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मन्दिर में चोरी करने घुसे चोर का भगवान ने पकड़ा हाथ,चोर गया सलाखों के पीछे

मन्दिर में चोरी करने घुसे चोर का भगवान ने पकड़ा हाथ,चोर गया सलाखों के पीछे

छत्तीसगढ़
कहा जाता है कि भगवान जिसका हाथ पकड़ लेते हैं, उसकी तरक्की निश्चिन्त है। जिसका हाथ भगवान पकड़ लें उसकी नैया पार हो जाती है। लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा मामला देखने को मिला जब भगवान द्वारा हाथ पकड़ने पर जेल की हवा खानी पड़ी।
यह रोचक मामला कोरबा शहर के पावर हाउस रोड पर स्थित श्रीसिद्ध वटेश्वर हनुमान शनि मंदिर का है। रविवार की रात ताला तोड़कर दो चोर दान पेटी से रूपये चोरी करने मंदिर में घुसे थे। एक ने जैसे ही लोहे की दान पेटी में हाथ डाला,उसका हाथ उसी में फंस गया। चोर व उसका साथी पूरी रात हाथ निकालने की कोशिश करते रहे पर सफल नहीं हो पाए। चोर के साथी ने लकड़ी व मंदिर में लगे त्रिशूल से दान पेटी को क्षतिग्रस्त कर हाथ निकालने का प्रयास किया पर शनिदेव के प्रकोप से बच नहीं सके।


खास बात यह रही कि पुजारी ने दरवाजा बंद कर जैसे ही पुलिस को सूचना दी, चोर का फंसा हाथ भी बाहर निकल गया। आस पास के लोगों से प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक सोमवार को सुबह पांच बजे श्रीसिद्ध वटेश्वर हनुमान-शनि मंदिर के पुजारी मंदिर पहुंचे तो नजारा देखकर अवाक रह गए। मंदिर की दानपेटी के पास दो युवक खड़े थे।
उनमें से एक की कलाई दानपेटी में फंसी थी तो दूसरा युवक उसके बाजू में असहाय खड़ा था। पुजारी ने मन्दिर का ताला लगा कर आसपास के लोगों तथा पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। हालाँकि गुस्साए लोगों ने चोरों के साथ मारपीट करने का प्रयास किया,लेकिन पुलिस उन्हें बचा कर थाने ले गई।
युवकों ने बताया कि वे दानपेटी से पैसे निकालने की कोशिश कर रहे थे। तभी एक चोर की कलाई इसमें फंस गई। साथी चोर ने लकड़ी और त्रिशूल अड़ाकर हाथ बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए। कोतवाली टीआइ दुर्गेश शर्मा ने बताया कि दोनों बालको के नेहरू नगर के रहने वाले हैं। जिस आरोपित का हाथ फंसा उसका नाम अजय और उसके साथी का नाम सुमित है। दोनों शातिर चोर हैं और चोरी के कई मामले इनके खिलाफ दर्ज हैं।

साथी ने निभाई दोस्ती

हाथ फंसने के बाद पकड़े जाने की सम्भावना के बद भी चोर के दूसरे साथी ने उसका साथ नही छोड़ा। चोर का साथी चाहता तो दूसरे चोर को छोड़ कर जा सकता था। लेकिन वह दोस्ती निभाते हुए अपने साथी के साथ वहीं खड़ा रहा। साथी चोर की इस वफ़ादारी की वहाँ उपस्थित लोगों में तारीफ़ की।

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