राहुल गांधी की बात से सहमत हुये प्रधानमन्त्री,राज्यों को मुफ़्त मिलेगी वैक्सीन
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश को संबोधित किया। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर के बीच लोगों को जागरूक रहने की अपील की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के शुरू में कोरोना से मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की और उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमन्त्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान दो बड़े एलान किए। अब केंद्र सरकार 18 वर्ष से ऊपर वालों को भी मुफ्त में वैक्सीन राज्य सरकारों को उपलब्ध कराएगी। वहीं केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को बढ़ाकर दीपावली तक कर दिया है।
21 जून, सोमवार से देश के हर राज्य में, 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों के लिए, भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 फीसदी हिस्सा भारत सरकार खुद ही खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। देश की किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा। अब तक देश के करोड़ों लोगों को मुफ्त वैक्सीन मिली है। अब 18 वर्ष की आयु के लोग भी इसमें जुड़ जाएंगे। सभी देशवासियों के लिए भारत सरकार ही मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी
इसके अलावा 25 प्रतिशत कोरोना टीका निजी क्षेत्र के लिए छोड़ दिया जाएगा। निजी अस्पताल ये टीके खरीद कर उन लोगों को दे सकेंगे जो पैसे देकर उनसे टीका लेना चाहेंगे। लेकिन ये अस्पताल टीका की कीमत के ऊपर सिर्फ 150 रुपए सेवा शुल्क के रूप में ले सकेंगे।
प्रधानमन्त्री के इस ऐलान को लेकर कांग्रेस समर्थक प्रधानमन्त्री पर कटाक्ष कर रहे हैं। कांग्रेसी कह रहे हैं कि प्रधानमन्त्री को राहुल गांधी की बात समझने में 15 दिन लग गये।
दरअसल राहुल गांधी ने 24 मई को ट्वीट करके कहा था कि-
“वैक्सीन की ख़रीद केंद्र करे और वितरण राज्य- तभी हर गाँव तक वैक्सीन सुरक्षा पहुँच सकती है। ये सीधी-सी बात केंद्र सरकार को समझ क्यों नहीं आती?”
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से भारतवासियों की लड़ाई जारी है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के अनेक देशों की तरह भारत भी इस लड़ाई के दौरान बहुत बड़ी पीड़ा से गुजरा है। हममें से कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, ऐसे लोगों के साथ मेरी पूरी संवेदना है। साथियों बीते 100 वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है। इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी और न अनुभव की थी।
पीएम मोदी ने कहा, ‘इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है। कोविड अस्पताल बनाने से लेकर आईसीयू, वेंटिलेटर से टेस्टिंग लैब का नेटवर्क तैयार किया गया। दूसरी लहर में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी। भारत के इतिहास में इतनी ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई थी। इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया, ऑक्सीजन रेल, एयरफोर्स विमान, नौसेना के जहाज को लगाया गया।’
मोदी ने कहा, ‘कोरोना जैसे अदृश्य और रूप बदलने वाले दुश्मन के खिलाफ लड़ाई में सबसे प्रभावी हथियार कोविड प्रोटोकॉल है। मास्क और दो गज की दूरी ही अचूक हथियार है। वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है। पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं, गिनी-चुनी हैं।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘आप पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे। पोलियो की वैक्सीन हो, स्मॉक पॉक्स की वैक्सीन हो। हैपिटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था।’
उन्होंने कहा, ‘2014 में देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 फीसदी के आसपास था। हमारी दृष्टि में यह बहुत चिंता की बात थी। जिस रफ्तार से भारत का टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा था, उस रफ्तार से देश को शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने में करीब 40 साल लग जाते। हमने इस समस्या के समाधान के लिए मिशन इंद्रधनुष को लॉन्च किया। इसके माध्यम से युद्धस्तर पर वैक्सीनेशन किया गया. देश में जिसको भी वैक्सीनेशन की जरूरत है, उसे वैक्सीन दिया गया। हमने मिशन मोड में काम किया. सिर्फ 5-6 साल में वैक्सीनेशन कवरेज 60 फीसदी से बढ़कर 90 फीसदी से ज्यादा हो गई।’
प्रधानमंत्री ने यह भी एलान किया कि ग़रीबी रेखा से नीचे के लोगों को पहले से मिल रहा मुफ़्त राशन अब नवंबर तक मिलता रहेगा। इससे 80 करोड़ लोगों को फ़ायदा मिल रहा है।