मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्री परिषद ने लिए महत्वपूर्ण निर्णय
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्री परिषद द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये। मंत्री परिषद ने निर्णय निर्णय लिया कि वर्ष 2021-22 में 30 करोड़ पौधरोपण हेतु प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों / मा० न्यायालय परिसरों / कृषकों / संस्थाओं / व्यक्तियों / शिक्षण संस्थाओं आदि को वन एवं वन्य जीव विभाग की पौधशालाओं से निःशुल्क पौध उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया है। यह निर्णय प्रदेश के पर्यावरणीय लाभ एवं कृषकों की आय में वृद्धि के दृष्टिगत लिया गया।
मंत्रिपरिषद ने वर्ष 2021-22 में 30 करोड़ पौधरोपण हेतु प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों / मा० न्यायालय परिसरों / कृषकों / संस्थाओं / व्यक्तियों / निजी एवं शासकीय शिक्षण संस्थाओं / भारत सरकार के विभाग एवं उपक्रम / स्थानीय निकायों यथा ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर निगम, नगर पालिका परिषद प्राधिकरण आदि / रेलवे / रक्षा / औद्योगिक इकाइयां / सहकारी समितियां एवं अन्य को वन एवं वन्य जीव विभाग की पौधशालाओं से निःशुल्क पौध (यूकेलिप्टस एवं पॉपलर को छोड़कर) उपलब्ध कराये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह निर्णय प्रदेश के पर्यावरणीय लाभ एवं कृषकों की आय में वृद्धि के दृष्टिगत लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 में 30 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से लगभग 10.80 करोड़ पौधों का रोपण वन विभाग द्वारा तथा लगभग 19.20 करोड़ पौधों का रोपण राज्य सरकार के अन्य राजकीय विभागों द्वारा जनहित सहभागिता के माध्यम से कराया जाना है। इसमें नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, जनपद स्तरीय विभागों के मुख्यालय, विकास खण्डों, कृषकों, समाज सेवी संस्थाओं तथा एन०एस०एस० के कार्यकर्ताओं का सहयोग पौधरोपण में कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए प्राप्त किया जाएगा।
वृक्षारोपण जन आन्दोलन, 2021-22 का उद्देश्य प्रदेश के वनावरण व वृक्षावरण में वृद्धि, जैवविविधता का संरक्षण एवं विकास तथा जन सहयोग से वानिकी को जन आन्दोलन बनाया जाना है। वन विभाग वृक्षारोपण हेतु एक तकनीकी विभाग है। विभाग में पौधरोपण हेतु पर्याप्त बजट उपलब्ध है और निर्धारित 10.80 करोड़ पौधरोपण के सापेक्ष 1755 पौधशालाओं में 42 करोड़ पौधे तैयार किये जा चुके हैं। वन विभाग को छोड़कर अन्य राजकीय विभागों के पास सामान्यतः बजट उपलब्ध नहीं रहता है। वन विभाग द्वारा इसी कारण प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों एवं अन्य को वन विभाग एवं उद्यान विभाग की पौधशालाओं से निःशुल्क पौध (यूकेलिप्टस और पॉपलर को छोड़कर) उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है। 30 करोड़ पौधरोपण से प्रदेश की हरीतिमा में वृद्धि होगी तथा प्रदूषण की रोकथाम एवं भूजल स्तर में बढ़ोत्तरी होगी। पौधों के रोपण से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कृषकों की आय में भी वृद्धि होगी। इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप रोजगार सृजन होगा। अभियान में शासकीय विभागों द्वारा वृक्षारोपण कराये जाने से मानकों के अनुसार रोजगार का भी सृजन होगा।