोड़ दिया गया।

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