पुलिस ने लावारिस शव का किया रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार,हो रही है प्रशंसा
मुरादनगर
शमशाद रज़ा अंसारी
कोरोना महामारी के इस दौर में मानवीय रिश्तों की भी मौत हो रही है। बेटे अपने पिता की डेडबॉडी नहीं ले रहे हैं। परिजनों द्वारा शव न लेने से शवों का रीती रिवाज से अंतिम संस्कार भी नही हो रहा है। स्थिति इतनी विकट है कि नदियों में शव तैर रहे हैं,शवों को गिद्ध और कुत्ते नोच रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच कुछ संस्थायें और लोग ऐसे भी हैं जो ऐसे कामों के लिए आगे आकर मिसाल पेश कर रहे हैं। जहाँ लोग अपनों को कंधा नही दे रहे हैं,वहीं मानवता को जीवित रखने वाले लोग लावारिस लाशों का भी अंतिम संस्कार पूरे रीती रिवाज से कर रहे हैं। ऐसा ही मामला जनपद ग़ाज़ियाबाद के थाना मुरादनगर क्षेत्र में देखने को मिला।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 8 मई को ईस्टन पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर सड़क दुर्घटना में मुस्लिम समुदाय का 32 वर्षीय युवक घायल हो गया था। जिसको एमएमजी अस्पताल गाजियाबाद में भर्ती कराया गया। घायल युवक की 10 मई को मौत हो गई थी। मृतक का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने युवक की शिनाख़्त के तमाम प्रयास किये लेकिन युवक की कोई शिनाख़्त नही हो सकी। 72 घन्टे बाद गुरुवार को मुरादनगर थाना प्रभारी अमित कुमार के नेतृत्व में आईटीएस चौकी प्रभारी अतुल चौहान, कांस्टेबल प्रदीप कुमार कांस्टेबल देवेश कुमार ने क्षेत्र के सभ्रांत व्यक्तियों के साथ मिलकर मृतक का बसन्तपुर सैंथली के क़ब्रिस्तान में मुस्लिम रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कर दिया।
ऐसे माहौल में जब अपने ही अपनों को कंधा नही दे रहे हैं,तब पुलिस द्वारा लावारिस लाश को कंधा देने से लेकर मुस्लिम मृतक का मुस्लिम रीती रिवाज से अंतिम संस्कार करने के सराहनीय कार्य करने की चारो और प्रशंसा हो रही है। पुलिस का यह सराहनीय कार्य क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
अंतिम संस्कार में सहयोग करने वालों में बसन्तपुर सैंथली गाँव के मोहम्मद शब्बीर, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद रफीक आदि शामिल रहे।