राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान के वार्षिक पुरस्कार एवं सम्मान समारोह में साहित्य सेवी कर्मचारियों व अधिकारियों का हुआ सम्मान,23 विभूतियों को मिला साहित्यकार गौरव सम्मान
लखनऊ
साहित्य हमें अवसाद से बचाता है। सेवा काल में रहते हुए हम यह सोचते हैं कि हम नहीं रहेंगे तो कार्य कैसे होंगे, लेकिन सत्य तो यह है कि सारे कार्य हमारे होने पर ही हैं।
उक्त बातें अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने कही। वह रविवार को राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान की ओर से कैसरबाग स्थित कलामंडपम सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए राज्य कर्मचारियों व अधिकारियों को अंग वस्त्र, एक लाख रुपये व स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।
राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. हरिओम ने कहा समाज के सिंहावलोकन का महत्वपूर्ण काम इतिहासकार करता है। इतिहासकार भी कभी न कभी चूकता है। वह जहां चूकता है, उसे सहित्यकार समेट लेता है। साहित्य और साहित्यकार से जो चीजें छूटती हैं, उसे लोकमानस समेट लेता है। इस तरह हमारा लोक सबसे महत्वपूर्ण होता है। जनश्रुतियों में इतिहास का संकलन युगों-युगों तक स्वतः संचालित होता आ रहा है।
डाॅ. हरिओम ने आगे कहा कि साहित्य मानवीय सभ्यता को आगे ले जाने वाली ताकत है। साहित्यकार की दृष्टि बहुरंगी है। इस खूबसूरती को बचाना है। आने वाले वक्त के लिए जो हम धरोहर छोड़ जायेंगे, वहीं अपनी विरासत है।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ सीमा गुप्ता की वाणी वन्दना से हुआ। अतिथि स्वागत वरिष्ठ उपाध्यक्ष डाॅ. रविशंकर पांडेय ने किया। प्रगति आख्या संस्थान की महामंत्री डाॅ. शोभा दीक्षित ‘भावना’ ने प्रस्तुत की। मंचस्थ अतिथियों ने संस्थान की त्रैमासिक पत्रिका ‘अपरिहार्य’ एवं डाॅ. हरिओम की सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘कैलाश मानसरोवर यात्रा-आस्था के वैचारिक आयाम’ का लोकार्पण किया। संचालन डाॅ. रश्मि शील एवं सुनील बाजपेयी ने किया। विजय त्रिपाठी ने कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि/साहित्यकारों/श्रोताओं एवं अन्य उपस्थित महानुभावों के प्रति संस्थान ने आभार जताया।
इन 23 विभूतियों को मिला साहित्यकार गौरव सम्मान
संस्थान की पत्रिका ‘अपरिहार्य’ एवं संस्थान को अमूल्य योगदान देने हेतु वर्ष 2020-21 के लिए ज़ुहेर बिन सग़ीर, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, मुकेश आनन्द, राज महाजन, डाॅ. नलिन रंजन सिंह, एसपी गंगवार, डाॅ. श्याम बिहारी श्रीवास्तव, रश्मि शाक्य, विनय शंकर दीक्षित ‘आशु, डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह, अख़्तर ज़लील ‘अख़्तर’, दुर्गा शर्मा, मंजुल मयंक मिश्र ‘मंज़र’, डाॅ. शोभा त्रिपाठी, प्रतिभा गुप्ता, शरद मिश्र ‘सिन्धु’, श्रवण कुमार सेठ, अरशाना अज़मत, निशा सिंह ‘नवल’, अलका अस्थाना, जयनारायण बुधवार, डॉ. अतुल बाजपेयी, फै़ज़ ‘ख़ुमार बाराबंकवी’ को साहित्य गौरव सम्मान प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त डाॅ. उमेश ‘आदित्य’ को प्रशंसा पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। साहित्य गौरव सम्मान एवं प्रशंसा पत्र प्राप्त करने वाले साहित्यकारों को 5,100 रुपये की भेंट, स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र प्रदान किए गए।
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