बिहार में जनहित के कार्य करने पर कैलाश ख़ैर ने पत्रकार मुन्ने भारती को दी बधाई
नई दिल्ली
फ़िल्म जगत के प्रसिद्ध कलाकार कैलाश खेर ने एक वीडियो जारी करके पत्रकार एम अतहरउद्दीन उर्फ़ मुन्ने भारती द्वारा बिहार के वैशाली ज़िले के अपने पैतृक गाँव करनेजी में दिल्ली में रहते हुए जनहित में करोड़ों की लागत से अस्पताल , स्कूल, सड़क के साथ अन्य कार्य कराने पर उनको बधाई दी है।
कैलाश खेर ने अपने जारी वीडियो में मुन्ने भारती की ऊर्जा और उनके जज़्बे को सलाम करते हुए एक शेर “तू जो चाह ले अगर तो कदमों में हो शिखर .. तू ख़ुद पर यक़ीं कर “ पढ़ते हुए कहते कि मेरे भारत में बहुत ऐसी शख़्सियत हुई हैं, जो जहां है वहीं से ज़िंदगी में बदलाव लाये हैं। उन्होंने एक मिसाल देते हुए कहा कि बिहार एक ऐसी धरती है जहां पर दशरथ माँझी एक ऐसी विभूति हुई हैं। जिन्होंने पर्वत को स्वयं तोड़कर सड़क निर्माण करना प्रारंभ किया था। 22,23 साल लगे लेकिन उन्होंने पूरी सड़क निर्माण कर दी।
कैलाश खेर ने पत्रकार मुन्ने भारती को वीर का ख़िताब देते हुए कहा कि आज भी ऐसे वीर पृथ्वी पर हैं। पृथ्वी वीरों से ख़ाली नहीं है, तभी तो मुन्ने भारती के अंदर एक चेतना जगी, चलो क्यूँ ना अपने गाँव का सुधार अपने स्तर पर ही करा लें। बिहार के एक ऐसे गाँव का सुधार उन्होंने किया मूलभूत सुविधाओ का निर्माण कराया। उन्होंने आख़िरी में मुन्ने भारती की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि मेरा भारत ऐसे ही लोगों से जाना जाता है, ऐसे वीर को मेरा सलाम।
वहीं दूसरी तरफ पत्रकार बिरादरी ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से माँग की है कि पत्रकार मुन्ने भारती को पद्म सम्मान से सम्मानित किया जाए। क्योंकि दिल्ली में पत्रकारिता करते हुए अपने पिछड़े गाँव में अस्पताल , स्कूल सहित करोड़ों रूपये की विकास योजना जनहित में अंजाम दे दिया। आज उनके प्रयास से ही गाँव में अस्पताल और स्कूल भवन का निर्माण के साथ जनहित में बहुत सारे काम हो सके हैं। बहुत सारी बेवाओं को ग़ैर सरकारी पेंशन और शिक्षा के लिए गाँव से स्कूल भेजना के साथ गाँव में बाढ़ राहत में कई लाख रूपये कि राहत सामग्री बँटवाईं, जनहित में इनके काम गाँव से लेकर दिल्ली तक मौजूद हैं। इसलिए इनके जनहित और इंसानियत के लिए किए गये काम को देखते हुए पद्म सम्मान से सम्मानित किया जाना चाहिए। पत्रकार अनिल यादव, एवं पत्रकार आशीष माहेश्वरी ने पत्रकारों से मिलकर पद्म सम्मान की इस मुहिम को मज़बूती के साथ आगे जारी रखा है। इस मुहिम में पत्रकारों के अलावा अन्य सामाजिक संगठन जुड़ रहे हैं।