Header advertisement

मुन्ना खान को जबरन धर्मान्तरण में फंसाने वाली को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार,कहा “अध्यादेश पास होते ही कैसे हो गयी जागरूक”

मुन्ना खान को जबरन धर्मान्तरण में फंसाने वाली को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार,कहा “अध्यादेश पास होते ही कैसे हो गयी जागरूक”

महोबा
उत्तर प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए लाए गए अध्यादेश के तहत गिरफ्तार हुए एक शख्स को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। शख्स को एक महिला का अपहरण करने, उसके साथ बलात्कार करने और शादी के लिए उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
आरोपित का नाम मुन्ना खान है जो महोबा में रहता है। उसे इस आधार पर जमानत दे दी गई क्योंकि कोर्ट ने पाया कि कथित पीड़िता, आरोपित के साथ रिलेशनशिप में थी, जो उसका पड़ोसी था। कोर्ट ने ये भी पाया कि पीड़िता के साथ जो कुछ भी हुआ, उसमें वो बराबर की भागीदार थी।
इसी साल 4 मार्च को कोतवाली नगर पुलिस थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद आरोपित को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि दोनों महोबा के एक ही मोहल्ले बजरिया में पिछले चार वर्षों से एक साथ रह रहे थे। उनके बीच शाररिक संबंध थे। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि मुन्ना खान ने पीड़िता की अश्नील तस्वीरें और वीडियो बना लिए थे, जिनके आधार पर उसे ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करता रहा। यह रिश्ता चार वर्षों तक लगातार चलता रहा और इस दौरान पीड़िता ने न कभी विरोध किया और न ही किसी से शिकायत की।
युवती से चार साल तक दुष्कर्म करने और धर्म बदलने का दबाव डालने के आरोपित की जमानत मंजूर करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिकायत दर्ज कराने वाली पीड़िता को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।


महोबा निवासी मुन्ना खान की ज़मानत अर्जी पर सुनवाई करते हुये न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने कहा कि अपनी मर्जी से चार साल तक आरोपित के साथ रहने वाली पीड़िता को प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश लागू होते ही अचानक अपने अधिकारों की जानकारी हो गई। उसके कृत्य से उसकी मानसिकता उजागर होती है।
मुन्ना खान को जमानत देते हुए कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को दिए पीड़िता के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें पीड़िता ने बताया था कि 8 दिसंबर 2020 को दीपक कुशवाहा नामक व्यक्ति से शादी करने से पहले वो 4 साल तक आरोपी के साथ रिलेशन में थी। शादी के बाद लड़की पति के साथ दिल्ली चली गई, लेकिन 8 फरवरी को वो अपने माता-पिता के पास महोबा लौट आई। इसके बाद वो 18 फरवरी को मुन्ना खान के साथ भाग गई और 2 मार्च तक उरई में मुन्ना की बहन के घर पर ही ठहरी।


लेकिन दो दिन बाद, यानी 4 मार्च को एफआईआर में लड़की ने मुन्ना और उसकी बहन पर धर्म बदलवाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया। इस पर कोर्ट ने कहा कि लड़की आरोपित के साथ 4 साल तक रिलेशन में रही, लेकिन अध्यादेश पास होने के बाद लड़की अपने अधिकारों को लेकर अचानक कैसे जागरूक हो गई? महोबा जैसे छोटे शहर में यह संभव नहीं है कि पीड़िता आरोपित की पृष्ठ भूमि और धर्म से परिचित न रही हो। वह भी चार साल तक उसके साथ रहने के बाद। आरोपित के पास से पुलिस को जांच में कोई फोटोग्राफ या वीडियो नहीं मिला है। अपने बयान में भी पीड़िता ने कहा है कि वह पिछले चार वर्षों से आरोपी के साथ रिश्ते में थी। पीड़िता की हकीकत उसके बयानों से ही जाहिर होती है। आज की तारीख तक उसका धर्म परिवर्तन नहीं हुआ है। जिससे अध्यादेश की धारा 12 इस मामले में लागू नहीं होती है। हालांकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि जमानत आदेश में की गई टिप्पणियों का ट्रायल कोर्ट के फैसले पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
उत्तर प्रदेश में धर्मान्तरण संबंधी अध्यादेश नवंबर, 2020 में लाया गया मगर सरकार ने इसे मार्च 2021 में गजट में प्रकाशित किया। चार मार्च, 2021 को राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह प्रभावी हुआ।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *