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बुज़ुर्ग दम्पत्ति हत्याकांड: जिसे बनना था बुढ़ापे का सहारा,वही बन गया हत्यारा

बुज़ुर्ग दम्पत्ति हत्याकांड: जिसे बनना था बुढ़ापे का सहारा,वही बन गया हत्यारा

ग़ाज़ियाबाद
गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में हुई बुजुर्ग दंपत्ति की हत्या का पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। बुज़ुर्ग दम्पत्ति जिसे बुढ़ापे का सहारा समझ रहे थे,वही उनका हत्यारा निकला। कलयुगी पुत्र ने जायदाद के लालच तथा माता-पिता की उपेक्षा से नाराज़ होकर बुज़ुर्ग माता-पिता की हत्या कर दी। पुलिस ने हत्यारोपित बेटे को गिरफ़्तार कर लिया है।
मूलरूप से बागपत ढकोली के रहने वाले सुरेन्द्र कुमार ढाका काफ़ी समय से गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र की बलराम नगर कॉलोनी में अपने परिवार के साथ दो मंजिला मकान में रह रहे थे।


सुरेन्द्र ढाका पास में ही परचून की दुकान करते थे तथा वह ब्याज पर रूपये देने का काम भी करते थे। सुरेन्द(70वर्ष) की पत्नी सन्तोष(63वर्ष) स्वास्थ्य विभाग से एएनएम के पद से रिटायर हुई थीं। शुक्रवार शाम को उनके बेटे रवि ढाका ने पुलिस को सूचना दी कि उनके माता-पिता की लूट के इरादे से गला घोटकर हत्या कर दी गई है। मामले की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि सूचना देने वाला रवि शवों के पास बैठकर रो रहा था। घर के अंदर रखी अलमारियों के दरवाजे खुले हुए थे तथा सब सामान अस्त-व्यस्त पड़ा था।
पुलिस को रवि ढाका ने बताया कि वह एक कम्पनी में काम करता है। जब वह शाम को घर वापस आया तो माता-पिता अलग-अलग फ्लोर पर मृत अवस्था में पड़े थे। कलयुगी पुत्र ने बताया था कि उनके परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है।


दोहरे हत्याकांड की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ ईरज राजा ने मौक़ै का जायज़ा लिया। एसपी ग्रामीण को सन्देह हुआ कि हत्याओं को लूट का जामा पहनाने के लिए घर का सामान अस्त-वयस्त किया गया है।
पुलिस ने मृतक के रिश्तेदारों तथा बेटे से सख़्ती से पूछताछ की तो एसपी देहात का शक सही निकला। प्रॉपर्टी के लालच में पुत्र ने ही मां-बाप की गला घोटकर हत्या की थी।
एसपी ग्रामीण ईरज राजा ने पूरे मामले का खुलासा करते हुये बताया कि मृतक दंपत्ति के दो बेटे थे। इनमें से छोटे बेटे गौरव की एक दुर्घटना में मौत हो गई। आरोपित रवि ने अपनी मर्ज़ी से शादी की थी,इसलिये दम्पत्ति आरोपित को ज़्यादा अहमियत नही देते थे। मृतक दम्पत्ति का छोटे बेटे और उसके परिवार से ज्यादा लगाव था। दम्पत्ति पैसे वग़ैरह भी छोटे बेटे के बच्चों को देते थे। जिससे रवि कुढ़न महसूस करता था। गौरव की मृत्यु के बाद दम्पत्ति अपनी जायदाद का बड़ा हिस्सा गौरव के परिवार को देना चाहते थे। जिसको लेकर बड़ा बेटा रवि नाराज़ रहता था। वह कुछ दिनों से अपने माँ-बाप की हत्या की योजना बना रहा था।

शुक्रवार को गौरव की पत्नी एवं रवि की पत्नी बच्चों को लेकर अपने-अपने मायके गयी हुई थीं। मौक़ा देख कर रवि ने पहले ग्राउण्ड फ्लोर अपने पिता सुरेन्द्र तथा फिर फर्स्ट फ्लोर पर अपनी माँ सन्तोष की गला घोट कर हत्या कर दी और पुलिस को गुमराह करने के लिए सामान अस्त-व्यस्त कर दिया। हत्या करने के बाद रवि घर से कम्पनी के लिए चला गया। दोपहर को एक बजे वह कम्पनी से वापस आया। लेकिन वह घर न जाकर अपने दोस्तों के साथ जुआ खेलने लगा। उसका प्लान था कि कोई पड़ोसी लाश देख कर सूचना दे। जिससे पुलिस उस पर शक न करे। लेकिन रवि का यह प्लान सफल नही हो सका। जब शाम तक कोई उसके घर नही गया तो वह खुद अपने घर गया तथा पुलिस को सूचना दी।
पुलिस आरोपित को गिरफ़्तार करके आगे की कार्यवाई कर रही है।

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