नई दिल्ली(शमशाद रज़ा अंसारी)
सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ हुये आंदोलन का केंद्र रहा शाहीन बाग़ आज पूरे विश्व में जाना जाता है। वो शाहीन बाग़ ही था जहाँ से सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ शमा रौशन हुई थी। दूर-दराज से लोग आकर शाहीन बाग़ में हो रहे धरने प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते थे। यहाँ पर आकर सेल्फ़ी लिया करते थे। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण आंदोलन को रोकना पड़ा। उसके बाद शाहीन बाग़ की किसी को ख़बर नही है। आंदोलन के समय दिन-रात भीड़ से गुलज़ार रहने वाले शाहीन बाग़ में आज कूड़े का अम्बार लगा हुआ है।
ओखला ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष परवेज़ आलम ने अचानक शाहीन बाग़ की ओर सबका ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने दिखाया कि भीड़ से गुलज़ार रहने वाले शाहीन बाग़ में किस तरह कूड़े का अम्बार लगा हुआ है।
शाहीन बाग़ पहुँचे परवेज़ आलम ने कहा कि सीएए-एनआरसी पर जो शाहीन बाग़ पूरी दुनिया पर परचम लहरा चुका है। पूरी दुनिया शाहीन बाग़ को सलाम करती है। पूरी दुनिया शाहीन बाग़ को जानती और मानती है उस शाहीन बाग का,यहां के पार्षद के निकम्मेपन ने क्या हश्र कर दिया है। पूरे वार्ड में जगह जगह कूड़े का अम्बार है,सफाई नदारद है। 8 न. पर नाले को आधा अधूरा साफ करके मलबा वहीं छोड़ दिया गया। यह सिर्फ यहीं का हाल नही है,पूरे शाहीन बाग़ और अबु फ़ज़ल का यही हाल है। शाहीन बाग़ से ही सीएए-एनआरसी को लेकर पूरी दुनिया में इंकलाब आया था।
परवेज़ आलम ने कहा मैं चुने हुये नुमाइंदों से अपील करता हूँ कि शाहीन बाग़ का जो रुतबा है उसे बनाये रखें। इलाके के लोगों ने आपको ज़िम्मेदारी दी है। नींद से जागें और काम करें। अगर आप नही कर सकते तो साफ़-साफ़ मना कीजिये। शाहीन बाग़ की जनता के साथ मिलकर हम यहाँ साफ़-सफाई करेंगे।
परवेज़ आलम ने आरोप लगाया कि यकीनन नाले की सफाई और मलबा हटाने के नाम पर पैसा खाया गया है जिसकी जांच होनी चाहिए।
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